शिमला: प्रदेश में 220 गौ सदनों का संचालन गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी किया जा रहा है, जिनमें से 127 गौ सदन हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग में पंजीकृत हैं. इसके अलावा एक समझौते के तहत सरकार की सहायता के बिना कंपनी पीपीपी मोड पर प्रति गौ अभ्यारण्य लगभग 3000 गायों को आश्रय प्रदान करेगी. यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुन्नी में गौ सदन के उद्घाटन के मौके पर कही.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्चुअल माध्यम से गौ सदन का उद्घाटन करते हुए (CM Jairam launched Gau Sadan in Sunni) कहा कि इस गौ सदन का निर्माण 2.22 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा की गई 20वीं पशु गणना के अनुसार प्रदेश में 36,311 बेसहारा पशु हैं. सीएम जयराम ने बताया कि राज्य सरकार ने इस अवधि में प्रदेश के विभिन्न भागों में गौ अभ्यारण्य एवं गौ सदनों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 31.16 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का प्रथम निर्णय बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन का लाभ लेने के लिए आयु को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष करना और गौ सेवा आयोग का गठन व प्रदेश के विभिन्न भागों में गौ अभ्यारणों का निर्माण करना था, ताकि बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान किया जा सके. उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारण्यों और गौ सदनों को चलाने के लिए (Gau Sadan in Himachal) संसाधन जुटाने के उद्देश्य से शराब पर एक रुपये प्रति बोतल सेस भी लगाया गया है.
मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि गौ सदनों में विशेषकर सर्दियों में, गायों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए. राज्य सरकार गौवंश योजना के तहत राज्य में गौ सदनों को प्रत्येक गाय प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने लोगों से गौ अभ्यारण्य और गौ सदनों में योगदान देने के लिए आगे आने का आग्रह किया.
इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सिरमौर जिले के कोटला बडोग क्षेत्र में बेसहारा गायों को आश्रय देने के लिए 1.67 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर एक गौ अभ्यारण्य की स्थापना की गई है. इसके अलावा जिला सोलन में हांडा कुंडी गौ अभ्यारण्य के (Handa Kundi Cow Sanctuary) निर्माण पर 2.97 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं.
वहीं, इस दौरान पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सुन्नी के गौ सदन में (CM Jairam launched Gau Sadan in Sunni) 500 गायों को रखने की क्षमता है और इससे बेसहारा पशुओं के लिए उचित आश्रय सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सत्ता संभालने के तुरंत बाद राज्य में परित्यक्त गायों को उचित आश्रय प्रदान करने के लिए राज्य में गौ सेवा आयोग स्थापित (Himachal Gau Sewa Commission) करने का निर्णय लिया है.
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