शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल का 58वां बजट पेश किया है. उन्होंने 2022-23 में 30 हजार सरकारी नौकरी की घोषणा की है. साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी का भी ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि बीएड और टीईटी योग्यता प्राप्त शास्त्री और भाषा अध्यापकों का पदनाम टीजीटी (संस्कृत) और टीजीटी (हिंदी) किया जाएगा. आपकों बता दें कि सीएम जयराम ने पिछले बजट में 30 हजार सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी.
भरे जाएंगे ये पद- सीएम जयराम ठाकुर ने बजट में घोषणा करते हुए कहा कि फंक्शनल पदों को भरने के लिए सरकार ने प्राथमिकता दी है. आगामी वर्ष में भी इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टर, डॉक्टर, नर्से, रेडियोग्राफर, ओटी सहायक, लैट टेक्निशियन, डेंटल हाइजीनिस्ट, फार्मासिस्ट, एमआरई टेक्निशियन, ईसीजी टेक्निशियन और अन्य टेक्निशियन्स के पद शामिल हैं.
प्रदेश में 780 आशा वर्कर्स के नए पद भरे जाएंगे. साथ ही 437 पद आशा फैसिलीटेटर, 870 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद भी भरे जाएंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के 264 पद भरे जाएंगे. हमीरपुर, नाहन, चंबा और नेरचौक में स्थित नए आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में फैकल्टी और श्रेणियों के पद भरे जाएंगे.
मानदेय में बढ़ोतरी- आंगनबाड़ी वर्कर्स को अब 9 हजार रुपये मासिक मानदेय, मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को 6 हजार रुपये, आंगनबाड़ी सहायक को 46 सौ रुपये, आशा वर्कर्स को 47 सौ रुपये, पंचायत चौकीदार को 64 सौ रुपये, सिलाई अध्यापिकाओं को 7850 रुपये, मिड डे मील वर्कर्स को 34 सौ रुपये, वाटर कैरियर (शिक्षा विभाग) को 38 सौ रुपये, वाटर गार्ड को 44 सौ रुपये, पैरा फिटर और पंप ऑपरेटर को 54 सौ रुपये प्रतिमाह मिलेंगे.
जारी रहेगी SMC शिक्षकों की सेवाएं- दिहाड़ीदारों को 350 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी, राजस्व चौकीदारों को 49 सौ रुपये प्रतिमाह, राजस्व लंबरदार को 31 सौ रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. आई टीचर्स के मानदेय में प्रतिमाह 1 हजार रुपये और एसपीओ को 8 सौ रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी होगी. एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 1 हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी की जाएगी. एसएमसी शिक्षकों की सेवाएं भी जारी रखा जाएगा.
हर एक का दर्द सीने में ले चलते हैं
सब के दामन को खुशियों से भरते हैं.
यही चाहते हैं न रहे कोई जरूरतमंद
दिन रात सब के सपनों को पूरा करते हैं.
- बीएड और टीईटी योग्यता प्राप्त शास्त्री और भाषा अध्यापकों का पदनाम टीजीटी (संस्कृत) और टीजीटी (हिंदी) किया जाएगा
- प्रवक्ता (School cadre) और प्रवक्ता (School new) श्रेणियों का समान पदनाम प्रवक्ता (School) किया जाएगा
- इसके अतिरिक्त टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नत हो चुके अध्यापकों को मुख्याध्यापक बनने के लिए एक बार का विकल्प दिया जाएगा
- पात्र ग्राम पंचायत वेटरनरी असिस्टेंट को फार्मासिस्ट के पद नियुक्त किया जाएगा
- गृह रक्षकों के लिए जिला और प्रदेश से बाहर जाने पर दैनिक भत्ता दिया जाएगा
- गृह रक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का रैंक अलाउंस भी बढ़ाया जाएगा.
- आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में 15 रुपये प्रतिमाह की बड़ी बढ़ोतरी
हिमाचल में 8 लाख युवा बेरोजगार: वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक के आंकड़ों की जानकारी सदन में मांगी गई थी. सरकार ने जो जवाब दिया था, उसके अनुसार हिमाचल में 8 लाख, 46 हजार, 209 पंजीकृत बेरोजगार हैं. इनमें से 76318 एमए पास युवा हैं. ग्रेजुएट युवाओं की संख्या 1,36,517 है. सबसे अधिक पंजीकृत बेरोजगार दस जमा दो पास हैं. इनकी संख्या चार लाख से अधिक हैं. दसवीं पास बेरोजगार युवाओं की संख्या 1.95 लाख से अधिक हैं. दसवीं क्लास के कम शिक्षा वाले पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या 33 हजार से अधिक है.
2021 में 30 हजार सरकारी नौकरियां का वादा: कोरोना संकट के दौरान मार्च 2021 में जयराम सरकार का बजट (jairam government budget) पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक का था. हिमाचल में पहली बार बजट का आंकड़ा पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ था. उस बजट में सीएम जयराम ठाकुर ने ऐलान किया था कि कुल तीस हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. उस दौरान हैल्थ में चार हजार, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 4 हजार पद, शिक्षा विभाग में ही आठ हजार अन्य पद, लोक निर्माण विभाग में 5 हजार पद, जलशक्ति विभाग में चार हजार पद भरने सहित अन्य फंक्शनल पद भरे जाएंगे. उससे पहले भी बजट में 20 हजार पद भरने का ऐलान किया गया था. साथ ही रोजगार मेलों के माध्यम से प्रदेश में 7 हजार बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में रोजगार देने की घोषणा भी की गई थी. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा दौर में सवा दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं.
हिमाचल में बोरोजगारी अहम मुद्दा: हिमाचल प्रदेश के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती मानते हैं कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी (youth unemployed in Himachal) देना संभव नहीं है. सरकार को निजी सेक्टर के साथ ही पर्यटन सेक्टर में रोजगार (employment in tourism sector in himachal) के साधन विकसित करने पर ध्यान देना होगा. हिमाचल प्रदेश में बागवानी सेक्टर को भी प्रोत्साहन देकर रोजगार का संकट काफी हद तक हल किया जा सकता है. माकपा नेता डॉ. केएस तंवर का कहना है कि सरकारी विभागों में सभी फंक्शनल पद भरने के लिए गंभीरता दिखानी होगी, रोजगार के नए साधनों को तलाशने की जरूरत है.
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