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CM ने अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- जनता तक पहुंचे केंद्र के आर्थिक पैकेज का लाभ

जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 के उपरान्त की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हो सकता है.

Chief Minister Jairam Thakur's meeting with administrative secretaries
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए आदेश कहा, जनता तक पहुंचे केंद्र से घोषित आर्थिक लाभ
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Published : May 16, 2020, 11:42 PM IST

शिमलाः कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए. केंद्रीय पैकेज को भी जयराम ने प्रदेश की तरक्की के लिए सहायक बताया है.


जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 के उपरान्त की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हो सकता है, लेकिन आवश्यकता केवल उपलब्ध संभावित क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अर्थ-व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित औद्योगिक पैकेज का हिमाचल को सीधा लाभ होगा. राज्य की 55,000 औद्योगिक इकाइयों में से 98 प्रतिशत से अधिक इस श्रेणी में आती हैं, इसलिए इस घोषणा से राज्य का औद्योगिक क्षेत्र काफी लाभान्वित होगें.

उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी इकाइयां मध्यम स्तर की श्रेणी में भी हैं, जिस कारण वे राज्य और केंद्र के एमएसएमई लाभों के लिए पात्र होंगी. उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में कारगर साबित होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये को सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के लिए दिया गया है, जिसके तहत दो लाख ऐसे उद्यमों को क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाकर सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मटर, पारंपरिक बाजरा, अदरक, लहसुन, दालें, हल्दी, लाल चावल आदि उगाने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा. ताकि प्रदेश को इस परियोजना के तहत केंद्र से पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सके.

जय राम ठाकुर ने कहा कि आर्थिक पैकेज से एमएसएमई क्षेत्र, पर्यटन, श्रम कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आवास क्षेत्र, प्रवासी मजदूरों, रोजगार सृजन और कृषि, बागवानी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आम लोगों की समस्याओं को कम करने और सुलझाने के लिए भी कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 850 से 1500 की सीमा में पात्र व्यक्तियों को 217 करोड़ रुपये अग्रिम सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में जारी किए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 5.69 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं.

जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए घोषित 1.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग प्रशासनिक सुधार और सुशासन के अलावा अन्य प्रणालियों की आपूर्ति श्रृंखला, भंडारण और स्थापना पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी फलों और सब्जी उत्पादकों के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को टमाटर, प्याज और आलू के अलावा फलों और सब्जियों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी मूल्य श्रृंखला बनाई जानी चाहिए.

शिमलाः कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए. केंद्रीय पैकेज को भी जयराम ने प्रदेश की तरक्की के लिए सहायक बताया है.


जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 के उपरान्त की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हो सकता है, लेकिन आवश्यकता केवल उपलब्ध संभावित क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अर्थ-व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित औद्योगिक पैकेज का हिमाचल को सीधा लाभ होगा. राज्य की 55,000 औद्योगिक इकाइयों में से 98 प्रतिशत से अधिक इस श्रेणी में आती हैं, इसलिए इस घोषणा से राज्य का औद्योगिक क्षेत्र काफी लाभान्वित होगें.

उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी इकाइयां मध्यम स्तर की श्रेणी में भी हैं, जिस कारण वे राज्य और केंद्र के एमएसएमई लाभों के लिए पात्र होंगी. उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में कारगर साबित होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये को सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के लिए दिया गया है, जिसके तहत दो लाख ऐसे उद्यमों को क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाकर सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मटर, पारंपरिक बाजरा, अदरक, लहसुन, दालें, हल्दी, लाल चावल आदि उगाने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा. ताकि प्रदेश को इस परियोजना के तहत केंद्र से पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सके.

जय राम ठाकुर ने कहा कि आर्थिक पैकेज से एमएसएमई क्षेत्र, पर्यटन, श्रम कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आवास क्षेत्र, प्रवासी मजदूरों, रोजगार सृजन और कृषि, बागवानी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आम लोगों की समस्याओं को कम करने और सुलझाने के लिए भी कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 850 से 1500 की सीमा में पात्र व्यक्तियों को 217 करोड़ रुपये अग्रिम सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में जारी किए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 5.69 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं.

जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए घोषित 1.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग प्रशासनिक सुधार और सुशासन के अलावा अन्य प्रणालियों की आपूर्ति श्रृंखला, भंडारण और स्थापना पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी फलों और सब्जी उत्पादकों के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को टमाटर, प्याज और आलू के अलावा फलों और सब्जियों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी मूल्य श्रृंखला बनाई जानी चाहिए.

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