शिमला: प्रदेश में उपचुनावों को देखते हुए मंडी संसदीय क्षेत्र और फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्रों के उप-निर्वाचन के दृष्टिगत गुरुवार को यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सी. पालरासु (Chief Electoral Officer C. Palrasu) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में निर्वाचन व्यय निगरानी के संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को निर्वाचन व्यय निगरानी नियमावली (फरवरी, 2019) के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी.
सी. पालरासु ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए स्टार कैम्पेनर की संख्या राष्ट्रीय दलों के लिए 20 और राज्य स्तरीय दलों के लिए 10 निर्धारित की गई है और इनकी सूची निर्वाचन अधिसूचना जारी होने की तिथि से 10 दिनों के भीतर उपलब्ध करवानी होगी. उन्होंने कहा कि अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार राजनीतिक दलों को उनके प्रत्याशी चयनित होने की तिथि से 48 घंटे के भीतर और नामांकन की प्रथम तिथि से दो सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो, की अवधि में उन पर चल रहे मामलों की सार्वजनिक जानकारी देनी होगी.
राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर ऐसे प्रत्याशियों के लम्बित आपराधिक मामलों का विवरण देना होगा और साथ ही ऐसे प्रत्याशी को चयनित करने के कारण भी बताने होंगे. यह जानकारी एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित करवाने के अलावा राजनीतिक दल के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिसमें फेसबुक और ट्वीटर भी शामिल हैं, पर भी दर्शानी होगी. राजनीतिक दलों को इस बारे में प्रत्याशी चयन के 72 घंटे की अवधि में इसकी अनुपालना रिपोर्ट चुनाव आयोग को जमा करवानी होगी.
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अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को भी इस बारे में चुनाव अवधि में एक घोषणा समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से तीन बार प्रकाशित व प्रसारित करनी होगी. नामांकन वापस लेने की तिथि (date of withdrawal of nomination) से अगले दिन और मतदान पूर्ण होने से 48 घंटे पूर्व की अवधि में निर्धारित प्रपत्र पर यह घोषणा करनी होगी. पहली बार नामांकन वापस लेने की तिथि से चार दिनों की अवधि में, दूसरी पांच से आठ दिनों के मध्य तथा तीसरी बार 9वें दिन से लेकर चुनाव प्रचार अभियान के अन्तिम दिन के मध्य प्रकाशित करनी होगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को कोविड-19 नियमों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी. घर-घर प्रचार के दौरान प्रत्याशी सहित केवल पांच लोगों को ही प्रचार की अनुमति होगी. उपचुनाव में किसी भी रैली (रोड-शो, मोटर रैली, बाइक रैली, साइकिल रैली) की अनुमति नहीं होगी. वर्चुअल माध्यम से प्रचार के दौरान एक स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक रहेगी और इस दौरान कोविड-19 नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी.
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राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सभाओं और रैलियों से जुड़ी व्यय योजना निर्धारित प्रपत्र पर जमा करनी होगी. नामांकन दाखिल करने सहित रैली इत्यादि तथा झंडे, टोपियां, मफलर, वाहन इत्यादि जिसमें प्रत्याशी का नाम अथवा फोटो अंकित हो, उनके व्यय को प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा. आंतरिक सभाओं में कुल क्षमता का 30 फीसदी 200 लोगों के एकत्र होने की अनुमति होगी। खुले स्थानों पर कुल क्षमता का 50 प्रतिशत अथवा स्टार कैम्पेनर के लिए 1000 तथा अन्य सभी सभाओं में 500 लोगों के एकत्र होने की अनुमति होगी. मतदान वाले दिन अधिकतम दो वाहनों जिनमें प्रति वाहन तीन व्यक्ति हों, की ही अनुमति रहेगी.
उन्होंने कहा कि प्रत्याशी, चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट, मतगणना एजेंट और चालक इत्यादि जिन्हें कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, लेकिन दूसरी खुराक अभी तक नहीं ले पाए हैं उन्हें 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर मतदान और मतगणना केंद्र में आने की अनुमति होगी. यदि इनमें से किसी ने टीके की पहली खुराक भी नहीं ली हो तो ऐसी स्थिति में उन्हें 48 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर प्रवेश की अनुमति होगी. कोरोना को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रचार की अवधि सुबह 10 बजे के बाद सायं 7 बजे तक निश्चित की गई है.
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