शिमला: जिला सिरमौर के धारटीधार इलाके की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरोग बनेड़ी (Bharog Baneri Senior Secondary School of Sirmaur) में रेलिंगनुमा रास्ते की स्लैब क्षतिग्रस्त होने से पांच विद्यार्थी घायल होने के मामले में उच्च न्यायालय की जूविनाइल जस्टिस कमेटी ने सचिव लोक निर्माण विभाग व निदेशक उच्च शिक्षा से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है कि उन्होंने स्कूल भवन का निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई अमल में लाई है.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की जूविनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने उक्त अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या इस तरह घटिया गुणवत्ता वाले निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
12 नवंबर को एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार पर प्रशासनिक तौर पर सज्ञान लिया गया. जिसमें बताया गया है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरोग बनेड़ी में रेलिंगनुमा रास्ते की स्लैब क्षतिग्रस्त होने से पांच विद्यार्थी घायल हो गए. पहली मंजिल नीचे धंस गई और इसका इस्तेमाल करने वाले विद्यार्थी करीब 10 से 12 फीट नीचे ठोस सतह पर गिर गए.
इस प्रशासनिक आदेश को पारित करने से पूर्व जूविनाइल जस्टिस कमिटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने उपायुक्त सिरमौर नाहन से उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के माध्यम से दोपहर के 3 बजे तक ईमेल या फैक्स के माध्यम से उक्त मामले पर रिपोर्ट भेजने को कहा.
निर्देश के अनुपालन में उपायुक्त, सिरमौर नाहन, आर के गौतम ने अपनी रिपोर्ट भेजी जिसमें उन्होंने कहा है कि जब राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनेड़ी के टेन प्लस वन क्लास के छात्र अवकाश अवधि के बाद स्लैब के ऊपर से गुजर रहे थे तो ठीक उस समय खेल के मैदान को पहली मंजिल से जोड़ने वाला कंक्रीट स्लैब 11 नवम्बर को अचानक गिर गया.
इस घटना के कारण आठ बच्चे नीचे गिर गए और परिणामस्वरूप घायल हो गये. उन्होंने आगे बताया कि बच्चों को तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की गई. सभी छात्र खतरे से बाहर है. उनका सारा चिकित्सा खर्चा सरकार उठा रही है.
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि इसके अलावा पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करने को कहा गया है ताकि पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करें. उपायुक्त ने आगे अपनी रिपोर्ट में बताया कि 11 नवंबर, 2021 को उक्त मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है. स्लैब/पथ के निर्माण में किसी भी प्रकार की चूक का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.
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