शिमला: राजधानी शिमला में बरसात के मौसम में पुराने व जर्जर भवनों के गिरने का सिलसिला जारी है. सोमवार देर रात आईजीएमसी के समीप दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है. गनीमत ये रही की हादसे के समय मकान के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था.
हालांकि ये भवन काफी पुराना था और इसे असुरक्षित घोषित किया गया था. भवन को खाली करवाया गया था, लेकिन अंदर सामान रखा हुआ था. साथ लगते दूसरे घर को भी नुकसान हुआ है. वहीं, इस भवन में रहे रहे सेना से सेवानिवृत्त ए.के रॉय ने भवन मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ए.के रॉय ने भवन को जानबूझकर गिराने का आरोप लगाया है.
ए.के रॉय का कहना है कि वे साल 1988 से परिवार के साथ इस भवन में किराए पर रह रहे थे. यह भवन बिल्कुल ठीक था और घर खाली करवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. कोर्ट में ये मामला विचारधीन था. नगर निगम ने भी इसमें कार्य करने पर रोक लगाई थी. इसके बाद भी भवन मालिक ने रात के अंधेरे में इसे गिरा दिया, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है. उन्होंने जिला प्रशासन से भवन मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
बता दें कि शिमला शहर में 150 के करीब असुरक्षित भवन है, जो कि हर बरसात में गिरते रहते हैं. अभी हाल ही में संजौली में चार मंजिला भवन धराशायी हो गया था. शहर में कई भवन ऐसे हैं, जिसे असुरक्षित घोषित किया गया, लेकिन इसके बाद भी आज दिन तक उसे खाली नहीं किया गया है.
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