शिमला: आज पूरे भारत में महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही (Maharishi Valmiki Jayanti 2022) है. महर्षि वाल्मीकि की जयंती हर साल अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. महर्षि वाल्मीकि के द्वारा ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महाकाव्य रामायण की रचना की गई थी.
वहीं, महर्षि वाल्मीकि की जयंती अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर सभी प्रदेशवासियों को जयंती की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने ट्वीट किया है कि 'रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की आप सभी को हार्दिक (CM Jairam on Maharishi Valmiki Jayanti) शुभकामनाएं. महर्षि वाल्मीकि जी ने महाकाव्य रामायण की रचना कर मानवजाति में सेवा, धर्म, परोपकार और कर्तव्य का भाव जागृत किया. उनकी रचनाएं सदैव हम सबका मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी.'
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"रामायण" के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) October 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
महर्षि वाल्मीकि जी ने महाकाव्य रामायण की रचना कर मानवजाति में सेवा, धर्म, परोपकार और कर्तव्य का भाव जागृत किया।
उनकी रचनाएं सदैव हम सबका मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी।#ValmikiJayanti pic.twitter.com/lnnrQucbPS
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महर्षि वाल्मीकि जी ने महाकाव्य रामायण की रचना कर मानवजाति में सेवा, धर्म, परोपकार और कर्तव्य का भाव जागृत किया।
उनकी रचनाएं सदैव हम सबका मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी।#ValmikiJayanti pic.twitter.com/lnnrQucbPS"रामायण" के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
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महर्षि वाल्मीकि जी ने महाकाव्य रामायण की रचना कर मानवजाति में सेवा, धर्म, परोपकार और कर्तव्य का भाव जागृत किया।
उनकी रचनाएं सदैव हम सबका मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी।#ValmikiJayanti pic.twitter.com/lnnrQucbPS
इसी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट कर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी (JP Nadda on Maharishi Valmiki Jayanti) हैं. उन्होंने ट्वीट किया है कि, 'आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन व सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। पवित्र महाकाव्य 'रामायण' की रचना कर मर्यादा, सदाचार व धर्म का जो मार्ग आपने अखिल विश्व को दिखाए हैं, वह सदैव मानव समाज की प्रेरणा बनी रहेगी।'
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आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन व सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
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पवित्र महाकाव्य 'रामायण' की रचना कर मर्यादा, सदाचार व धर्म का जो मार्ग आपने अखिल विश्व को दिखाए हैं, वह सदैव मानव समाज की प्रेरणा बनी रहेगी।
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पवित्र महाकाव्य 'रामायण' की रचना कर मर्यादा, सदाचार व धर्म का जो मार्ग आपने अखिल विश्व को दिखाए हैं, वह सदैव मानव समाज की प्रेरणा बनी रहेगी।आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन व सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
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पवित्र महाकाव्य 'रामायण' की रचना कर मर्यादा, सदाचार व धर्म का जो मार्ग आपने अखिल विश्व को दिखाए हैं, वह सदैव मानव समाज की प्रेरणा बनी रहेगी।
रामायण को दिया जन्म- कहते हैं, वाल्मीकि ने नारद मुनि से भगवान राम की कथा सीखी, और उनकी देखरेख में, उन्होंने काव्य पंक्तियों में भगवान राम की कहानी लिखी, जिसने महाकाव्य रामायण को जन्म दिया. रामायण में उत्तर कांड सहित 24,000 श्लोक और सात कांड हैं. रामायण लगभग 480,002 शब्द लंबा है, जो एक अन्य हिंदू महाकाव्य, महाभारत के संपूर्ण पाठ की लंबाई का एक चौथाई या एक पुराने ग्रीक महाकाव्य इलियड की लंबाई का लगभग चार गुना है. वाल्मीकि जयंती पर, वाल्मीकि संप्रदाय के सदस्य शोभा यात्रा या परेड आयोजित करते हैं, जिसमें वे भक्ति भजन और भजन गाते हैं.
महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कई किवदंतियां- महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कई किंवदंतियां हैं. कहा जाता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप और देवी अदिति के 9वें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चारशिनी से हुआ था. इस क्षेत्र में पहला श्लोक लिखने का श्रेय महर्षि वाल्मीकि को भी जाता है. एक अन्य कथा के अनुसार, प्रचेता नाम के एक ब्राह्मण के पुत्र, उनका जन्म रत्नाकर के रूप में हुआ था, जो कभी डकैत थे.
नारद मुनि से मिलने से पहले उन्होंने कई निर्दोष लोगों को मार डाला और लूट लिया, जिन्होंने उन्हें एक अच्छे इंसान और भगवान राम के भक्त में बदल दिया. वर्षों के ध्यान अभ्यास के बाद वह इतना शांत हो गया कि चींटियों ने उसके चारों ओर टीले बना लिए. नतीजतन, उन्हें वाल्मीकि की उपाधि दी गई, जिसका अनुवाद 'एक चींटी के टीले से पैदा हुआ' है.
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