रामपुर बुशहर: हिमाचल प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्र में बीते कई दिनों से बारिश न होने के कारण सेब की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ना शुरू हो चुका है. यदि आगे भी हालात ऐसे ही रहते हैं तो इस बार हिमाचल प्रदेश की 5 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक पर संकट आ सकता है. आए दिन निचले क्षेत्र में सेटिंग हो चुकी है. ऊपरी क्षेत्रों में फ्लोरिंग का दौर समाप्त होने वाला है. ऐसे में बारिश की बूंद ना मिलने से सेब पर संकट के बादल छा रहे हैं. जिससे बागवान व किसान काफी परेशान हो रहे हैं.
जानकारी देते हुए बागवान अनिरुद्ध बिष्ट ने बताया कि आए दिन निकले क्षेत्र में सेब की सेटिंग हो चुकी है और सेब की फसल भी अच्छी है, लेकिन यदि बारिश 1 हफ्ते के अंदर क्षेत्र में नहीं होती है तो सेब झड़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में काफी लंबे समय से बारिश न होने के कारण सूखे जैसे हालात पैदा हो चुके हैं. इसके साथ इस बारचिलिंग आवर्स भी पूरी न होने के कारण काफी गर्मी का माहौल हो चुका है.
उन्होंने बताया कि एक ओर जंगलों में आग लगने के कारण भी तापमान में और बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सेब पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. जिसको लेकर सेब की इस बार फसल पर काफी खतरा मंडरा रहा है और बागवानों की चिंता (Apple Crop in Himachal) लगातार बढ़ रही है. वहीं, आने वाले समय में सेब की फसल की इस बार कम होने की संभावना जताई जा रही है. उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी जल्दी होने के कारण सेब की फ्लोरिंग भी 10 दिन पहले ही हो चुकी है.
ऐसे में कई बागवानों द्वारा अपने सेब के बगीचों में कई प्रकार की खादें व स्प्रे के छिड़काव इत्यादि भी नहीं किए है. वहीं, उन्होंने बताया कि रामपुर के अधिकतर लोगों की आर्थिकी सेब पर ही निर्भर करती है, यदि इस बार सेब की फसल प्रभावित होती है तो आने वाले समय में यहां के लोगों को आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है.