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11 करोड़ के फेर में फंसी शिमला से भुंतर और गग्गल की उड़ान, हवाई सेवाओं पर फिर संशय के बादल - Air services in Himachal may get stuck

हिमाचल में हवाई सेवाओं (air service in himachal) को लगा ग्रहण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिमला से कुल्लू के भुंतर और कांगड़ा के गग्गल के लिए हवाई सेवाएं 11 करोड़ के फेर में फंस सकती है. एलायंस एयर कंपनी (Alliance Air Company in Himachal) ने इन रूट्स पर हवाई सेवाएं देने के लिए हिमाचल सरकार से 11 करोड़ रुपए के वाइबल गैप फंडिंग की (Alliance Air seeks Viable Gap Fund) मांग की है

हवाई सेवाओं पर फिर संशय के बादल
हवाई सेवाओं पर फिर संशय के बादल
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Published : Sep 14, 2022, 9:03 AM IST

शिमला : हिमाचल में हवाई सेवाओं (air service in himachal) को लगा ग्रहण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिमला से कुल्लू के भुंतर और कांगड़ा के गग्गल के लिए हवाई सेवाएं 11 करोड़ के फेर में फंस सकती है. एलायंस एयर कंपनी (Alliance Air Company in Himachal) ने इन रूट्स पर हवाई सेवाएं देने के लिए हिमाचल सरकार से 11 करोड़ रुपए के वाइबल गैप फंडिंग की (Alliance Air seeks Viable Gap Fund) मांग की है. वाइबल गैप फंडिंग के तहत एयर लाइन संभावित घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए संबद्ध सरकार के समक्ष घाटे की रकम का ब्यौरा देती है. इस रूट पर हवाई सेवाएं देने वाली कंपनी ने वाइबल गैप फंडिंग की रकम 11 करोड़ रुपए (Air services in Himachal may get stuck) बताई है.

अब राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने यह मामला वित्त विभाग के पास भेजा है. यदि सरकार वाइबल गैप फंडिंग की मांग पर हामी भरती है, तभी शिमला से भुंतर व शिमला से गग्गल के बीच हवाई उड़ान होगी. पूर्व में एलायंस एयर कंपनी ने शिमला से कुल्लू व कांगड़ा के लिए 6 सितंबर से हवाई उड़ान शुरू करने का ऐलान किया था. कंपनी का 42 सीटर एयर क्राफ्ट दिल्ली से शिमला व फिर शिमला से कुल्लू के लिए हवाई उड़ान पर जाना था. दिल्ली से इसकी उड़ान का समय सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर था. फिर शिमला से इसने भुंतर के लिए सुबह 8 बजे उड़ान भरनी थी.

बाद में मौसम व अन्य कारणों से उड़ान की तिथि 26 सितंबर की गई. शिमला से दिल्ली के बीच तो उड़ान योजना के तहत सेवा दी जानी है. इसका किराया 2480 रुपए तय किया है. इसके अलावा एक हफ्ते में शिमला से भुंतर के लिए 4 उड़ाने तथा शिमला से गग्गल के लिए 3 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. पूर्व में हिमाचल सरकार के सीएस आरडी धीमान व एलाइंस एयर के बीच उक्त उड़ानों को लेकर बैठक हुई थी.


उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हवाई सेवाएं न होने से पर्यटन सेक्टर को काफी नुकसान हो रहा है. शिमला से दिल्ली के लिए उड़ानें लंबे समय से बंद हैं. पूर्व में जब दिल्ली-शिमला रूट पर हवाई सेवाएं चलती थीं तो सालाना 8 लाख सैलानी दिल्ली से शिमला आते थे. दिल्ली से शिमला केवल 55 मिनट का सफर है. बस से ये सफर 8 घंटे से अधिक का है. शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट की हवाई (Jubbarhatti Airport in Shimla) पट्टी के विस्तार के कारण उड़ानें बंद रहीं. अब एलायंस एयर ने अगस्त महीने में यहां सेवाएं देने के लिए सहमति जताई थी, लेकिन मौसम की खराबी के कारण उड़ानें निरंतर टलती आ रही हैं.

कंपनी शिमला से कुल्लू व कांगड़ा के लिए भी सेवाएं देने को तैयार है, लेकिन उसके लिए वाइबल गैप फंडिंग का 11 करोड़ रुपया मांगा गया है. पर्यटन विभाग के फाइल वित्त विभाग के पास गई है. हालांकि ,सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इस मांग को लेकर हामी भरी है, लेकिन वित्त विभाग ने अभी फाइल पर फाइनल कमेंट नहीं दिया है.

वहीं, शिमला से दिल्ली के लिए पहले एयर इंडिया ने 75 करोड़ रुपए के वाइबल गैप फंड दिए जाने की मांग की थी. हिमाचल सरकार ने तब केंद्र से ये रकम देने का आग्रह किया था, लेकिन हवाई पट्टी के विस्तार के कारण जुब्बड़ हट्टी के लिए सेवा शुरू नहीं हो पाई. करीब 10 साल से शिमला से हवाई उड़ान बंद है. मुख्य सचिव आरडी धीमान के अनुसार इस विषय में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ हैय सरकार व एयर लाइन प्रबंधन के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत चल रही है.

शिमला : हिमाचल में हवाई सेवाओं (air service in himachal) को लगा ग्रहण खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिमला से कुल्लू के भुंतर और कांगड़ा के गग्गल के लिए हवाई सेवाएं 11 करोड़ के फेर में फंस सकती है. एलायंस एयर कंपनी (Alliance Air Company in Himachal) ने इन रूट्स पर हवाई सेवाएं देने के लिए हिमाचल सरकार से 11 करोड़ रुपए के वाइबल गैप फंडिंग की (Alliance Air seeks Viable Gap Fund) मांग की है. वाइबल गैप फंडिंग के तहत एयर लाइन संभावित घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए संबद्ध सरकार के समक्ष घाटे की रकम का ब्यौरा देती है. इस रूट पर हवाई सेवाएं देने वाली कंपनी ने वाइबल गैप फंडिंग की रकम 11 करोड़ रुपए (Air services in Himachal may get stuck) बताई है.

अब राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने यह मामला वित्त विभाग के पास भेजा है. यदि सरकार वाइबल गैप फंडिंग की मांग पर हामी भरती है, तभी शिमला से भुंतर व शिमला से गग्गल के बीच हवाई उड़ान होगी. पूर्व में एलायंस एयर कंपनी ने शिमला से कुल्लू व कांगड़ा के लिए 6 सितंबर से हवाई उड़ान शुरू करने का ऐलान किया था. कंपनी का 42 सीटर एयर क्राफ्ट दिल्ली से शिमला व फिर शिमला से कुल्लू के लिए हवाई उड़ान पर जाना था. दिल्ली से इसकी उड़ान का समय सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर था. फिर शिमला से इसने भुंतर के लिए सुबह 8 बजे उड़ान भरनी थी.

बाद में मौसम व अन्य कारणों से उड़ान की तिथि 26 सितंबर की गई. शिमला से दिल्ली के बीच तो उड़ान योजना के तहत सेवा दी जानी है. इसका किराया 2480 रुपए तय किया है. इसके अलावा एक हफ्ते में शिमला से भुंतर के लिए 4 उड़ाने तथा शिमला से गग्गल के लिए 3 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. पूर्व में हिमाचल सरकार के सीएस आरडी धीमान व एलाइंस एयर के बीच उक्त उड़ानों को लेकर बैठक हुई थी.


उल्लेखनीय है कि हिमाचल में हवाई सेवाएं न होने से पर्यटन सेक्टर को काफी नुकसान हो रहा है. शिमला से दिल्ली के लिए उड़ानें लंबे समय से बंद हैं. पूर्व में जब दिल्ली-शिमला रूट पर हवाई सेवाएं चलती थीं तो सालाना 8 लाख सैलानी दिल्ली से शिमला आते थे. दिल्ली से शिमला केवल 55 मिनट का सफर है. बस से ये सफर 8 घंटे से अधिक का है. शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट की हवाई (Jubbarhatti Airport in Shimla) पट्टी के विस्तार के कारण उड़ानें बंद रहीं. अब एलायंस एयर ने अगस्त महीने में यहां सेवाएं देने के लिए सहमति जताई थी, लेकिन मौसम की खराबी के कारण उड़ानें निरंतर टलती आ रही हैं.

कंपनी शिमला से कुल्लू व कांगड़ा के लिए भी सेवाएं देने को तैयार है, लेकिन उसके लिए वाइबल गैप फंडिंग का 11 करोड़ रुपया मांगा गया है. पर्यटन विभाग के फाइल वित्त विभाग के पास गई है. हालांकि ,सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इस मांग को लेकर हामी भरी है, लेकिन वित्त विभाग ने अभी फाइल पर फाइनल कमेंट नहीं दिया है.

वहीं, शिमला से दिल्ली के लिए पहले एयर इंडिया ने 75 करोड़ रुपए के वाइबल गैप फंड दिए जाने की मांग की थी. हिमाचल सरकार ने तब केंद्र से ये रकम देने का आग्रह किया था, लेकिन हवाई पट्टी के विस्तार के कारण जुब्बड़ हट्टी के लिए सेवा शुरू नहीं हो पाई. करीब 10 साल से शिमला से हवाई उड़ान बंद है. मुख्य सचिव आरडी धीमान के अनुसार इस विषय में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ हैय सरकार व एयर लाइन प्रबंधन के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत चल रही है.

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