शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (abvp press conference in shimla) बुधवार को राजधानी शिमला में आयोजित हुई है. पत्रकारों से चर्चा करते हुए एबीवीपी के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा (ABVP state minister Vishal Verma) ने कहा कि मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय बनाए जाने के निर्णय से हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए अभूतपूर्व सौगात साबित होगा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग को लेकर पिछले वर्षों से चला संघर्ष शिक्षा को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण व सर्वस्पर्शी बनाने के उद्देश्य से चलाया गया आंदोलन था. विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती है.
सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के उन हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा जो शिमला दूर होने की वजह से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाते थे. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सीटें भी सीमित होने की वजह से बहुत सारे निर्धन परिवारों के विद्यार्थी उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते थे. अब सरदार पटेल विश्वविद्यालय प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय बनने से लगभग छह जिलों के विद्यार्थियों को यह सुविधा अपने घर के नजदीक मुहैया हो सकेगी और हिमाचल प्रदेश की शिक्षा की समस्याओं में सुधार होगा.
इन सभी विषयों को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले 2 वर्षों से मंडी में प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग (demand of state university mandi) को लेकर आंदोलनरत रही. इसी कड़ी में 8 दिसंबर को मंडी में विद्यार्थी परिषद द्वारा इस मांग को लेकर छात्र हुंकार रैली का आयोजन भी किया गया था, जिसमें लगभग पांच हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था.
साथ ही विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से यह मांग भी करती है की जिस तरह से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय को चलाने के लिए निर्धारित मानदंड, मानक, सुविधाएं व प्रावधान हैं. उसी तरह से सरदार पटेल विश्वविद्यालय में भी सभी तरह के नियम लागू किया जाए तथा इस विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से कक्षाएं भी सुचारू रूप से चलाई जाएं.
रूसा गाइडलाइन के तहत कोई एक विश्वविद्यालय के संबंधन में 100 से अधिक शिक्षण संस्थान नहीं होने चाहिए, लेकिन अकेले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संबंधन में 289 शिक्षण संस्थान चलने की वजह से विश्वविद्यालयों के ऊपर हर वर्ष लाखों विद्यार्थियों की प्रवेश परीक्षा और परिणाम करवाने का अत्याधिक कार्यभार रहता है. इस वजह से प्रवेश परीक्षा व परिणाम को लेकर अनेकों अनियमितताएं भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में देखने को मिलती है.
हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों पर नजर दौड़ाएं तो हम देखते हैं कि शिमला हिमाचल के एक कोने में स्थित है और प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार शिक्षा को सर्वस्पर्शी बनाने के लिए एक विश्वविद्यालय पर्याप्त नहीं है. सरकारी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में अधिकतर वह विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं जो मध्यवर्गीय या निर्धन परिवारों से संबंध रखते हैं. प्रदेश में एक ही सरकारी विश्वविद्यालय होने की वजह से उन विद्यार्थियों को अपने छोटे-छोटे काम करवाने के लिए भी शिमला जाना पड़ता था.