शिमला: एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब जैसे विवाद की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने पीएफआई और सीएफआई जैसे संगठनों पर ऐसे मुद्दों को राजनीति का टूल बनाने का आरोप लगाया. शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक (National Executive Council meeting of ABVP) में शामिल होने आई निधि त्रिपाठी ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि इस संदर्भ में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला उचित है और एबीवीपी भी इसी पक्ष में है कि कैंपस परिसर में वहीं के नियम लागू होने चाहिए. उन्होंने कहा कि चरमपंथी गतिविधियां किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जानी चाहिए. जिस तरह से पीएफआई और सीएफआई इस मुद्दे को भड़का रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि उनकी भूमिका संदेहास्पद है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर निधि ने (ABVP National General Secretary Nidhi Tripathi) कहा कि भारत विविधताओं का देश है और यहां के हर राज्य में बच्चा अपनी भाषा में विचार प्रक्रिया से गुजरता है. ऐसे में स्थानीय या क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा मिलने से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकता है. निधि ने कहा कि कई दफा अंग्रेजी न समझ पाने के कारण अनेक छात्र शिक्षा छोड़ने (Nidhi Tripathi On Hijab Controversy) के लिए मजबूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी पार्टी की न होकर देश की शिक्षा नीति है उन्होंने चेताया कि तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इसका विरोध करके कोई सार्थक संदेश नहीं दे रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर नीति बताया और कहा कि इससे भारत में शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे.
Nidhi Tripathi On Hijab Controversy: ABVP की राष्ट्रीय महामंत्री का PFI व CFI पर हमला, कैंपस से दूर होने चाहिए हिजाब जैसे विवाद - shimla hindi news
शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक (National Executive Council meeting of ABVP) में शामिल होने आई निधि त्रिपाठी ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि इस संदर्भ में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला उचित है और एबीवीपी भी इसी पक्ष में है कि कैंपस परिसर में वहीं के नियम लागू होने चाहिए.
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शिमला: एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब जैसे विवाद की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने पीएफआई और सीएफआई जैसे संगठनों पर ऐसे मुद्दों को राजनीति का टूल बनाने का आरोप लगाया. शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक (National Executive Council meeting of ABVP) में शामिल होने आई निधि त्रिपाठी ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि इस संदर्भ में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला उचित है और एबीवीपी भी इसी पक्ष में है कि कैंपस परिसर में वहीं के नियम लागू होने चाहिए. उन्होंने कहा कि चरमपंथी गतिविधियां किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जानी चाहिए. जिस तरह से पीएफआई और सीएफआई इस मुद्दे को भड़का रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि उनकी भूमिका संदेहास्पद है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर निधि ने (ABVP National General Secretary Nidhi Tripathi) कहा कि भारत विविधताओं का देश है और यहां के हर राज्य में बच्चा अपनी भाषा में विचार प्रक्रिया से गुजरता है. ऐसे में स्थानीय या क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा मिलने से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकता है. निधि ने कहा कि कई दफा अंग्रेजी न समझ पाने के कारण अनेक छात्र शिक्षा छोड़ने (Nidhi Tripathi On Hijab Controversy) के लिए मजबूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी पार्टी की न होकर देश की शिक्षा नीति है उन्होंने चेताया कि तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य इसका विरोध करके कोई सार्थक संदेश नहीं दे रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर नीति बताया और कहा कि इससे भारत में शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे.