शिमला: प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों पर इस बार 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता नहीं रहेगी. भले ही स्कूल और कॉलेजों ने नियमित रूप से कक्षाएं शुरू हो रही हैं, लेकिन अगर कोई छात्र अभी भी कोविड के डर से स्कूल, कॉलेज नहीं आना चाहता है. ऐसे में छात्रों को गैर हाजिर नहीं माना जाएगा.
कोविड-19 के संकट को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को यह बड़ी राहत दी गई है. इससे पहले स्कूल और कॉलेजों में छात्रों की कक्षाओं में उपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य की गई है. जिन छात्रों की 75 फीसदी हाजरी होती है, उन्हें ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है, लेकिन इस बार कोविड-19 की वजह से जहां स्कूल, कॉलेज लंबे समय से बंद पड़े हैं तो वहां पर इस नियम को इस बार लागू नहीं किया जा रहा है.
वहीं, विभाग की ओर से छात्रों को यह भी छूट दी गई है कि अगर छात्र के अभिभावक उसे नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल, कॉलेज नहीं भेजना चाहते हैं तो छात्र ऑनलाइन माध्यम से भी अपनी पढ़ाई को जारी रख सकता है. भले ही नियमित कक्षाएं स्कूलों में लग रही है, लेकिन इसके बावजूद ऑनलाइन पढ़ाई को उसी तरह से पहले के प्रारूप पर ही जारी रखा जाएगा.
वहीं, किसी छात्र को जबरन स्कूल आने के लिए फोर्स नहीं किया जाएगा. अगर छात्र और उसके अभिभावकों की अनुमति है तभी छात्र नियमित कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल आ सकता है. छात्र स्कूल नहीं आ रहा है तो उसे इस बात से घबराने की कोई जरूरत नहीं है कि उसे स्कूल में अनुपस्थित होने से उसका नाम काट दिया जाएगा.
छात्रों को यह विकल्प विभाग की ओर से दिया गया है कि वह या तो स्कूल आकर नियमित कक्षाएं लगाएं या फिर ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखें. छात्रों को इन दोनों विकल्पों में से किसी एक विकल्प चुनना होगा. छात्र को ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखना होगा.
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल काफी लंबे समय से बंद है तो ऐसे में छात्रों पर 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता को छात्रों पर नहीं थोपा जा सकता है. भले ही स्कूल खुल जाए तब भी हाजरी की अनिवार्यता स्कूलों में नहीं रहेगी. ऐसे में अगर किसी छात्र की हाजिरी 75 फीसदी नहीं होती है तो भी उसे किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना होगा. छात्र को परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं में छात्रों को तभी रोल नंबर जारी किए जाते हैं, जब उनकी हाजिरी 75 फीसदी होती है, लेकिन इस बार इस तय नियम में छूट विभाग के आदेशों के तहत प्रदान की जाएंगी.
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