शिमला: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा नेशनल अचीवमेंट सर्वे (National Achievement Survey) करवाया जा रहा है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों सहित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के सीखने के उपलब्धि स्तर का आकलन करने के लिए शुक्रवार को प्रदेश के 1979 स्कूलों में परीक्षा करवाई गई. इसमें तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं कक्षा के करीब 50 हजार छात्रों ने भाग लिया.
प्रदेश के चयनित 1979 स्कूलों में तीसरी और पांचवीं कक्षा की परीक्षा सुबह 10.30 से 12 बजे तक चली और आठवीं और दसवीं कक्षा की परीक्षा 10.30 से 12.30 बजे तक चली. इसके अलावा स्कूल के शैक्षणिक माहौल के आकलन के लिए तीन प्रश्नोत्तरी छात्रों, शिक्षकों व मुख्य अध्यापकों द्वारा अलग से भरी गई.
ये भी पढ़ें: छोटे बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं अभिभावक, पैरेंट एसोसिएशन ने सरकार से की ये मांग
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करवाए जा रहे सर्वे की रिपोर्ट (survey report) मार्च तक आने की उम्मीद है, जिसमें परीक्षा के आधार पर हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग (Himachal Pradesh Ranking) तय होगी. बता दें कि इससे पहले 2017 में सर्वे हुआ था, जिसमें हिमाचल के स्कूलों में छात्रों का अच्छा रिजल्ट रहा था. वहीं, इस बार परीक्षा को लेकर अच्छी तैयारियों की गई थी, जिसमें प्रतिभागी छात्रों को दो बार परीक्षा का ट्रायल करवाया गया. ताकि छात्रों को दिक्कतें ना आए और परीक्षा व सर्वे की जानकारी हो.
बता दें कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे 3 साल बाद स्कूलों में सर्वे करवाता है और स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा की जांच (quality education test) करते हैं. इससे यह लाभ भी होता है कि सर्वे में यह पता लग जाता है कि स्कूलों में अध्यापक जो पढ़ा रहे हैं, वह बच्चों को कितना समझ आता है. यह सर्वे पहली बार 2001 में हिमाचल के स्कूलों में शूरू किया गया था, जिसके बाद यह हर 3 साल बाद किया जाता है.
ये भी पढ़ें: लाहौल स्पीति में स्थानीय लोगों की मदद से होमस्टे चला रहीं शैलजा, 21 राज्यों में 100 से अधिक होमस्टे का नेटवर्क