शिमला: कोरोना संकट को लेकर आज प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान तबलीगी जमात और कोरोना संक्रमण से निपटने पर चर्चा हुई. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, बोर्ड निगमों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और राजनीतिक तौर से नियुक्त सभी पदाधिकारियों के वेतन में एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव पास किया है.
केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में भी अब वेतन कटौती का यह फैसला लागू किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश मंत्रिमंडल ने 2 साल तक विधायक निधि भी जारी नहीं करने का फैसला किया है. यह राशि प्रदेश राहत कोष में डाली जाएगी. मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि बद्दी का ईएसआई अस्पताल भी पूरी तरह से कोविड-19 के इलाज के लिए समर्पित किया जाएगा. इसके अलावा भी प्रदेश के अन्य अस्पतालों में धीरे-धीरे कोरोना सैंपल की जांच शुरू कर दी जाएगी.
सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संकट की घड़ी में इस निर्णय ने लोगों को इलाज और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को भी दिखाया है. मुख्यमंत्री ने समाज के संपन्न वर्गों से भी अपील की है कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अपनी क्षमता अनुसार दान करने के लिए आगे आएं.