शिमला : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इस दौर में साइबर ठगों ने अपना जाल और अधिक फैला दिया है. हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के समय में कई लोग ऐसे साइबर अपराधियों की साजिशों का शिकार हुए हैं.
लॉकडाउन में जहां सड़क हादसे कम हुए हैं वहीं अपराधों का ग्राफ भी गिरा है, लेकिन साइबर ठगी के मामलों में उछाल आया है. हिमाचल में लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधों की ढाई सौ शिकायतें सामने आई हैं. अगर 2020 की बात की जाए तो अब तक कुल 440 मामले पेश आए हैं और इनमें से लॉकडाउन के ही दौर में 250 केस साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं.
हिमाचल में साइबर थाने में इस साल 3 एफआइआर दर्ज की गई हैं. पिछले साल कुल 8 एफआइआर दर्ज की गई थीं. सीआईडी के साइबर सेल के एएसपी नरवीर राठौर का कहना है कि लोग अपने ओटीपी को शेयर न करें. टोल फ्री नंबर्स पर भी आंख मूंद कर भरोसा न करें.
उन्होंने कहा कि अगर किसी के साथ साइबर अपराधी ठगी कर लें तो तुरंत पुलिस को सूचना दें. हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें. ये पासवर्ड जितना लंबा होगा, उतना ही सुरक्षित होगा.
एएसपी नरवीर राठौर ने कहा कि अपने हर सोशल मीडिया अकाउंट के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए. किसी भी लिंक पर सावधानी के साथ क्लिक करें. जांच में ये भी पाया गया है कि अधिकतर अकाउंट वहीं हैक हुए हैं, जिसमें पासवर्ड मोबाइल नंबर के अनुरूप रखे गए हैं.
साइबर क्राइम की किस साल में कितनी शिकायतें
साल | शिकायतें |
---|---|
2016 | 519 |
2017 | 570 |
2018 | 981 |
2019 | 1638 |
2020 | 440 |
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