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प्रदेश के किसान-बागवान अब ऑनलाइन बेच सकेंगे अपने उत्पाद, ई-नेम प्रोजेक्ट के लिए 19 मंडियों का चयन

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Published : Dec 28, 2019, 9:38 PM IST

हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश के किसान और बागवान अब अपने उत्पाद ऑनलाइन बेच सकेंगे. इसके लिए केंद्र ने  ई-नेम प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल की 19 मंडियों का चयन किया है.

19 mandi of himachal pradesh selected for e-name project
किसान-बागवान अब ऑनलाइन बेच सकेंगे अपने उत्पाद

शिमला: प्रदेश के किसान-बागवान अब अपने उत्पाद ऑन लाइन भी बेच सकेंगे. इसके लिए केंद्र ने ई-नेम प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल की 19 मंडियों का चयन किया है. इस प्रोजेक्ट में किसानों-बागवानों के उत्पादन ऑनलाइन बेचे जाने का प्रावधान है. इस व्यवस्था में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं देशभर की 100 से ज्यादा मंडियों में हिमाचल का किसान-बागवान प्रदेश की चयनित 19 मंडियों में बैठकर देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बेच सकता है. उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही किसानों के बैंक खाते में सीधे पेमेंट हो जाएगा.

मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि 111 करोड़ से प्रदेश में नई सब्जी और फल मंडियों का निर्माण होगा. ढली सब्जी मंडी का विस्तार पर 15 करोड़, शिलारु में नई सब्जी मंडी पर 7 करोड़ का खर्च होगा. खड़ापत्थर मंडी का काम भी चल रहा है. रोहड़ू के मेहण्दली में 20 करोड़ की लागत से मंडी बनेगी. सिरमौर के सराहा में 3 करोड़ की लागत से बड़ी मंडी बनाए जाना प्रस्तावित है.

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उन्होंने कहा कि ऊना रामपुर में भी 29 करोड़ की लागत से मंडी बनेगी, जिसके लिए फिलहाल साढ़े 6 करोड़ मंजूर किए गए हैं. परवाणू में 6 करोड़ की बड़ी सेब की मंडी बनाने का प्रयास जारी है. कुल्लू व पराला में भी मंडियों का विस्तार किया जाएगा. बलदेव भंडारी ने कहा कि 15 मंडियों के लिए 6.75 करोड़ ई नेम के पैकिंग ग्रिडिंग खर्च करने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में आपदा के समय बचाव कार्य संभालेगी SDRF, कैबिनेट ने फोर्स के गठन को दी मंजूरी

शिमला: प्रदेश के किसान-बागवान अब अपने उत्पाद ऑन लाइन भी बेच सकेंगे. इसके लिए केंद्र ने ई-नेम प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल की 19 मंडियों का चयन किया है. इस प्रोजेक्ट में किसानों-बागवानों के उत्पादन ऑनलाइन बेचे जाने का प्रावधान है. इस व्यवस्था में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं देशभर की 100 से ज्यादा मंडियों में हिमाचल का किसान-बागवान प्रदेश की चयनित 19 मंडियों में बैठकर देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बेच सकता है. उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही किसानों के बैंक खाते में सीधे पेमेंट हो जाएगा.

मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि 111 करोड़ से प्रदेश में नई सब्जी और फल मंडियों का निर्माण होगा. ढली सब्जी मंडी का विस्तार पर 15 करोड़, शिलारु में नई सब्जी मंडी पर 7 करोड़ का खर्च होगा. खड़ापत्थर मंडी का काम भी चल रहा है. रोहड़ू के मेहण्दली में 20 करोड़ की लागत से मंडी बनेगी. सिरमौर के सराहा में 3 करोड़ की लागत से बड़ी मंडी बनाए जाना प्रस्तावित है.

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उन्होंने कहा कि ऊना रामपुर में भी 29 करोड़ की लागत से मंडी बनेगी, जिसके लिए फिलहाल साढ़े 6 करोड़ मंजूर किए गए हैं. परवाणू में 6 करोड़ की बड़ी सेब की मंडी बनाने का प्रयास जारी है. कुल्लू व पराला में भी मंडियों का विस्तार किया जाएगा. बलदेव भंडारी ने कहा कि 15 मंडियों के लिए 6.75 करोड़ ई नेम के पैकिंग ग्रिडिंग खर्च करने जा रहे हैं.

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Intro:शिमला। प्रदेश के किसान-बागवान अपने उत्पाद ऑन लाइन भी बेच सकेंगे. उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही पैसा उनके बैंक अकाउंट में पहुंच जाएगा. इसके लिए
केंद्र ने ई-नेम प्रोजैक्ट के लिए हिमाचल की 19 मंडियां चयनित कर रखी हैं

Body:इस प्रोजैक्ट में किसानों-बागवानों के उत्पादन ऑनलाइन बेचे जाने का प्रावधान है। इस व्यवस्था में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं देशभर की 100 से ज्यादा मंडियों में हिमाचल का किसान-बागवान प्रदेश की चयनित 19 मंडियों में बैठकर देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बेच सकता है। कृषि व बागवानी उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन पेमैंट जमा करने का प्रावधान है।


मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि 111 करोड़ से प्रदेश में नई सब्जी और फल मंडियों का निर्माण होगा. ढली सब्ज़ी मंडी का विस्तार पर 15 करोड़. शिलारु में नई सब्जी मंडी बनाई जाएगी। जिस पर साढ़े 7 करोड़ ख़र्च होगा। खड़ापत्थर मंडी का काम भी चल रहा है। रोहड़ू के मेहण्दली में 20 करोड़ की मंडी बनेगी। सिरमौर के सराहा में 3 करोड़ की लागत से बड़ी मंडी प्रस्तावित है। ऊना रामपुर में भी 29 करोड़ की मंडी बनेगी। जिसके लिए साढ़े 6 करोड़ मंजूर कर दिए है। परवाणू में 6 करोड़ की बड़ी सेब की मंडी बनाने का प्रयास है। कुल्लू व पराला में भी मंडियों का विस्तार किया जाएगा। 15 मंडियों के लिए 6.75 करोड़ ई नेम के पैकिंग ग्रिडिंग खर्च करने जा रहे हैं।Conclusion:मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि 111 करोड़ से प्रदेश में नई सब्जी और फल मंडियों का निर्माण होगा. ढली सब्ज़ी मंडी का विस्तार पर 15 करोड़. शिलारु में नई सब्जी मंडी बनाई जाएगी। जिस पर साढ़े 7 करोड़ ख़र्च होगा। खड़ापत्थर मंडी का काम भी चल रहा है। रोहड़ू के मेहण्दली में 20 करोड़ की मंडी बनेगी। सिरमौर के सराहा में 3 करोड़ की लागत से बड़ी मंडी प्रस्तावित है। ऊना रामपुर में भी 29 करोड़ की मंडी बनेगी। जिसके लिए साढ़े 6 करोड़ मंजूर कर दिए है। परवाणू में 6 करोड़ की बड़ी सेब की मंडी बनाने का प्रयास है। कुल्लू व पराला में भी मंडियों का विस्तार किया जाएगा। 15 मंडियों के लिए 6.75 करोड़ ई नेम के पैकिंग ग्रिडिंग खर्च करने जा रहे हैं।
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