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स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, महिला ने अस्पताल की सीढ़ियों पर दिया बच्चे को जन्म

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Published : Jan 12, 2020, 2:29 PM IST

जिला सिरमौर के संगड़ाह अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिला को डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले नाहन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जबकि महिला व परिजन अस्पताल में ही रहने की मांग करते रहे. रेफर के दौरान महिला ने अस्पताल के बाहर ही खुले में बच्चे को जन्म दे दिया.

pregnant woman delivery child outside sirmaur
pregnant woman delivery child outside sirmaur

नाहनः सरकार व स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावों के बावजूद आए दिन विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में लापरवाही की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय में मौजूद संगड़ाह अस्पताल में भी एक लापरवाही का मामला सामने आया है.

संगड़ाह अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिला को डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले नाहन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जबकि महिला व परिजन अस्पताल में ही कुछ देर रहने की मांग करते रहे.

वीडियो.

नौबत ये आन पड़ी कि महिला ने रेफर होते समय अस्पताल के बाहर ही खुले में बच्चे को जन्म दे दिया. महिला व उनके परिजनों के अनुसार प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के चलते उन्होंने यहां तैनात स्वास्थ्य अधिकारी से महिला को कुछ देर अस्पताल में रखने की अपील भी की थी, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उनकी मांग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

गर्भवती महिला को स्ट्रेचर तक की सुविधा नहीं मिली
यही नहीं, महिला को मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किए जाने के दौरान सीएचसी प्रशासन द्वारा उसके लिए स्टेचर तक की सुविधा नहीं दी गई. परिजन महिला को पकड़कर सीढ़ी वाले रास्ते से ले जाना पड़ा. इतना ही नहीं, महिला के प्रसव के दौरान भी अस्पताल के डॉक्टर वहां नहीं पहुंचे.

जानकारी के अनुसार संगड़ाह से सिर्फ दो किलोमीटर दूर स्थित पावरा गांव की 23 वर्षीय मीरा देवी पत्नी बलदेव सिंह को शनिवार सुबह 9 बजे 108 एंबुलेंस से यहां लाया गया. 108 एंबुलेंस के ईएमटी नीतू व चालक सुरेंद्र के अनुसार कुछ ही मिनट में महिला को अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद तीमारदार उसे फिर एंबुलेंस तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, इसी बीच अस्पताल की सीढ़ियां चढ़ने के दौरान महिला की डिलीवरी हो गई.

डिलीवरी के समय अस्पताल से किसी डॉक्टर ने नही की मदद
ईएमटी के अनुसार प्रसव में एक स्थानीय नर्स ने डिलीवरी में उनकी मदद की, लेकिन अस्पताल से कोई डॉक्टर डिलीवरी के समय मदद के लिए मौके पर नहीं पहुंचा. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीढ़ियों पर लगे खून के धब्बे दोपहर 12 बजे तक नहीं धोए गए, जबकि ये घटना सुबह की है.

अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
महिला की डिलीवरी बाहर होने को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है और लोगों ने इसे बड़ी लापरवाही और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया. सीएचसी में चार की बजाय दो चिकित्सक मौजूद हैं और उसमें भी एक छुट्टी पर बताया जा रहा है. अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव और सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी रेफर किए जाने से लोगों में भारी रोष है.

महिला के पति बलदेव, सास दुर्गा देवी व ससुर मेला राम ने प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान हुई लापरवाही व अस्पताल स्टाफ की मनमानी पर गहरी नराजगी जताई. वहीं, दूसरी ओर घटना के दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टर विकास का कहना है उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

हालांकि उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं, इस मामले में बीएमओ संगड़ाह डॉ. यशवंत ने कहा कि इस घटना के बारे में डॉक्टर से जानकारी ली जाएगी.

स्थानीय स्टाफ से बात की जाएगी: सीएमओ सिरमौर
वहीं, सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने कहा कि दरअसल संगड़ाह में दो डाक्टर तैनात हैं और एक डॉक्टर से लगातार 24 घंटे तक काम लिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रसव के मामले में स्थानीय स्टाफ से बात की जाएगी. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों संगड़ाह अस्पताल में स्वास्थ्य हैं.

ये भी पढ़ें- शिमला में बर्फबारी पर देव आस्था भारी...किन्नौर में मौज मस्ती जिंदगी पर भारी

नाहनः सरकार व स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावों के बावजूद आए दिन विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में लापरवाही की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय में मौजूद संगड़ाह अस्पताल में भी एक लापरवाही का मामला सामने आया है.

संगड़ाह अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिला को डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले नाहन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जबकि महिला व परिजन अस्पताल में ही कुछ देर रहने की मांग करते रहे.

वीडियो.

नौबत ये आन पड़ी कि महिला ने रेफर होते समय अस्पताल के बाहर ही खुले में बच्चे को जन्म दे दिया. महिला व उनके परिजनों के अनुसार प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के चलते उन्होंने यहां तैनात स्वास्थ्य अधिकारी से महिला को कुछ देर अस्पताल में रखने की अपील भी की थी, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उनकी मांग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

गर्भवती महिला को स्ट्रेचर तक की सुविधा नहीं मिली
यही नहीं, महिला को मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किए जाने के दौरान सीएचसी प्रशासन द्वारा उसके लिए स्टेचर तक की सुविधा नहीं दी गई. परिजन महिला को पकड़कर सीढ़ी वाले रास्ते से ले जाना पड़ा. इतना ही नहीं, महिला के प्रसव के दौरान भी अस्पताल के डॉक्टर वहां नहीं पहुंचे.

जानकारी के अनुसार संगड़ाह से सिर्फ दो किलोमीटर दूर स्थित पावरा गांव की 23 वर्षीय मीरा देवी पत्नी बलदेव सिंह को शनिवार सुबह 9 बजे 108 एंबुलेंस से यहां लाया गया. 108 एंबुलेंस के ईएमटी नीतू व चालक सुरेंद्र के अनुसार कुछ ही मिनट में महिला को अस्पताल में रेफर किए जाने के बाद तीमारदार उसे फिर एंबुलेंस तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, इसी बीच अस्पताल की सीढ़ियां चढ़ने के दौरान महिला की डिलीवरी हो गई.

डिलीवरी के समय अस्पताल से किसी डॉक्टर ने नही की मदद
ईएमटी के अनुसार प्रसव में एक स्थानीय नर्स ने डिलीवरी में उनकी मदद की, लेकिन अस्पताल से कोई डॉक्टर डिलीवरी के समय मदद के लिए मौके पर नहीं पहुंचा. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीढ़ियों पर लगे खून के धब्बे दोपहर 12 बजे तक नहीं धोए गए, जबकि ये घटना सुबह की है.

अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
महिला की डिलीवरी बाहर होने को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है और लोगों ने इसे बड़ी लापरवाही और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया. सीएचसी में चार की बजाय दो चिकित्सक मौजूद हैं और उसमें भी एक छुट्टी पर बताया जा रहा है. अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव और सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी रेफर किए जाने से लोगों में भारी रोष है.

महिला के पति बलदेव, सास दुर्गा देवी व ससुर मेला राम ने प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान हुई लापरवाही व अस्पताल स्टाफ की मनमानी पर गहरी नराजगी जताई. वहीं, दूसरी ओर घटना के दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टर विकास का कहना है उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.

हालांकि उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं, इस मामले में बीएमओ संगड़ाह डॉ. यशवंत ने कहा कि इस घटना के बारे में डॉक्टर से जानकारी ली जाएगी.

स्थानीय स्टाफ से बात की जाएगी: सीएमओ सिरमौर
वहीं, सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने कहा कि दरअसल संगड़ाह में दो डाक्टर तैनात हैं और एक डॉक्टर से लगातार 24 घंटे तक काम लिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रसव के मामले में स्थानीय स्टाफ से बात की जाएगी. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों संगड़ाह अस्पताल में स्वास्थ्य हैं.

ये भी पढ़ें- शिमला में बर्फबारी पर देव आस्था भारी...किन्नौर में मौज मस्ती जिंदगी पर भारी

Intro:-संगड़ाह अस्पताल ने स्टैचर तक नसीब नही करवाया
-महिला व परिजनों के आग्रह के बावजूद संगड़ाह अस्पताल से जाने को कहा
नाहन। सरकार के प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावों के बावजूद आए दिन विभिन्न स्वास्थय संस्थानों में जीवन से लापरवाही की घटनाएं भी सामने आ रही है। सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में डॉक्टर द्वारा प्रसव से ठीक पहले एक महिला को रेफर किए जाने अथवा निकलने को कहे जाने के चलते उसकी डिलीवरी अस्पताल के बाहर पर खुले आसमान के नीचे हुई।
Body:महिला व उनके परिजनों के अनुसार प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के चलते उन्होंने यहां तैनात स्वास्थय अधिकारी से महिला को कुछ देर अस्पताल में रखे जाने की अपील की, मगर वह नहीं माने। महिला को मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किए जाने के दौरान सीएचसी प्रशासन द्वारा उसके लिए स्टेचर तक की व्यवस्था नहीं की गई ओर परिजनों को उसे पकड़कर सीढ़ी वाले रास्ते से ले जाना पड़ा। महिला के प्रसव के दौरान भी डॉक्टर वहां नहीं पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने नाराजगी जताई ओर इसे मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना करार दिया। संगड़ाह से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित पावरा गांव की 23 वर्षीय मीरा देवी पत्नी बलदेव सिंह को शनिवार सुबह 9 बजे 108 एंबुलेंस से यहां लाया गया। 108 एंबुलेंस के ईएमटी नीतू व चालक सुरेंद्र के अनुसार कुछ ही मिनट में महिला को रेफर किए जाने के बाद तीमारदार उसे दोबारा एंबुलेंस तक पहुंचाने की कोशिश में लगे थे, मगर इस बीच अस्पताल की सीढ़ियां चढ़ने के दौरान डिलिवरी हो गई। ईएमटी के अनुसार प्रसव में एक स्थानीय नर्स ने भी उनकी मदद की। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीढ़ियों पर लगे खून के धब्बे बाद दोपहर बारह तक नहीं धोए गए। सीएचसी में आम तौर पर एक ही डाक्टर के दिन-रात ड्युटी करने व एक के छुट्टी पर रहने, यहां चार की बजाय दो चिकित्सक होने, मूलभूत सुविधाओं का अभाव तथा जुखाम व बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी रेफर किए जाने से लोगों में नाराजगी है। महिला के पति बलदेव, सास दुर्गा देवी व ससुर मेला राम ने प्रसव प्रक्रिया शुरू होने के दौरान हुई लापरवाही व मनमानी पर नाराजगी जताई। घटना के दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टर विकास ने कहा कि, उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई, हालांकि उन्होंने अथवा ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने से इनकार किया। बीएमओ संगड़ाह डॉ यशवंत ने कहा कि इस तरह की कईं बार इस घटनाएं होती है तथा वह इस बारे डॉक्टर से पूछेंगे। सीएमओ सिरमौर डॉ केके पराशर ने कहा कि, दरअसल संगड़ाह में दो डाक्टर तैनात है तथा एक डॉक्टर से लगातार 24 घंटे तक काम लिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि, प्रसव के मामले मे वह स्थानीय स्टाफ से बात करेंगे। जच्चा-बच्चा दोनों संगड़ाह अस्पताल में ठीक-ठाक है।
बाइट 1 : महिला का ससुर
बाइट 2 : महिला की सासConclusion:
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