नाहन: दोहरे हत्याकांड में फांसी के सजायाफ्ता कुख्यात कैदी श्यामल राव रेड्डी को हिमाचल प्रदेश की सबसे पुरानी सेंट्रल जेल नाहन से फरार हुए करीब 18 साल हो गए है, जिसका आज तक कोई सुराग नहीं लगा. इसी बीच गुरूवार को यह कुख्यात अपराधी एक बार फिर उस समय चर्चा में आ गया, जब सिरमौर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर इस वांछित अपराधी की तस्वीर के साथ इसे पकड़वाने वाले को एक लाख रुपए ईनाम की घोषणा की सूचना शेयर की. पुलिस ने 50 वर्षीय श्यामल राव रेड्डी पुत्र रेड्डी अप्पाल नायडू की फोटो सहित पहचान संबंधी जानकारी को भी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ सांझा किया है.
दरअसल कुख्यात अपराधी श्यामल राव रेड्डी आंध प्रदेश का रहने वाला है. पुलिस ने इस अपराधी का पता मकान नंबर 2-13-91 गांधी कालोनी वार्ड नंबर 34, पुलिस थाना इलुरू कस्बा, जिला पश्चिमी गोदावरी, आंध्र प्रदेश बताया है. साथ ही इसकी पहचान के तौर पर इसकी दाहिनी छाती पर काला तिल, दाहिने गाल पर आंख के नीचे एक पुराना कटा हुआ निशान संबंधी जानकारी भी सांझा की है. यही नहीं इस फरार अपराधी को पकड़वाने वाले को 1 लाख रुपए के ईनाम की घोषणा भी की है. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब इस कुख्यात अपराधी पर ईनाम का ऐलान किया गया है, बल्कि इसकी नाहन जेल से फरारी के बाद भी इसकी सूचना देने वाले को 1 लाख रूपए ईनाम की घोषणा की गई थी. पुलिस के मुताबिक चूंकि अभी तक अपराधी पकड़ा नहीं किया गया है, लिहाजा ईनाम की राशि अब भी बरकरार है.
मार्च 2016 में भी आया था चर्चा में: तकरीबन 18 साल पहले फरार हुआ यह कुख्यात अपराधी मार्च 2016 में भी चर्चा में आया था. उस समय भी सेंट्रल जेल में सालों से धूल फांक रही रेड्डी की फाइल अचानक ही खुल गई थी. उस वक्त जिले में आईपीएस अधिकारी सौम्या साबंशिवन जिला में बतौर एसपी कार्यरत थी. इस बीच सूचना मिली थी कि उक्त कैदी को पुलिस ने कर्नाटक से दबोच लिया है. हालांकि उस समय पुलिस अधिकारी सीधे-सीधे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए थे, लेकिन इतना जरूर पता चला था कि सिरमौर पुलिस ने कर्नाटक में एक संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ जरूर की थी. पुलिस ने जिस संदिग्ध व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, उसका चेहरा श्यामल राव रेड्डी से मिल रहा था.
कर्नाटक से संबंधित संदिग्ध व्यक्ति की तस्वीरें भी पुलिस व सेंट्रल जेल अधिकारियों को भेजी गई थी. यहां तक कि जेल में मौजूद रेड्डी के फ्रिंगर प्रिंटस भी भेजे गए थे, जोकि संदिग्ध व्यक्ति से मेल नहीं खाए थे. जबकि उसके चेहरे को लेकर पुलिस असमंजस में रही थी. हालांकि तत्कालीन एसपी सौम्या साबंशिवन ने उस दौरान कहा था कि अपराधिक मामलों को लेकर दूसरे राज्यों में पुलिस टीमें भेजना सामान्य बात होती है. ऐसे में रेड्डी के पकड़ने जाने की उम्मीदों पर 2016 में भी पानी फिर गया था.
2001 में शिमला में दिया था दोहरे हत्याकांड को अंजाम: जानकारी के मुताबिक रेड्डी ने दिसंबर 2001 में अपने एक साथ दीपराम के साथ मिलकर राजधानी शिमला के एक होटल में संदीप सूद व उनकी मां पुष्पा सूद की बेहरमी से हत्या कर दी थी. दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद रेड्डी को नाहन पुलिस ने ही पकड़ा था. उस वक्त रेड्डी की जेब से शव की अंगुलियां तक बरामद हुई थी।
17 मई 2003 को हुई थी फांसी की सजा: हिमाचल हाईकोर्ट ने इस दोहरे हत्याकांड में शामिल श्यामलराव रेड्डी को 17 मई 2004 को फांसी की सजा सुनाई थी. जबकि इस मामले में संलिप्त रेड्डी के साथी दीपराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
16 अगस्त 2004 को दिया था सबसे बड़ा जेल बेक्र अंजाम: उल्लेखनीय है कि रेड्डी आईजीएमसी शिमला के शौचालय से भी एक बार फरार हो गया था, जिसे शिमला पुलिस ने आंध प्रदेश के हैदराबाद से दबोचा था. इसके बाद अंडरट्रायल होने के कारण जून 2003 में रेड्डी को सेंट्रल जेल नाहन लाया गया. इसी बीच 2004 में उसे फांसी की सजा सुनाई गई. मगर 16 अगस्त 2004 को रेड्डी ने प्रदेश में सबसे बड़े जेल ब्रेक को अंजाम दिया और नाहन जेल से फरार हो गया था.
रेड कार्नर नोटिस सहित एक लाख का ईनाम हुआ था घोषित: जेल से फरार होने के बाद भी रेड्डी पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया था. यहीं नहीं जेल से इंटरपोल ने सीबीआई के माध्यम से जुलाई 2011 में रेड्डी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया था. इसका मतलब था कि रेड्डी इंटरनेशनल स्तर पर वांछित हो गया था.
क्या कहते हैं एसपी सिरमौर ओमापति जम्वाल: उधर इस मामले में पूछे जाने पर सिरमौर जिला के एसपी ओमापति जम्वाल ने कहा कि श्यामल राव रेड्डी एक वांछित अपराधी है, जिसका पकड़ा जाना आवश्यक है, ताकि न्यायालय की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके. उन्होंने लोगों से आहवान किया कि यदि किसी भी व्यक्ति को इस अपराधी की कोई सूचना मिलती है, तो वह तुरंत सिरमौर पुलिस के दूरभाष नंबर 01702-222223 पर इसकी सूचना दें. सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा. साथ ही इस अपराधी को पकड़ने वाले को एक लाख रुपए का ईनाम दिया जाएगा.