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नल है पर 'जल' नहीं: 'जनसंख्या विस्फोट' से बढ़ रहा जलसंकट, विकराल हो रही समस्या

पांवटा साहिब में लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. आलम यह है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे करीब तीन किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को मजबूर हैं. उधर, जल शक्ति विभाग का कहना है कि लोगों को पेयजल सुविधा दिए जाने के लिए उनके प्रयास जारी हैं.

water supply problems in paonta
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Published : Nov 3, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Nov 4, 2020, 10:36 PM IST

पांवटा साहिब: प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से हर घर को नल से जल दिए जाने के लिए कवायद चल रही है. वहीं, जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब क्षेत्र में पानी की समस्या दिनों-दिन विकराल रूप धारण कर रही है. आलम यह है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.

यही नहीं पांवटा निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति इतनी बदतर है कि लोगों को कई-कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता है. खासकर, पांवटा निर्वाचन क्षेत्र के गिरिपार के कोटगा कंडो, शिलांन नघेता, रुदाना , डांडा आंज, भितरकुई, कुलथीना के क्षेत्रों में पानी को लेकर ग्रामीणों में सरकार और विभाग के प्रति भारी रोष है.

वीडियो.

पेयजल योजना चल रहीं है पर नहीं मिल रहा पानी

ग्रामीणों का कहना है एक तरफ तो प्रदेश सरकार लोगों को घर द्वार पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की बात करती है, दूसरी ओर स्थिति यह है कि लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. इस बारे में कोटगा गांव के लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें आज तक पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं करवाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पेयजल योजना तो चलाई जा रही है, लेकिन उन योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है.

मीलों ढो कर लाना पड़ता है पानी

ग्रामीणों का कहना है कि वे करीब तीन किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को मजबूर है. गांव की महिलाओं का ज्यादातर समय घर का काम छोड़ कर पानी ढ़ोने में चला जाता है. वहीं, मैदानी इलाकों की बात करें तो पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना, पातलियो, ज्वालापुर, करतारपुर और शहर में भी यही स्थिति है. लोगों ने बताया कि स्वच्छ पेयजल के लिए आज भी मोहताज हो रहे हैं. नवादा पंचायत के रहीम ने बताया कि पानी की किल्लत किसानों के लिए बड़ी परेशानी बन रही है. गिरी नदी से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है.

पानी की सप्लाई सुचारू नहीं

लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार 24 घंटे पानी देने की बात कह रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी पानी की सप्लाई सही ढंग से नहीं मिलती है. गुलाबगढ़ निवासी ने बताया कि खेतों में फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है. कई बार जल शक्ति विभाग को शिकायत भी कर दी है, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की पाइप लाइनें दम तोड़ रही हैं.

नई योजनाएं तैयार की गई हैं, जल्द मिलेगी पानीः जल शक्ति विभाग

उधर, जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता जगबीर सिंह वर्मा ने बताया कि 47 पंचायतों के गांव के लोगों को यहां से पानी की सुविधा दी जाती है. ग्रामीण इलाकों में दिन के एक बार 3 से 4 घंटे पानी पहुंचाया जाता है, तो वहीं शहरी इलाकों में और मीडियम इलाकों में दिन में दो बार सुबह शाम एक से 2 घंटे पानी दिया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान कई नई योजनाएं तैयार की गई थी ताकि लोगों को पानी की समस्या ना हो. वहीं, कुछ इलाकों में पेयजल समस्या को लेकर विभाग के पास शिकायतें आई हैं.

विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि पेयजल की समस्या को हल किया जाए. उनके पास हरिपुर टोहाना, ज्वालापुर, अम्बाय, करतारपुर, नघेता और पांवटा शहर के कुछ इलाकों से लोगों को पेयजल को लेकर शिकायतें आई हैं. विभाग की ओर से इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. अधिशासी अभियंता ने कहा कि वर्तमान में पांवटा निर्वाचन क्षेत्र में 41 पेयजल तथा 15 सिंचाई योजनाओं पर काम चल रहा है जो जल्द ही मुकम्मल हो जाएगा.

वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भाजपा सुरेश कश्यप ने भी बताया कि 24 घंटे पानी देने के लिए सरकारी योजनाएं तैयार कर रही है. आने वाले समय में लोगों को पानी की अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी.

पांवटा ब्लॉक के 124 गावं की सवा लाख की आबादी

पांवटा ब्लॉक के अंतर्गत करीब 124 गांव आते हैं जिसके तहत करीब सवा लाख की आबादी को विभाग द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती है. खासकर दूरदराज के इलाकों में अभी भी लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों से ही पानी ला रहे हैं, जबकि सरकार कहती है कि 'हर घर को नल' उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन अब भी कई गांवों में पानी की सप्लाई सुचारू नहीं है.

ऐसे में सरकार और विभाग की ओर से पेयजल उपलब्ध करवाने के वादे और दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि उन्हें परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

ये भी पढ़ें- सुरेश कश्यप का राठौर पर पलटवार, PCC चीफ पहले टुकड़ों में बंटी कांग्रेस को संभालें

ये भी पढ़ें- पड़ोसी राज्यों के मुकाबले हिमाचल में कोरोना के मामले कम, अभी सावधानी जरूरी: सैजल

पांवटा साहिब: प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से हर घर को नल से जल दिए जाने के लिए कवायद चल रही है. वहीं, जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब क्षेत्र में पानी की समस्या दिनों-दिन विकराल रूप धारण कर रही है. आलम यह है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.

यही नहीं पांवटा निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति इतनी बदतर है कि लोगों को कई-कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता है. खासकर, पांवटा निर्वाचन क्षेत्र के गिरिपार के कोटगा कंडो, शिलांन नघेता, रुदाना , डांडा आंज, भितरकुई, कुलथीना के क्षेत्रों में पानी को लेकर ग्रामीणों में सरकार और विभाग के प्रति भारी रोष है.

वीडियो.

पेयजल योजना चल रहीं है पर नहीं मिल रहा पानी

ग्रामीणों का कहना है एक तरफ तो प्रदेश सरकार लोगों को घर द्वार पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की बात करती है, दूसरी ओर स्थिति यह है कि लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. इस बारे में कोटगा गांव के लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें आज तक पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं करवाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पेयजल योजना तो चलाई जा रही है, लेकिन उन योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है.

मीलों ढो कर लाना पड़ता है पानी

ग्रामीणों का कहना है कि वे करीब तीन किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को मजबूर है. गांव की महिलाओं का ज्यादातर समय घर का काम छोड़ कर पानी ढ़ोने में चला जाता है. वहीं, मैदानी इलाकों की बात करें तो पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना, पातलियो, ज्वालापुर, करतारपुर और शहर में भी यही स्थिति है. लोगों ने बताया कि स्वच्छ पेयजल के लिए आज भी मोहताज हो रहे हैं. नवादा पंचायत के रहीम ने बताया कि पानी की किल्लत किसानों के लिए बड़ी परेशानी बन रही है. गिरी नदी से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है.

पानी की सप्लाई सुचारू नहीं

लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार 24 घंटे पानी देने की बात कह रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी पानी की सप्लाई सही ढंग से नहीं मिलती है. गुलाबगढ़ निवासी ने बताया कि खेतों में फसलों को पानी नहीं मिल पा रहा है. कई बार जल शक्ति विभाग को शिकायत भी कर दी है, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव की पाइप लाइनें दम तोड़ रही हैं.

नई योजनाएं तैयार की गई हैं, जल्द मिलेगी पानीः जल शक्ति विभाग

उधर, जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता जगबीर सिंह वर्मा ने बताया कि 47 पंचायतों के गांव के लोगों को यहां से पानी की सुविधा दी जाती है. ग्रामीण इलाकों में दिन के एक बार 3 से 4 घंटे पानी पहुंचाया जाता है, तो वहीं शहरी इलाकों में और मीडियम इलाकों में दिन में दो बार सुबह शाम एक से 2 घंटे पानी दिया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान कई नई योजनाएं तैयार की गई थी ताकि लोगों को पानी की समस्या ना हो. वहीं, कुछ इलाकों में पेयजल समस्या को लेकर विभाग के पास शिकायतें आई हैं.

विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि पेयजल की समस्या को हल किया जाए. उनके पास हरिपुर टोहाना, ज्वालापुर, अम्बाय, करतारपुर, नघेता और पांवटा शहर के कुछ इलाकों से लोगों को पेयजल को लेकर शिकायतें आई हैं. विभाग की ओर से इन समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. अधिशासी अभियंता ने कहा कि वर्तमान में पांवटा निर्वाचन क्षेत्र में 41 पेयजल तथा 15 सिंचाई योजनाओं पर काम चल रहा है जो जल्द ही मुकम्मल हो जाएगा.

वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भाजपा सुरेश कश्यप ने भी बताया कि 24 घंटे पानी देने के लिए सरकारी योजनाएं तैयार कर रही है. आने वाले समय में लोगों को पानी की अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी.

पांवटा ब्लॉक के 124 गावं की सवा लाख की आबादी

पांवटा ब्लॉक के अंतर्गत करीब 124 गांव आते हैं जिसके तहत करीब सवा लाख की आबादी को विभाग द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती है. खासकर दूरदराज के इलाकों में अभी भी लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों से ही पानी ला रहे हैं, जबकि सरकार कहती है कि 'हर घर को नल' उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन अब भी कई गांवों में पानी की सप्लाई सुचारू नहीं है.

ऐसे में सरकार और विभाग की ओर से पेयजल उपलब्ध करवाने के वादे और दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि उन्हें परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

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Last Updated : Nov 4, 2020, 10:36 PM IST
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