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श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति के सदस्यों ने किया शांतिपूर्वक प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपकर की ये मांग - Public Works Department Sirmaur

श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति (Shri Renuka Ji Dam Jan Sangharsh Samiti) के सदस्यों ने नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर बांध कार्यालय के नजदीक शांतिपूर्वक प्रदर्शन (protest peacefully in Nahan) किया. इसके साथ ही इस समिति के सदस्यों ने श्री रेणुका जी बांध परियोजना के महाप्रबंधक को अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि बांध प्रबंधन द्वारा जो भूमि विस्थापितों के लिए देखी गई है, वह उसे निरस्त करती है. बांध परियोजना में रह रहे वन्य प्राणी क्षेत्र के जिन लोगों की भूमि आती है. उन लोगों को बांध प्रबंधन के साथ हुए करार के अनुसार मुआवजे की राशि जल्द प्रदान की जाए.

Sangharsh Samiti members submitted a memorandum to General Manager
श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति के सदस्यों ने किया प्रदर्शन
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Published : Dec 27, 2021, 6:50 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले में नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति (Shri Renuka Ji Dam Jan Sangharsh Samiti) के सदस्यों ने बांध कार्यालय के समीप शांतिपूर्वक प्रदर्शन (protest peacefully in Nahan) किया. इसके बाद श्री रेणुका जी बांध परियोजना के महाप्रबंधक को अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर ज्ञापन सौंपा. महाप्रबंधक को सौंपे ज्ञापन में जन संघर्ष समिति ने मांग की है कि बांध निर्माण के बाद श्री रेणुका जी-संगड़ाह-हरिपुरधार मार्ग की दूरी बढ़ जाएगी, जिसका खामियाजा जिला की हजारों जनता को भुगतना होगा. इसलिए इस दूरी को कम करने के लिए मोहतू एवं चमयाणा गांव के बीच प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य जल्द करवाया जाए.

समिति के सदस्यों ने कहा कि बांध प्रबंधन द्वारा एनजीटी को दिए गए हलफनामे में इसे फुटब्रिज बनाने की बात कही गई है, जबकि इसे फुटब्रिज न बनाकर बस योग्य बनाया जाए, ताकि हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सके. समिति का कहना है कि पुनर्वास एवं पूर्ण स्थापन योजना के अनुसार गृह विहीन परिवारों को लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Sirmaur) द्वारा उस समय के आकलन के अनुसार अनुदान राशि प्रदान की जाएगी. विस्थापित होने वाले परिवारों को आर एंड आर प्लान के अनुसार 250 वर्ग मीटर प्लॉट के लिए दी जाने वाली राशि लोक निर्माण विभाग की दरों के अनुसार मकान के मूल्य का 50 प्रतिशत मुआवजा ((Jan Sangharsh Samiti submitted memorandum) अलग से दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग डूब क्षेत्र में अपनी अजीविका चला रहे हैं, उन्हें पूर्ण विस्थापित का दर्जा दिया जाए.

समिति की मांग है कि पूर्ण रूप से विस्थापित होने वाले एक परिवार के एक सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी नौकरी (Government Jobs in Himachal) प्रदान की जाए. शिक्षा एवं क्षेत्र के विकास पर पड़ने वाले प्रभाव का भी उल्लेख किया जाए. समिति ने मांग की है कि बांध निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व प्रत्येक विस्थापित परिवार को पुनः स्थापित किया जाए. इस क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, बांध प्रबंधन द्वारा जिसका कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है.

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बांध निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले सभी विस्थापित परिवारों को कृषि योग्य 5 बीघा भूमि प्रदान की जाए. यदि कोई व्यक्ति भूमि नहीं लेना चाहता, तो उसे उसका मूल्य प्रदान किया जाए. उनलोगों को पूर्ण विस्थापित (Homeless families in Nahan) का दर्जा दिया जाए, जिन लोगों की कृषि योग्य भूमि जलमग्न होगी. इसके साथ ही जो लोग दूसरों की जमीन पर काश्तकारी या वन भूमि पर वर्षों से रह रहे हैं, उन्हें भी पूर्ण विस्थापित का दर्जा प्रदान किया जाए. सभी प्रभावित परिवार को मुख्य परियोजना प्रभावित का कार्ड प्रदान किया जाए. पैरा 55 की कॉपी प्रत्येक परिवार को शीघ्र प्रदान की जाए, ताकि उन्हें पता चले कि उनकी जमीन समेत अन्य चीजों का कितना मुआवजा मिला है.

समिति के अनुसार डूब क्षेत्र में स्थित कृषि कर रहे विस्थापित परिवारों को जलभराव के बाद जलस्तर कम होने पर उस भूमि पर कृषि करने का अधिकार दिया जाए. डूब क्षेत्र में रह रहे विस्थापित परिवारों को विद्युत उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए. विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने अभी तक जिला सिरमौर में कहीं भी भूमि का चयन नहीं किया है. जन संघर्ष समिति ने मांग (Jan Sangharsh Samiti Demand) की है कि उन्हें किसी उपमंडल स्तर के मुख्यालय के समीप कॉलोनी बनाकर बसाया जाए.

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नाहन: सिरमौर जिले में नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर श्री रेणुका जी बांध जन संघर्ष समिति (Shri Renuka Ji Dam Jan Sangharsh Samiti) के सदस्यों ने बांध कार्यालय के समीप शांतिपूर्वक प्रदर्शन (protest peacefully in Nahan) किया. इसके बाद श्री रेणुका जी बांध परियोजना के महाप्रबंधक को अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर ज्ञापन सौंपा. महाप्रबंधक को सौंपे ज्ञापन में जन संघर्ष समिति ने मांग की है कि बांध निर्माण के बाद श्री रेणुका जी-संगड़ाह-हरिपुरधार मार्ग की दूरी बढ़ जाएगी, जिसका खामियाजा जिला की हजारों जनता को भुगतना होगा. इसलिए इस दूरी को कम करने के लिए मोहतू एवं चमयाणा गांव के बीच प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य जल्द करवाया जाए.

समिति के सदस्यों ने कहा कि बांध प्रबंधन द्वारा एनजीटी को दिए गए हलफनामे में इसे फुटब्रिज बनाने की बात कही गई है, जबकि इसे फुटब्रिज न बनाकर बस योग्य बनाया जाए, ताकि हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सके. समिति का कहना है कि पुनर्वास एवं पूर्ण स्थापन योजना के अनुसार गृह विहीन परिवारों को लोक निर्माण विभाग (Public Works Department Sirmaur) द्वारा उस समय के आकलन के अनुसार अनुदान राशि प्रदान की जाएगी. विस्थापित होने वाले परिवारों को आर एंड आर प्लान के अनुसार 250 वर्ग मीटर प्लॉट के लिए दी जाने वाली राशि लोक निर्माण विभाग की दरों के अनुसार मकान के मूल्य का 50 प्रतिशत मुआवजा ((Jan Sangharsh Samiti submitted memorandum) अलग से दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग डूब क्षेत्र में अपनी अजीविका चला रहे हैं, उन्हें पूर्ण विस्थापित का दर्जा दिया जाए.

समिति की मांग है कि पूर्ण रूप से विस्थापित होने वाले एक परिवार के एक सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी नौकरी (Government Jobs in Himachal) प्रदान की जाए. शिक्षा एवं क्षेत्र के विकास पर पड़ने वाले प्रभाव का भी उल्लेख किया जाए. समिति ने मांग की है कि बांध निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व प्रत्येक विस्थापित परिवार को पुनः स्थापित किया जाए. इस क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, बांध प्रबंधन द्वारा जिसका कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है.

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बांध निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले सभी विस्थापित परिवारों को कृषि योग्य 5 बीघा भूमि प्रदान की जाए. यदि कोई व्यक्ति भूमि नहीं लेना चाहता, तो उसे उसका मूल्य प्रदान किया जाए. उनलोगों को पूर्ण विस्थापित (Homeless families in Nahan) का दर्जा दिया जाए, जिन लोगों की कृषि योग्य भूमि जलमग्न होगी. इसके साथ ही जो लोग दूसरों की जमीन पर काश्तकारी या वन भूमि पर वर्षों से रह रहे हैं, उन्हें भी पूर्ण विस्थापित का दर्जा प्रदान किया जाए. सभी प्रभावित परिवार को मुख्य परियोजना प्रभावित का कार्ड प्रदान किया जाए. पैरा 55 की कॉपी प्रत्येक परिवार को शीघ्र प्रदान की जाए, ताकि उन्हें पता चले कि उनकी जमीन समेत अन्य चीजों का कितना मुआवजा मिला है.

समिति के अनुसार डूब क्षेत्र में स्थित कृषि कर रहे विस्थापित परिवारों को जलभराव के बाद जलस्तर कम होने पर उस भूमि पर कृषि करने का अधिकार दिया जाए. डूब क्षेत्र में रह रहे विस्थापित परिवारों को विद्युत उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए. विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने अभी तक जिला सिरमौर में कहीं भी भूमि का चयन नहीं किया है. जन संघर्ष समिति ने मांग (Jan Sangharsh Samiti Demand) की है कि उन्हें किसी उपमंडल स्तर के मुख्यालय के समीप कॉलोनी बनाकर बसाया जाए.

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