नाहन: हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teachers Federation in Nahan) के प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर ने आज गुरुवार दोपहर जिला मुख्यालय नाहन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान डॉ. मामराज पुंडीर ने विभिन्न मांगें उठाते हुए सरकार से इन्हें जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की.
मीडिया से बात करते हुए हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डॉ. मामराज पुंडीर (Mamraj Pundir PC In Nahan) ने कहा कि प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी 2.25, 2.59 और 15% की बढ़ोतरी के साथ वेतनमान को लागू करें, क्योंकि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब के वेतन आयोग को लागू करती है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को 2012 में संशोधित वेतनमान दिया गया था, परंतु इसे संशोधित वेतनमान में ग्रेड पे को तो बढ़ा दिया, परंतु इनिशियल वेतन को नहीं बदला और प्रमोशन व नई नियुक्ति पर 2 वर्ष का लॉकिंग पीरियड लगा दिया था.
इससे प्रदेश के कर्मचारियों को 2022 के वेतनमान में कोई फायदा नहीं हुआ है. जो कर्मचारी 2016 के बाद 2 वर्ष का लॉकिंग समय पूरा कर रहे हैं, उन्हें इस वेतनमान को गणना के दौरान पुराने ग्रेड पे पर फिक्स होना पड़ रहा है, जिससे कर्मचारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को लागू किए वेतनमान में 4-9-14 के बेनिफिट प्राप्त करने और अनुबंध प्राप्त कर्मचारियों का कोई जिक्र नहीं है. लिहाजा हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ इस स्थिति को स्पष्ट करने की सरकार से मांग करता है.
इसके अलावा महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि हिमाचल प्रदेश में भी पंजाब की तरह 2012 में संशोधित वेतनमान को इनिशियल स्टार्ट के साथ 2.25 की गणना का गुणांक दिया जाए, ताकि पंजाब में दिए जा रहे वेतन का लाभ हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को भी मिल सके. डॉ. मामराज पुंडीर ने कहा कि शिक्षक महासंघ सरकार से यह भी मांग करता है कि प्रदेश में 1-1-2016 में नियुक्त सभी वर्ग के अध्यापकों को पंजाब की तर्ज पर इनिशियल स्केल दें, जिसमें जेबीटी को 33400 की बजाए 37600, सीएंडवी को 35600 की तुलना में 40100, टीजीटी और डीपीई को 38100 के स्थान पर 41600, प्रवक्ता को 43000 के स्थान पर 47000 दिया जाए.
उन्होंने कहा कि पंजाब के वेतन मान का अनुसरण करने के बाद भी हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी वेतन में पिछड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को भत्ते पंजाब के आधार पर नहीं दिए जाते, जिसकी वजह से प्रदेश का कर्मचारी पिछड़ता जा रहा है. डॉ. मामराज पुंडीर (teachers federation Himachal pradesh) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश का सबसे बड़ा संगठन होने के नाते अपने दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास करता है. प्रदेश में कंप्यूटर और एसएमसी अध्यापकों का वर्ग ऐसा भी है, जिनको पिछले 20 वर्ष और 10 वर्ष की सेवा के बाद भी 10 हजार के आसपास वेतन दिया जाता है, जो इनके शोषण के सिवाए और कुछ नहीं है.
शिक्षक महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि इन शिक्षकों के लिए नीति बनाकर इन्हें नियमित अध्यापक के बराबर वेतन देने का प्रावधान किया जाए. उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश में पंजाब की तर्ज पर वेतन मान को यथावत लागू किया जाए. मामराज पुंडीर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जल्द हाई पावर समिति की बैठक का आयोजन किया जाए, ताकि प्रदेश के लाखों शिक्षकों की समस्याओं का हल निकाला जा सके.
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