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इस स्कूल के पिलर्स भी हैं बच्चों के टीचर, देते हैं मैथ-साइंस और इतिहास की कई जानकारियां

आधुनिक परिवेश में शिक्षा प्रदान करने के कई माध्यम हैं. इसी के तहत एक नया कार्य सिरमौर जिला के दुर्गम क्षेत्र बोगधार के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ने भी किया है. इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां अध्यापकों के साथ-साथ भवन की दीवारों के पिल्लर भी बच्चों के अध्यापक हैं.

बोगधार स्कूल
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Published : Jul 9, 2019, 3:29 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 2:18 PM IST

नाहन: डॉ. वाईएस परमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बोगधार की दीवारों के पिल्लर भी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हैं. जिला मुख्यालय नाहन से करीब 95 किलोमीटर दूर बोगधार में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो स्कूल प्रबंधन ने अपने इस खास उद्देश्य को हमारे साथ सांझा किया.

एकतरफ जहां लोग आज सरकारी स्कूलों में अपना मुंह मोड़ रहे हैं तो वहीं सरकारी स्कूलों की हालत भी किसी से छिपी नही हैं, लेकिन बोगधार स्कूल ने इन सब मिथकों को तोड़ते हुए एक नजीर सबके सामने पेश की है. आधुनिक परिवेश में शिक्षा प्रदान करने के कई माध्यम हैं. इसी के तहत एक नया कार्य सिरमौर जिला के दुर्गम क्षेत्र बोगधार के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ने भी किया है. इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां अध्यापकों के साथ-साथ भवन की दीवारों के पिल्लर भी बच्चों के अध्यापक हैं. स्कूल के पिल्लरों पर गणित, विज्ञान के फॉर्मूले से लेकर हिंदी, अंग्रेजी का व्याकरण और इतिहास की घटनाओं को सुंदर व आकर्षक ढंग से उकेरा गया है.

इस स्कूल के पिलर्स भी हैं बच्चों के टीचर. (वीडियो)

इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आते-जाते स्कूली बच्चों की निगाह प्रतिदिन व हर समय इन पर पड़ती है और ये उन्हें याद भी हो जाते हैं. यानी खेल-खेल में बच्चों को सभी विषयों का विश्लेषण आसान अंदाज में मिल जाता है. इस दो मंजिला स्कूल में बड़ी संख्या में पिल्लर हैं और सभी पर ज्ञानवर्धक पाठ्य सामग्री प्रकाशित की गई है. इससे जहां स्कूल सुंदर व स्वच्छ हुआ है, वहीं, बच्चों को अनेक विषयों का ज्ञान भी मिलता है.

स्कूली छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल के पिल्लरों पर जो जानकारी प्रकाशित की गई है, वह उनके लिए बड़ी ज्ञानवर्धक साबित हो रही है और कई सूत्र उन्हें चलते-फिरते ही याद हो गए हैं.
स्कूल के प्रिंसिपल सुनील कुमार ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए यह प्रयोग किया है. इससे जहां स्कूल सुंदर व आकर्षक हुआ है, वहीं बच्चों के सामान्य ज्ञान, राजतंत्र व सभी जटिल विषयों पर जानकारी भी मिल जाती है, जो उनके शिक्षा में उपयोगी साबित होती है. कुल मिलाकर एक दूरदराज के स्कूल में बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया यह कार्य बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़ाता है.

नाहन: डॉ. वाईएस परमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बोगधार की दीवारों के पिल्लर भी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हैं. जिला मुख्यालय नाहन से करीब 95 किलोमीटर दूर बोगधार में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो स्कूल प्रबंधन ने अपने इस खास उद्देश्य को हमारे साथ सांझा किया.

एकतरफ जहां लोग आज सरकारी स्कूलों में अपना मुंह मोड़ रहे हैं तो वहीं सरकारी स्कूलों की हालत भी किसी से छिपी नही हैं, लेकिन बोगधार स्कूल ने इन सब मिथकों को तोड़ते हुए एक नजीर सबके सामने पेश की है. आधुनिक परिवेश में शिक्षा प्रदान करने के कई माध्यम हैं. इसी के तहत एक नया कार्य सिरमौर जिला के दुर्गम क्षेत्र बोगधार के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ने भी किया है. इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां अध्यापकों के साथ-साथ भवन की दीवारों के पिल्लर भी बच्चों के अध्यापक हैं. स्कूल के पिल्लरों पर गणित, विज्ञान के फॉर्मूले से लेकर हिंदी, अंग्रेजी का व्याकरण और इतिहास की घटनाओं को सुंदर व आकर्षक ढंग से उकेरा गया है.

इस स्कूल के पिलर्स भी हैं बच्चों के टीचर. (वीडियो)

इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आते-जाते स्कूली बच्चों की निगाह प्रतिदिन व हर समय इन पर पड़ती है और ये उन्हें याद भी हो जाते हैं. यानी खेल-खेल में बच्चों को सभी विषयों का विश्लेषण आसान अंदाज में मिल जाता है. इस दो मंजिला स्कूल में बड़ी संख्या में पिल्लर हैं और सभी पर ज्ञानवर्धक पाठ्य सामग्री प्रकाशित की गई है. इससे जहां स्कूल सुंदर व स्वच्छ हुआ है, वहीं, बच्चों को अनेक विषयों का ज्ञान भी मिलता है.

स्कूली छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल के पिल्लरों पर जो जानकारी प्रकाशित की गई है, वह उनके लिए बड़ी ज्ञानवर्धक साबित हो रही है और कई सूत्र उन्हें चलते-फिरते ही याद हो गए हैं.
स्कूल के प्रिंसिपल सुनील कुमार ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए यह प्रयोग किया है. इससे जहां स्कूल सुंदर व आकर्षक हुआ है, वहीं बच्चों के सामान्य ज्ञान, राजतंत्र व सभी जटिल विषयों पर जानकारी भी मिल जाती है, जो उनके शिक्षा में उपयोगी साबित होती है. कुल मिलाकर एक दूरदराज के स्कूल में बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया यह कार्य बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़ाता है.

Intro:-बोगधार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में शिक्षा का नया अंदाज, पिल्लरों पर गणित व विज्ञान 
नाहन (बोगधार)। ये है सिरमौर की दुर्गम क्षेत्र में स्थित डा. वाईएस परमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बोगधार, जहां पर दीवारों के पिल्लर भी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हैं। जिला मुख्यालय नाहन से करीब 95 किलोमीटर दूर बोगधार में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो स्कूल प्रबंधन ने अपने इस खास उद्देश्य को सांझा किया। 


Body:दरअसल शिक्षा एक ऐसा अस्त्र माना जाता है, जिसका प्रयोग कभी भी खाली  नहीं जाता। आधुनिक परिवेश में शिक्षा प्रदान करने के अनेक माध्यम हैं। इसी के तहत एक नया कार्य सिरमौर जिला के दुर्गम क्षेत्र बोगधार के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ने भी किया हैं। इस स्कूल की खास बात यह है कि स्कूल में अध्यापकों के साथ-साथ भवन की दीवारों के पिल्लर भी बच्चों को पढ़ाते हैं।
बता दें कि स्कूल के पिल्लरों पर गणित, विज्ञान से लेकर हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास आदि को सुंदर व आकर्षक ढंग से उकेरा गया है। इसमें गणित के सूत्र, विज्ञान के रासायनिक सूत्रों सहित अंग्रेजी के नाउन व हिंदी व्याकरण आदि शामिल हैं।  इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आते-जाते स्कूली बच्चों की निगाह प्रतिदिन व हर समय इन पर पड़ती है और ये उन्हें याद भी हो जाते हैं। यानी खेल-खेल में बच्चों को सभी विषयों का विश्लेषण आसान अंदाज में मिल जाता है। इस दो मंजिला स्कूल में बड़ी संख्या में पिल्लर है और सभी पर ज्ञानवर्धक सामग्री प्रकाशित की गई है। इससे जहां स्कूल सुंदर व स्वच्छ हुआ है, वहीं बच्चों को अनेक विषयों का ज्ञान भी मिलता है। 
उधर स्कूली छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल के पिल्लरों पर जो जानकारी प्रकाशित की गई है, वह उनके लिए बड़ी ज्ञानवर्धक साबित हो रही है और कई सूत्र उन्हें चलते फिरते ही याद हो गए हैं। 
बाइट-1 व 2: स्कूल स्टुडेंट्स

उधर स्कूल के प्रिंसिपल सुनील कुमार ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के ज्ञान वर्धन के लिए यह प्रयोग किया है। इससे जहां स्कूल सुंदर व आकर्षक हुआ है, वहीं बच्चों के सामान्य ज्ञान, राजतंत्र व सभी जटिल विषयों पर जानकारी भी मिल जाती है, जो उनके शिक्षा में उपयोगी साबित होती है।
बाइट-3: सुनील कुमार, प्रिंसिपल, बोगधार स्कूल 


Conclusion:कुल मिलाकर एक दूरदराज के स्कूल में बच्चों को ज्ञानवान करने के उद्देश्य से यह कार्य किया गया है, जिससे बच्चों की रूचि पढ़ाई में बढ़ती है और स्कूल भी सुंदर दिखाई पड़ता है।
Last Updated : Jul 10, 2019, 2:18 PM IST
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