नाहन: हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा मंगलवार को जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के गीरनोल में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने व महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. डेजी ठाकुर ने महिलाओं को आत्मनिर्भर होकर अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया.
इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की (Shillai assembly constituency of Sirmaur) अध्यक्षा डॉ. डेजी ठाकुर ने बताया कि समाज में नारी एक महत्वपूर्ण स्तंभ की तरह कार्य करती है. पुराने ग्रंथों में भी महिलाओं को पुरुष के बराबर का दर्जा प्राप्त था, लेकिन बदलते समय के साथ व रूढ़िवादी नीतियों के कारण नारी का स्थान कम होता गया. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि नारी अपनी शक्ति को पहचान कर और समाज में अपने पुराने स्थान को प्राप्त करने के लिए पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बने और समाज में व्याप्त सभी कुरीतियों को खत्म कर समाज को आगे ले जाए.
उन्होंने कहा कि परिवार में लड़का और लड़की के अंतर को मिटाना होगा. उन्होंने बताया कि आज सरकार द्वारा लड़कियों के लिए सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा, वर्दी, मिड-डे मिल इत्यादि सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि लड़कियों की विवाह की आयु 18 से 21 वर्ष करके सरकार द्वारा उन्हें पढ़ने तथा अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है.
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राजेंद्र नेगी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए अपने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जिसमें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह योलना और मुख्यमंत्री शगुन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी दी.
इस अवसर पर सहायक न्यायवादी एवं विधि अधिकारी अनुज वर्मा, नायब तहसीलदार सोहन लाल, बाल विकास अधिकारी संतोष गुप्ता, तहसील कल्याण अधिकारी नरेंद्र ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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