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मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा सिरमौर का ये इलाका, सांसद पर अनदेखी के आरोप

सिरमौर जिले का गिरिपार क्षेत्र आज भी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.

सिरमौैर का सरकारी स्कूल
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Published : Apr 20, 2019, 1:28 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले का गिरिपार क्षेत्र आज भी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आलम ये है कि लोगों को छोटी सी बीमारी का इलाज करवाने के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि चुनाव के बाद सांसद ने लोगों को दर्शन तक नहीं दिए है और ना ही समस्याएं सुनी है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों के पद खाली पड़े हुए है, जिससे छोटी सी बीमारी का इलाज करवाने के लिए भी बड़े शहरों का रुख करने पर भी सुविधा नहीं मिल पाती है. सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होने की वजह से आए दिन हादसे होते रहते है. इसके अलावा कुछ किलोमीटर का सफर तय करने में घंटों का समय लग जाता है.

मूलसुविधाओं से जूझ रहे सिरमौर के लोग

स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार ने शिक्षण संस्थान तो खोल दिए, लेकिन स्कूल और कॉलेजों में स्टॉफ का टोटा है. स्कूल और कॉलेजों में स्टॉफ न होने की वजह से बच्चों को पढा़ई में परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, युवाओं ने मांग की है कि सरकार यहां कोई बड़ा तकनीकी संस्थान खोले, ताकि क्षेत्र के युवाओं को पढा़ई के लिए बाहर ना जाना पड़े.

नाहन: सिरमौर जिले का गिरिपार क्षेत्र आज भी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आलम ये है कि लोगों को छोटी सी बीमारी का इलाज करवाने के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि चुनाव के बाद सांसद ने लोगों को दर्शन तक नहीं दिए है और ना ही समस्याएं सुनी है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों के पद खाली पड़े हुए है, जिससे छोटी सी बीमारी का इलाज करवाने के लिए भी बड़े शहरों का रुख करने पर भी सुविधा नहीं मिल पाती है. सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होने की वजह से आए दिन हादसे होते रहते है. इसके अलावा कुछ किलोमीटर का सफर तय करने में घंटों का समय लग जाता है.

मूलसुविधाओं से जूझ रहे सिरमौर के लोग

स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार ने शिक्षण संस्थान तो खोल दिए, लेकिन स्कूल और कॉलेजों में स्टॉफ का टोटा है. स्कूल और कॉलेजों में स्टॉफ न होने की वजह से बच्चों को पढा़ई में परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, युवाओं ने मांग की है कि सरकार यहां कोई बड़ा तकनीकी संस्थान खोले, ताकि क्षेत्र के युवाओं को पढा़ई के लिए बाहर ना जाना पड़े.

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आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा गिरिपार
-सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोग
-अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों में कई पद खाली
-बदहाल स्तिथि में गिरिपार की सड़कें
-कई इलाकों में 5 साल में नही पहुंचे सांसद
नाहन। सिरमौर जिले का गिरीपार इलाका कई  सुविधाओं से जूझ रहा है। यहां जो भी सांसद चुने गए उन्होंने अधिकतर इलाकों में कभी मुड़कर नही देखा।  लोकसभा चुनाव को लेकर लोगों का क्या मानना है, देखें रिपोर्ट….....

यह तस्वीरें शिमला संसदीय क्षेत्र के गिरीपार इलाके की है, जहां आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। बात चाहे सड़कों की हो शिक्षा की  या फिर स्वास्थ्य क्षेत्र की। सबसे पहले बात हम स्वास्थ्य क्षेत्र की करें तो यहां स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों के पद खाली पड़े है। आलम यह है कि लोगों को छोटे से इलाज करवाने के लिए भी बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। दूर-दूर से लोग इलाज करवाने यहां स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचते है, मगर यहां लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। लोगो का  आरोप है कि यहां के सांसद ने तो कभी समस्याओं की तरफ ध्यान नही दिया। कुछ इलाके तो ऐसे है, जहां सांसद महोदय ने लोगो को 5 साल दर्शन तक नही दिए।
बाईट-स्थानीय निवासी
बाईट-स्थानीय निवासी
उधर बात यहां की सड़कोंं की करे तो यहां सफर करना खतरे से खाली नहीं है। बदहाल सड़कें हमेशा हादसों को न्योता देती रहती है। सड़कों पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं। आलम यह है कि कुछ किलोमीटर तय करने में घंटों का सफर लग जाता है। लोगों का कहना है कि सड़के लंबे समय सेेे बदहाल में और यहां आए दिन सड़क हादसे पेश आते हैं, जिसमें कई लोग अपनी जाने गंवाते है। लोग यहां पूर्व सांसदों पर भी अनदेखी के आरोप लगा रहे है।
बाईट-स्थानीय निवासी
वहीं गिरीपार में शिक्षा सेवाएं भी बदहाल है। स्थानीय युवाओ और लोगों का कहना है कि सरकार ने यहां शिक्षण संस्थान तो खोल दिए, मगर आलम यह है कि स्कूलों और कॉलेजों में स्टाफ की भारी कमी चल रही है। अंदाजन यहां सीधे तौर पर यहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही। साथ ही युवाओं की यही मांग है कि सरकार यहां कोई बड़ा तकनीकी संस्थान खोले ताकि क्षेत्र के युवाओं को बाहर ना जाना पड़े।
बाईट-स्थानीय निवासी
कुल मिलाकर हेरानी इस  बात की है कि आखिर क्यों यहाँ से चुने गये पूर्व सांसदों ने इलाके के विकास की तरफ ध्यान नही दिया। बीते 5 सालो में भी क्षेत्र में कोई विकास यहाँ के सांसद नही कर पाए। यहीं कारण है कि बीजेपी को यहाँ से मोजुदा सांसद वीरेंद्र कश्यप का टिकट काटना पड़ा और दुसरे उमीदवार को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा।
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