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पांवटा साहिब में धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन, मूकदर्शक बना प्रशासन - Illegal mining in paonta sahib news

पांवटा साहिब में खनन माफिया धड़ल्ले से अवैध खनन करके नदियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. खनन विभाग सहित पुलिस विभाग इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

no action on mining mafias in paonta sahib
रेत ले जाता टैक्ट्रर
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Published : Aug 23, 2020, 10:15 AM IST

पांवटा साहिब: उपमंडल में बारिश के मौसम में भी खनन माफिया बिना डरे नदियों से अवैध खनन कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि खनन विभाग और पुलिस विभाग द्वारा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे खनन माफिया के हौंसले बुलंद हैं.

बता दें कि क्षेत्र में रोज लगभग दस ट्रैक्टर नदियों व नालों से अवैध खनन करके रेत ले जा रहे हैं. आश्चर्य की बात है कि पुलिस को शिकायत करने पर भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, बल्कि जबाव मिलता है कि उनके पास अभी कोई गाड़ी नहीं है और मौके पर कोई भी पुलिस कर्मचारी नहीं पहुंचता.

एसडीएम एल आर वर्मा ने बताया कि नदियों से खनन करने के लिए कुछ लोगों को टेंडर दिया जाता है, जिससे वो उचित तरीके से नदियों का खनन करते हैं. वहीं, अगर कोई अवैध रूप से खनन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी विभाग इन मामलों में कोताही बरतेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो

राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिये प्रदेश सरकार ने 13 मार्च 2015 में हिमाचल प्रदेश लघु खनिज एवं खनिज नियम अधिसूचित किया था. साथ ही खनिजों का अवैध खनन और इनका विपणन एवं भण्डारण करने वालों को दो साल तक का कारावास व 25000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया था. वहीं, अब अवैध खनन के अपराध को अवैध रूप से किए गए खनन की मात्रा के साथ जोड़ा गया है. इसमें दोषी को कम से कम 10 हजार रुपये जुर्माने के रूप में लिए जा रहे हैं साथ ही 400 रुपये की दर से प्रति मीट्रिक टन पर जुर्माना वसूला जा रहा है.

ये भी पढ़ें: सुंदरनगर में आबकारी विभाग की कार्रवाई, प्रेशर कुकर व्यापारी से वसूला 13 हजार का जुर्माना

पांवटा साहिब: उपमंडल में बारिश के मौसम में भी खनन माफिया बिना डरे नदियों से अवैध खनन कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि खनन विभाग और पुलिस विभाग द्वारा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे खनन माफिया के हौंसले बुलंद हैं.

बता दें कि क्षेत्र में रोज लगभग दस ट्रैक्टर नदियों व नालों से अवैध खनन करके रेत ले जा रहे हैं. आश्चर्य की बात है कि पुलिस को शिकायत करने पर भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, बल्कि जबाव मिलता है कि उनके पास अभी कोई गाड़ी नहीं है और मौके पर कोई भी पुलिस कर्मचारी नहीं पहुंचता.

एसडीएम एल आर वर्मा ने बताया कि नदियों से खनन करने के लिए कुछ लोगों को टेंडर दिया जाता है, जिससे वो उचित तरीके से नदियों का खनन करते हैं. वहीं, अगर कोई अवैध रूप से खनन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी विभाग इन मामलों में कोताही बरतेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिये प्रदेश सरकार ने 13 मार्च 2015 में हिमाचल प्रदेश लघु खनिज एवं खनिज नियम अधिसूचित किया था. साथ ही खनिजों का अवैध खनन और इनका विपणन एवं भण्डारण करने वालों को दो साल तक का कारावास व 25000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया था. वहीं, अब अवैध खनन के अपराध को अवैध रूप से किए गए खनन की मात्रा के साथ जोड़ा गया है. इसमें दोषी को कम से कम 10 हजार रुपये जुर्माने के रूप में लिए जा रहे हैं साथ ही 400 रुपये की दर से प्रति मीट्रिक टन पर जुर्माना वसूला जा रहा है.

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