नाहनः हिमाचल में कोरोनावायरस के खतरे के चलते कर्फ्यू लागू है जिसके चलते जरुरतमंदों और मजदूरों के लिए गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है. शुक्रवार को शिमला से 10 प्रवासी मजदूर पैदल चलकर नाहन पहुंचे. इन मजदूरों को खुद का पेट भरना भी चुनौति बन गया है. ऐसे में नाहन पुलिस प्रवासी मजदूरों की मदद को आगे आई.
दरअसल शिमला में फोरलेन कार्य में लगे 10 प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकल पड़े. ये सारे मजदूर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं. रास्ते में बिना कुछ खाए भूखे पेट ही यह जिला मुख्यालय नाहन पहुंचे.
यहां पुलिस ने जब इन सभी से पूछताछ की, तो इन्होंने अपनी समस्या पुलिस कर्मियों को सुनाई, तो पुलिस का दिल भी पसीज गया. यह सभी मजदूर शिमला से पैदल ही चलकर नाहन पहुंचे थे और उन्हें रास्ते में कहीं भी कर्फ्यू के चलते खाना खाने की सुविधा नहीं मिली.
सदर नाहन के एसएचओ मानवेंद्र की टीम ने प्रवासी मजदूरों के लिए पुलिस लाइन में खाने की व्यवस्थता की. साथ ही कोरोना वायरस की जानकारी देकर जागरूक भी किया. इन प्रवासी मजदूरों में युवा के साथ अधेड़ उम्र के व्यक्ति भी शामिल हैं.
प्रवासी मजदूर नफीस ने बताया कि उनके साथ 16 लोग कार्य कर रहे थे, जिनमें से 6 अलग एवं ये 10 अलग-अलग होकर घर पहुंचने के लिए शिमला से पैदल ही निकल पड़े. नफीस ने बताया कि ये सभी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से ताल्लुक रखते हैं और आज जब पैदल चल कर नाहन लाचार व्यवस्था में पहुंचे तो यहां पुलिस ने उन्हें खाना खिला कर सबसे बड़ी समस्या भूख से लड़ने हेतू उनकी सहायता की.
वहीं अन्य प्रवासी मजदूर मुस्तफा ने कहा कि घर पहुंचने की चाह में वे सभी पैदल ही निकल पड़े. रास्ते में मौसम खराब था. एक जगह तेंदुआ भी देखा गया, जिसके चलते वे सब डर गए. भूखे पेट ही नाहन पहुंचे है, जहां नाहन पुलिस ने उनको खाना खिलाकर उनकी सबसे बड़ी सहायता की है.
प्रवासी मजदूर ने कहा कि उन्हें आशा है कि आगे भी जिला पुलिस उनकी सहायता करेगी और वे अपने घर जाकर अपने परिवार से मिल सकेंगे. कुल मिलाकर पुलिस द्वारा किए गए यह प्रयास सराहनीय है, लेकिन सभी को यह बात भी समझने की जरुरत है कि कर्फ्यू के दौरान जो शख्स जहां है, वो वहीं बना रहे. सरकार भी इसको लेकर लगातार अपील कर रही है.
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