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मेड-इन-सिरमौर के तहत एक और पहल, आपदा काल में मददगार बनेगा 'मेरा बैग-मेरा घर'

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Published : Oct 1, 2020, 8:58 AM IST

Updated : Oct 1, 2020, 10:44 AM IST

सिरमौर प्रशासन जल्द ही प्रशासन मेरा बैग-मेरा घर नाम से भी एक योजना को शुरू करने जा रहा है. मेड-इन-सिरमौर के नाम से 32 किलो का एक चलता फिरता घर प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

नाहन: मेड-इन-सिरमौर मुहिम के तहत जिला प्रशासन ने एक और पहल की है. जिसके तहत जल्द ही प्रशासन मेरा बैग-मेरा घर नाम से भी एक योजना को शुरू करने जा रहा है. मेड-इन-सिरमौर के नाम से 32 किलो का एक चलता फिरता घर प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा.

दरअसल जिला प्रशासन ने मेरा बैग-मेरी दुकान की तर्ज पर मेरा बैग-मेरा घर की एक और अनूठी पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत एक पोर्टेबल बैग में ही एक चलता फिरता घर तैयार किया गया है, जो कि 20 मिनट में कहीं भी तैयार हो जाएगा. इस पोर्टेबल बैग की खास बात यह है कि वाटर प्रूफ टेंट नुमा घर में लिविंग रूम की सुविधा करवाई गई है. इसके साथ-साथ इस बैग में 2 फोल्डिंग कुर्सियां व एक टेबल भी उपलब्ध है.

वीडियो रिपोर्ट

इसमें सौर ऊर्जा प्लेट के माध्यम से लाइट का भी प्रबंध किया गया है. बिजली के 2 बल्बों के अलावा गर्मी के मौसम के लिए पंखे की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही मोबाइल की चार्जिंग भी की जा सकती है. यह बैग जहां साहसिक खेल व पर्यटन गतिविधियों के लिए भी आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है. वहीं, आपदा काल के दौरान घर क्षतिग्रस्त होने की सूरत में पीड़ित परिवार के लिए तिरपाल में रहने की बजाए यह घर काफी मददगार साबित हो सकता है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि जिला प्रशासन जल्द ही मेरा बैग-मेरा घर योजना भी शुरू करने जा रहा है. इसके तहत जैसे प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों के घर गिर जाते हैं और रहने की जगह नहीं मिलती, उस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया गया कि क्यों न सारे घर को एक पोर्टेबल रूप दे दिया जाए.

डीसी ने बताया कि मेरा बैग-मेरा घर के पिछले हिस्से में बेडरूम बनाया गया है. साथ ही इसमें 2 चेयर व एक फोल्डिंग टेबल है. इसके अलावा स्लीपिंग बैग भी है. जिन लोगों के घरों का नुकसान होता है, उसे इसकी सुविधा मिल सके, इसी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है. डीसी ने बताया कि आने वाले समय में ट्रायल के तौर पर प्रशासन इसका इस्तेमाल करेगा. कुछ दिनों में ही यह बैग मेड-इन-सिरमौर के नाम से उपलब्ध होगा.

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले सिरमौर प्रशासन ने मेरा बैग- मेरी दुकान का भी ट्रायल किया था, जिसे मेरा बैग-मेरा घर की तर्ज पर ही कहीं भी कुछ इसी तरह की सुविधाओं के साथ तैयार किया जा सकता है. दोनों प्रोडक्ट कालाअंब की एक कंपनी द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जो कि जल्द ही मेड-इन-सिरमौर के नाम से उपलब्ध होंगे.

नाहन: मेड-इन-सिरमौर मुहिम के तहत जिला प्रशासन ने एक और पहल की है. जिसके तहत जल्द ही प्रशासन मेरा बैग-मेरा घर नाम से भी एक योजना को शुरू करने जा रहा है. मेड-इन-सिरमौर के नाम से 32 किलो का एक चलता फिरता घर प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा.

दरअसल जिला प्रशासन ने मेरा बैग-मेरी दुकान की तर्ज पर मेरा बैग-मेरा घर की एक और अनूठी पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत एक पोर्टेबल बैग में ही एक चलता फिरता घर तैयार किया गया है, जो कि 20 मिनट में कहीं भी तैयार हो जाएगा. इस पोर्टेबल बैग की खास बात यह है कि वाटर प्रूफ टेंट नुमा घर में लिविंग रूम की सुविधा करवाई गई है. इसके साथ-साथ इस बैग में 2 फोल्डिंग कुर्सियां व एक टेबल भी उपलब्ध है.

वीडियो रिपोर्ट

इसमें सौर ऊर्जा प्लेट के माध्यम से लाइट का भी प्रबंध किया गया है. बिजली के 2 बल्बों के अलावा गर्मी के मौसम के लिए पंखे की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही मोबाइल की चार्जिंग भी की जा सकती है. यह बैग जहां साहसिक खेल व पर्यटन गतिविधियों के लिए भी आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है. वहीं, आपदा काल के दौरान घर क्षतिग्रस्त होने की सूरत में पीड़ित परिवार के लिए तिरपाल में रहने की बजाए यह घर काफी मददगार साबित हो सकता है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि जिला प्रशासन जल्द ही मेरा बैग-मेरा घर योजना भी शुरू करने जा रहा है. इसके तहत जैसे प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों के घर गिर जाते हैं और रहने की जगह नहीं मिलती, उस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया गया कि क्यों न सारे घर को एक पोर्टेबल रूप दे दिया जाए.

डीसी ने बताया कि मेरा बैग-मेरा घर के पिछले हिस्से में बेडरूम बनाया गया है. साथ ही इसमें 2 चेयर व एक फोल्डिंग टेबल है. इसके अलावा स्लीपिंग बैग भी है. जिन लोगों के घरों का नुकसान होता है, उसे इसकी सुविधा मिल सके, इसी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है. डीसी ने बताया कि आने वाले समय में ट्रायल के तौर पर प्रशासन इसका इस्तेमाल करेगा. कुछ दिनों में ही यह बैग मेड-इन-सिरमौर के नाम से उपलब्ध होगा.

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले सिरमौर प्रशासन ने मेरा बैग- मेरी दुकान का भी ट्रायल किया था, जिसे मेरा बैग-मेरा घर की तर्ज पर ही कहीं भी कुछ इसी तरह की सुविधाओं के साथ तैयार किया जा सकता है. दोनों प्रोडक्ट कालाअंब की एक कंपनी द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जो कि जल्द ही मेड-इन-सिरमौर के नाम से उपलब्ध होंगे.

Last Updated : Oct 1, 2020, 10:44 AM IST
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