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पांवटा में मक्की की फसल तैयार, बंपर पैदावार से किसान खुश

जिला में मक्का की फसल तैयार हो चुकी है. किसानों ने मक्का काटने की तैयारियां लगभग शुरू कर ही दी हैं. वहीं, इस बार समय-समय पर बारिश होने की वजह से जिला में मक्का की फसल अच्छी हुई है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है.

Maize crop ready in Paonta Sahib
पांवटा में मक्का की फसल तैयार
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Published : Sep 17, 2020, 12:45 PM IST

पांवाटा साहिबः जिला में मक्की की फसल लगभग तैयार हो चुकी है. किसानों ने मक्की काटने की तैयारियां शुरू कर ही दी हैं. वहीं, इस बार समय-समय पर बारिश होने की वजह से जिला में मक्की की फसल की पैदावार अच्छी हुई है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है.

दरअसल जिला सिरमौर में पांवटा के ऊपरी इलाके और शिलाई के अधिकांश क्षेत्रों में मक्की की खेती का काम किया जाता है. वहीं, मैदानी इलाकों में राजबन, सतोन, पुरुवाला, गोजर, किशनकोट, अजोला, आदि क्षेत्रों में मक्का की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. नघेता आगरो, भरली, कोटगा धमोन, टारू, भेला, किलोड, आदि क्षेत्रों में कटाई का काम शुरू किया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

गौरतलब है कि जून-जुलाई में बोई गई फसल 45 दिनों में पूरी विकसित होकर 50 से 60 दिनों में भुट्टे देने लग जाती है. 3 महीने में लगभग फसल पूरी तैयार हो जाती है. किसानों का कहना था कि इस बार सभी नगदी फसलों की पैदावार काफी ज्यादा हुई है. समय-समय पर बारिश धूप मक्की की फसल के लिए काफी फायदेमंद रही है.

किसानों का कहना है कि इस बार पैदावार इतनी ज्यादा हुई है कि एक मक्की के पौधे में दो से तीन भुट्टे लगे हैं. ऐसे में उनकी फसल पिछले वर्ष के मुताबिक इस बार ज्यादा हो रही है.

बता दें कि किसानों को केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से हर मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए कई रणनीतियां बनाई गई थीं, ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ेंः नाहन में आधुनिक सुविधा से लैस शौचालय का करवाया जा रहा निर्माण, मिलेंगी ये सुविधाएं

पांवाटा साहिबः जिला में मक्की की फसल लगभग तैयार हो चुकी है. किसानों ने मक्की काटने की तैयारियां शुरू कर ही दी हैं. वहीं, इस बार समय-समय पर बारिश होने की वजह से जिला में मक्की की फसल की पैदावार अच्छी हुई है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है.

दरअसल जिला सिरमौर में पांवटा के ऊपरी इलाके और शिलाई के अधिकांश क्षेत्रों में मक्की की खेती का काम किया जाता है. वहीं, मैदानी इलाकों में राजबन, सतोन, पुरुवाला, गोजर, किशनकोट, अजोला, आदि क्षेत्रों में मक्का की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. नघेता आगरो, भरली, कोटगा धमोन, टारू, भेला, किलोड, आदि क्षेत्रों में कटाई का काम शुरू किया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

गौरतलब है कि जून-जुलाई में बोई गई फसल 45 दिनों में पूरी विकसित होकर 50 से 60 दिनों में भुट्टे देने लग जाती है. 3 महीने में लगभग फसल पूरी तैयार हो जाती है. किसानों का कहना था कि इस बार सभी नगदी फसलों की पैदावार काफी ज्यादा हुई है. समय-समय पर बारिश धूप मक्की की फसल के लिए काफी फायदेमंद रही है.

किसानों का कहना है कि इस बार पैदावार इतनी ज्यादा हुई है कि एक मक्की के पौधे में दो से तीन भुट्टे लगे हैं. ऐसे में उनकी फसल पिछले वर्ष के मुताबिक इस बार ज्यादा हो रही है.

बता दें कि किसानों को केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से हर मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए कई रणनीतियां बनाई गई थीं, ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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