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कोरोना संकट: पांवटा साहिब में फंसे प्रवासी मजदूरों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में 9 मार्च को ऐतिहासिक होली मेले में झूले लगाने वाले दिहाड़ीदार मजदूर भी घर नहीं जा पा रहे हैं. वह जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं.

labourers in paonta sahib
पांवटा साहिब में प्रवासी मजदूर
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Published : Apr 29, 2020, 11:39 AM IST

Updated : Apr 29, 2020, 11:49 AM IST

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू लगा है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों की परेशानियां हर दिन बढ़ती जा रही है. जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में 9 मार्च को ऐतिहासिक होली मेले में झूले लगाने वाले दिहाड़ीदार मजदूर भी घर नहीं जा पा रहे हैं.

पिछले 50 दिनों से 2 दर्जन से अधिक मजदूर से घर जाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं. लिहाजा जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं.

प्रवासी मजदूरों का कहना है कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई है. एसडीएम के माध्यम से राशन किट भी पहुंचाई जा रही है लेकिन गैस चूल्हा न होने की वजह से खाना नहीं बना पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 4 और 6 महीने के बच्चों को दूध उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

वीडियो

मजदूरों का कहना है कि बारिश और कोरोना वायरस के चलते इस बार ऐतिहासिक होली मेले में काम बिल्कुल कम था. दोहरी मार झेल रहे दिहाडीदार मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार की ओर 22 लोगों के लिए मात्र 2000 रुपये की मदद दी गई है.

वहीं, पांवटा साहिब विधायक सुखराम चौधरी ने बताया कि यहां पर बसे दिहाड़ीदार मजदूरों को हर तरह की सुविधाएं दी जा रही है. होली मेले के दौरान फंसे हुए मजदूरों को घर भिजवाने का पूरा प्रबंध जल्द ही करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश कोविड-19 SDR फंड में अब तक 27,31,19,009 रुपये एकत्रित

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू लगा है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों की परेशानियां हर दिन बढ़ती जा रही है. जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में 9 मार्च को ऐतिहासिक होली मेले में झूले लगाने वाले दिहाड़ीदार मजदूर भी घर नहीं जा पा रहे हैं.

पिछले 50 दिनों से 2 दर्जन से अधिक मजदूर से घर जाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं. लिहाजा जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं.

प्रवासी मजदूरों का कहना है कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई है. एसडीएम के माध्यम से राशन किट भी पहुंचाई जा रही है लेकिन गैस चूल्हा न होने की वजह से खाना नहीं बना पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 4 और 6 महीने के बच्चों को दूध उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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मजदूरों का कहना है कि बारिश और कोरोना वायरस के चलते इस बार ऐतिहासिक होली मेले में काम बिल्कुल कम था. दोहरी मार झेल रहे दिहाडीदार मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार की ओर 22 लोगों के लिए मात्र 2000 रुपये की मदद दी गई है.

वहीं, पांवटा साहिब विधायक सुखराम चौधरी ने बताया कि यहां पर बसे दिहाड़ीदार मजदूरों को हर तरह की सुविधाएं दी जा रही है. होली मेले के दौरान फंसे हुए मजदूरों को घर भिजवाने का पूरा प्रबंध जल्द ही करवाया जाएगा.

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Last Updated : Apr 29, 2020, 11:49 AM IST
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