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हिमाचल को पशुचारा देने पर हरियाणा ने लगाई रोक, किसानों की बढ़ीं मुश्किलें

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Published : Apr 27, 2022, 11:00 PM IST

हरियाणा में पशुओं का चारा संकट गहराता (Animal feed crisis in Haryana) जा रहा है. जिसका असर हिमाचल में भी दिखाई दे रहा है. यमुनानगर जिला प्रशासन ने हिमाचल में आने वाली (banned the giving of straw to Himachal) गेहूं की तूड़ी यानी भूसा और पशुओं को खिलाया जाने वाला गेहूं पर रोक लगा दी है. यही नहीं पंजाब से हरियाणा होकर हिमाचल आने वाली तूड़ी को भी रोका जा रहा है.

Straw crisis in Himachal
हिमाचल को पशुचारा देने पर हरियाणा ने लगाई रोक

पांवटा साहिब: हरियाणा के यमुनानगर जिला प्रशासन के एक आदेश ने हिमाचल में पशु पालकों और दुग्ध उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यमुनानगर जिला प्रशासन ने हिमाचल में आने वाली गेहूं की तूड़ी यानी भूसा, और पशुओं को खिलाया जाने वाला गेहूं पर रोक लगा दी है. यही नहीं पंजाब से हरियाणा होकर हिमाचल आने वाली तूड़ी (banned the giving of straw to Himachal) को भी रोका जा रहा है. हरियाणा प्रशासन के इस फरमान से हिमाचल के दुग्ध उत्पादकों के पास पशु चारा लगभग खत्म हो गया है. परेशान पशुपालकों ने स्थानीय एसडीएम के माध्यम से पशु चारे की सप्लाई सुचारू करवाने की गुहार लगाई है.

16 डेयरियां बंद, बाकी पर भी गहराया संकट- हरियाणा के साथ लगते पांवटा साहिब और आसपास के क्षेत्रों में दूध की लगभग 16 डेयरिया बंद हो गई हैं. इन डेयरी संचालकों के पास पशुओं को खिलाने के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध नहीं है. पशु चारे की कमी के चलते अन्य 65 डेरिया भी बंद होने के कगार पर है. स्थिति यह हो गई है (Straw crisis in Himachal) कि पशुपालक अपने पशुओं को खुले में छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. यह हालात हरियाणा के यमुनानगर जिला प्रशासन के तुगलकी फरमान के बाद पैदा हुए हैं.

हिमाचल को पशुचारा देने पर हरियाणा ने लगाई रोक.

दरअसल हिमाचल में पशु चारे का बड़ा हिस्सा हरियाणा से आता है. पशुओं को खिलाए जाने वाला अधिकतर भूसा और खराब गेहूं हरियाणा से ही हिमाचल के सिरमौर जिले में (Straw crisis in Paonta Sahib) पहुंचाया जाता है. मगर इस बार यमुनानगर प्रशासन ने पशु चारे की सप्लाई पर रोक लगा दी है. कई पशुपालकों ने पशु चारे के लिए एडवांस पेमेंट भी जमा करवाई है. मगर उनके लदे हुए ट्रक भी जिला प्रशासन द्वारा रोक दिए गए हैं. जिसके चलते जिला सिरमौर के डेयरी संचालकों और पशुपालकों के समक्ष पशु चारे की समस्या खड़ी हो गई है. कई दिनों से परेशान पशुपालकों ने आखिर प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है. डेयरी संचालकों और पशुपालकों ने पांवटा एसडीएम से गुहार लगाई है कि जिला प्रशासन यमुनानगर प्रशासन से बात करके पशु चारे की सप्लाई सुनिश्चित करवाएं.


यमुनानगर जिला प्रशासन के इन फरमानों के बाद पांवटा साहिब में पशु चारे की आमद बंद हो गई है. यही नहीं, हरियाणा प्रशासन ने पंजाब से हरियाणा होकर हिमाचल आने वाले ट्रकों (Straw crisis in Paonta Sahib) को भी रोक दिया है. जिसकी वजह से किल्लत और बढ़ गई है. यमुनानगर जिला प्रशासन के इन फरमानों से हिमाचल में (Straw crisis in Himachal) स्थानीय प्रशासन भी हैरान है. पांवटा साहिब एसडीएम विवेक महाजन ने कहा कि हरियाणा प्रशासन का यह फैसला हैरान करने वाला है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी और यमुना नगर प्रशासन के साथ मिलकर समस्या के समाधान का जल्द प्रयास किया जाएगा.

हरियाणा के कई जिलों में धारा 144- हरियाणा के हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और पानीपत में चारे की कमी को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है. प्रशासन ने इन जिलों में चारे की बिक्री और बाहर भेजने पर रोक लगा दी है. सिरसा और फतेहाबाद जिलों में सूखे चारे की कमी (sirsa fodder shortage) को देखते हुए जिला उपायुक्त ने धारा 144 के तहत जिले से बाहर जाने और ईंट-भट्टों और बॉयलर में इसके प्रयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है. जिला प्रशासन ने पत्र में कहा कि तूड़ी फैक्ट्री में प्रयोग होती है और इसे बाहर भी भेजा जाता है. इससे गौवंश में सूखे चारे की कमी होती है. इसलिए तूड़ी को फैक्ट्री में प्रयोग करने व सिरसा से बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

इसी तरह हिसार और पानीपत जिले में भी चारे की कमी (Hisar shortage of fodder) अब गहराती जा रही है. जिसे देखते भूसे की बिक्री और बाहर भेजने पर रोक लगाने का आदेश जिलाधीश की तरफ से दिया गया है. जिले की सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

पांवटा साहिब: हरियाणा के यमुनानगर जिला प्रशासन के एक आदेश ने हिमाचल में पशु पालकों और दुग्ध उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यमुनानगर जिला प्रशासन ने हिमाचल में आने वाली गेहूं की तूड़ी यानी भूसा, और पशुओं को खिलाया जाने वाला गेहूं पर रोक लगा दी है. यही नहीं पंजाब से हरियाणा होकर हिमाचल आने वाली तूड़ी (banned the giving of straw to Himachal) को भी रोका जा रहा है. हरियाणा प्रशासन के इस फरमान से हिमाचल के दुग्ध उत्पादकों के पास पशु चारा लगभग खत्म हो गया है. परेशान पशुपालकों ने स्थानीय एसडीएम के माध्यम से पशु चारे की सप्लाई सुचारू करवाने की गुहार लगाई है.

16 डेयरियां बंद, बाकी पर भी गहराया संकट- हरियाणा के साथ लगते पांवटा साहिब और आसपास के क्षेत्रों में दूध की लगभग 16 डेयरिया बंद हो गई हैं. इन डेयरी संचालकों के पास पशुओं को खिलाने के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध नहीं है. पशु चारे की कमी के चलते अन्य 65 डेरिया भी बंद होने के कगार पर है. स्थिति यह हो गई है (Straw crisis in Himachal) कि पशुपालक अपने पशुओं को खुले में छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. यह हालात हरियाणा के यमुनानगर जिला प्रशासन के तुगलकी फरमान के बाद पैदा हुए हैं.

हिमाचल को पशुचारा देने पर हरियाणा ने लगाई रोक.

दरअसल हिमाचल में पशु चारे का बड़ा हिस्सा हरियाणा से आता है. पशुओं को खिलाए जाने वाला अधिकतर भूसा और खराब गेहूं हरियाणा से ही हिमाचल के सिरमौर जिले में (Straw crisis in Paonta Sahib) पहुंचाया जाता है. मगर इस बार यमुनानगर प्रशासन ने पशु चारे की सप्लाई पर रोक लगा दी है. कई पशुपालकों ने पशु चारे के लिए एडवांस पेमेंट भी जमा करवाई है. मगर उनके लदे हुए ट्रक भी जिला प्रशासन द्वारा रोक दिए गए हैं. जिसके चलते जिला सिरमौर के डेयरी संचालकों और पशुपालकों के समक्ष पशु चारे की समस्या खड़ी हो गई है. कई दिनों से परेशान पशुपालकों ने आखिर प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है. डेयरी संचालकों और पशुपालकों ने पांवटा एसडीएम से गुहार लगाई है कि जिला प्रशासन यमुनानगर प्रशासन से बात करके पशु चारे की सप्लाई सुनिश्चित करवाएं.


यमुनानगर जिला प्रशासन के इन फरमानों के बाद पांवटा साहिब में पशु चारे की आमद बंद हो गई है. यही नहीं, हरियाणा प्रशासन ने पंजाब से हरियाणा होकर हिमाचल आने वाले ट्रकों (Straw crisis in Paonta Sahib) को भी रोक दिया है. जिसकी वजह से किल्लत और बढ़ गई है. यमुनानगर जिला प्रशासन के इन फरमानों से हिमाचल में (Straw crisis in Himachal) स्थानीय प्रशासन भी हैरान है. पांवटा साहिब एसडीएम विवेक महाजन ने कहा कि हरियाणा प्रशासन का यह फैसला हैरान करने वाला है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी और यमुना नगर प्रशासन के साथ मिलकर समस्या के समाधान का जल्द प्रयास किया जाएगा.

हरियाणा के कई जिलों में धारा 144- हरियाणा के हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और पानीपत में चारे की कमी को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है. प्रशासन ने इन जिलों में चारे की बिक्री और बाहर भेजने पर रोक लगा दी है. सिरसा और फतेहाबाद जिलों में सूखे चारे की कमी (sirsa fodder shortage) को देखते हुए जिला उपायुक्त ने धारा 144 के तहत जिले से बाहर जाने और ईंट-भट्टों और बॉयलर में इसके प्रयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है. जिला प्रशासन ने पत्र में कहा कि तूड़ी फैक्ट्री में प्रयोग होती है और इसे बाहर भी भेजा जाता है. इससे गौवंश में सूखे चारे की कमी होती है. इसलिए तूड़ी को फैक्ट्री में प्रयोग करने व सिरसा से बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

इसी तरह हिसार और पानीपत जिले में भी चारे की कमी (Hisar shortage of fodder) अब गहराती जा रही है. जिसे देखते भूसे की बिक्री और बाहर भेजने पर रोक लगाने का आदेश जिलाधीश की तरफ से दिया गया है. जिले की सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

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