नाहन: मौसम के बदले मिजाज के दौरान हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि ने सिरमौर जिला में भी किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जिला में अप्रैल और मई माह में हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से 12 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. बारिश की वजह से मुख्य रूप से गेहूं, जौ, लहसुन, टमाटर, मटर आदि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
दरअसल जिला में बारिश व ओलावृष्टि ने 5892 हेक्टेयर प्रभावित भूमि में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इसकी वजह से किसानों को 2 करोड़ 99 लाख रूपये का नुकसान उठाना पड़ा. वहीं, 225 हेक्टेयर प्रभावित भूमि में 20 लाख 48 हजार रुपये की जौ की फसल तबाह हो गई. इसके अलावा लहसुन की फसल को भी काफी क्षति पहुंची है.
704 हेक्टेयर प्रभावित भूमि में 5 करोड़ 83 लाख रुपये का नुकसान लहसुन की फसल से हुआ है. इसी प्रकार प्रभावित 590 हेक्टेयर भूमि में करीब 3 करोड़ 43 लाख रुपये का नुकसान किसानों को सब्जी उत्पादन में उठाना पड़ा है. कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि 18 अप्रैल से 3 मई तक बीच-बीच में हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से जिला के विभिन्न क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है.
इस दौरान विभिन्न फसलों के तहत कुल 12 करोड़ 41 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन कृषि विभाग ने किया है. इस बीच मुख्यतः गेहूं की फसल को अधिक क्षति हुआ है, जिसमें 10 से 70 प्रतिशत नुकसान का आंकलन किया गया है. इसके अलावा मटर, लहसून, टमाटर की पनीरी, टमाटर के पौधे को भी नुकसान हुआ है.
डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन सरकार को भेज दिया गया है. इसके अलावा गेहूं व जौ से संबंधित जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन लिया था, इसको लेकर बीमा कंपनियों को भी लिखित रूप में अवगत करवा दिया गया है, ताकि वह संबंधित क्षेत्रों में नुकसान का आंकलन कर किसानों को राहत प्रदान कर सकें.
कुल मिलाकर एक तरफ जहां कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने किसानों की मुश्किल बढ़ा रखी थी, वहीं भारी बारिश व ओलावृष्टि ने उनकी फसलों को तबाह का दिया. अब किसान सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं.
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