नाहन: लोक संगीत के क्षेत्र में सिरमौर जिले से ताल्लुक रखने वाले मशहूर लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को आज शाम देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित (Vidyanand Saraik honored with Padma Shri award) किया. इस पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद विद्यानंद सरैक ने ये पुरस्कार हासिल कर विद्यानंद सरैक (Padma Shri awardee Vidyanand Saraik) ने हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विद्यानंद को शुभकामनाएं दी हैं. सीएम ने ट्वीट कर कहा कि, 'हर्ष का विषय है कि राष्ट्रपति जी द्वारा हिमाचल के श्री विद्यानंद सरैक जी को शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया. विद्यानंद सरैक जी को हार्दिक बधाई. हिमाचल के लोक साहित्य और संगीत क्षेत्र में आपका योगदान प्रेरणादायक है.'
-
हर्ष का विषय है कि राष्ट्रपति जी द्वारा हिमाचल के श्री विद्यानंद सरैक जी को शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) March 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
विद्यानंद सरैक जी को हार्दिक बधाई।
हिमाचल के लोक साहित्य और संगीत क्षेत्र में आपका योगदान प्रेरणादायक है। https://t.co/pgZiCGB6Li
">हर्ष का विषय है कि राष्ट्रपति जी द्वारा हिमाचल के श्री विद्यानंद सरैक जी को शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) March 21, 2022
विद्यानंद सरैक जी को हार्दिक बधाई।
हिमाचल के लोक साहित्य और संगीत क्षेत्र में आपका योगदान प्रेरणादायक है। https://t.co/pgZiCGB6Liहर्ष का विषय है कि राष्ट्रपति जी द्वारा हिमाचल के श्री विद्यानंद सरैक जी को शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) March 21, 2022
विद्यानंद सरैक जी को हार्दिक बधाई।
हिमाचल के लोक साहित्य और संगीत क्षेत्र में आपका योगदान प्रेरणादायक है। https://t.co/pgZiCGB6Li
दरअसल 26 जुलाई 1941 में जन्मे लोक कलाकार विद्यानंद सरैक मूलतः सिरमौर जिले के उपमंडल राजगढ़ के देवठी मझगांव के रहने वाले हैं. लोक संस्कृति के संरक्षक विद्यानंद सरैक को इससे पहले राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि विद्यानंद सरैक चार वर्ष की उम्र से ही हिमाचली लोक संस्कृति (Himachali Folk Culture) व ट्रेडिशनल फोक म्यूजिक की विभिन्न विधाओं को संजोए हुए देश-विदेश में अनेक मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं. उन्होंने हिमाचली संस्कृति व लोक विद्याओं पर किताबें लिखी हैं और सांस्कृतिक ध्रुव धरोहरों पर गहन अध्ययन भी किया है.
इतना ही नहीं विद्यानंद सरैक ने ट्रेडिशनल फोक जैसे ठोडा सिंटू, बड़ाहलटू हिमाचल की देव पूजा पद्धति और पान चढे़ सहित नोबल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के गीतांजलि संस्करण से 51 कविताओं का सिरमौरी भाषा में भी अनुवाद किया. इसके अलावा उन्होंने बच्चों का फोटो ड्रामा 'भू रे एक रोटी' के अलावा समाधान नाटक, जो कि सुकताल पर आधारित है, उसका भी मंचन किया है. विद्यानंद अपनी सांस्कृतिक मंडली स्वर्ग लोक नृत्य मंडल के साथ मिलकर व देश-विदेश में कई मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं.
विद्यानंद सरैक को इससे पहले भी कई प्रदेशों में व संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है, जिनमें पंजाब कला शास्त्री अकादमी द्वारा लोकनृत्य ज्ञान लोक साहित्य पुरस्कार भी शामिल है. विद्यानंद को वर्ष 2016 का गीत एवं नाटक अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार जोगी देश के राष्ट्रपति द्वारा ही प्रदान किया गया था. इस पुरस्कार में उन्हें एक ताम्र पत्र व एक लाख की नकद राशि प्रदान की गई थी. अब विद्यानंद सरैक को पद्मश्री से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है, जिसके बाद न केवल जिला सिरमौर बल्कि हिमाचल का मान बढ़ा है. वहीं, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हुए विख्यात लोक कलाकार विद्यानंद सरैक ने इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है.
ये भी पढ़ें: बदलाव की संभावना! कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली तलब, मंगलवार को सोनिया गांधी के साथ होगी बैठक