राजगढ़ः कोरोना महामारी के कारण राजगढ़ के प्रसिद्ध एवं पारंपारिक जिला स्तरीय बैसाखी मेले का आयोजन इस बार भी नहीं हो पाया. लेकिन देव पंरपरा का निर्वाहन करने और क्षेत्र में खुशहाली बनी रहे इसके के लिए सिरमौर जनपद के अराध्य देवता शिरगुल महाराज की पालकी की शोभायात्रा शहर में निकाली गई.
इस दौरान शिरगुल महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए सैकड़ों लोग सुबह से ही मंदिर पहुंचते. वहीं, कोविड नियमों का पालन करते हुए शोभा यात्रा को निकाला गया, लेकिन इस यात्रा में मंदिर कमेटी के कुछ ही सदस्य शामिल हो सके.
जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी अध्यक्ष सूरत सिंह ने बताया कि प्रसिद्ध व पारंपारिक जिला स्तरीय बैसाखी मेला शिरगुल देवता के नाम से लगाया जाता है. इस मेले से लोगों की श्रद्धा व आस्था जुड़ी है. उन्होंने बताया कि ये मेला बैसाख माह की सक्रांति को शुरू होता है. इस मेले का शुभारम्भ शिरगुल देवता की पूजा, अर्चना के साथ ही किया जाता है.
दर्शनों के लिए देवता शोभायात्रा निकाली
उन्होंने बताया कि क्षेत्र की खुशहाली और लोगों के दर्शनों के लिए देवता की पालकी राजगढ़ बाजार में निकाली जाती है. पिछले वर्ष पालकी कोरोना महामारी के कारण शोभायात्रा नहीं निकालने के कारण लोगों में काफी निराशा थी.
कोरोना के कारण मेले का आयोजन नहीं हो सका
इस वर्ष जिला स्तरीय मेले का आयोजन नहीं हो सका, लेकिन देव परम्परा का निर्वाहन करने के लिए प्रशासन की ओर से पालकी निकालने की अनुमति मिली. जिसका निर्वहन सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया गया. पालकी पुराने बस स्टेंड से होते हुए राडगढ़ के निचले बाजार व नेहरु मैदान के बाद मंदिर पहुंची. इस दौरान रास्तें में लोगों ने शिरगुल महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया.
बता दें कि प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना महामारी के मामलों को देखते हुए सरकार ने 50 से अधिक लोगों को किसी कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है. मेले, देव कर्यक्रमों सहित नई गाइडलाइन जारी की है.
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