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पूर्णमासी के दिन पांवटा गुरुद्वारा में भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, संतों व भक्तों के लिए विशेष इंतजाम - पांवटा गुरुद्वारा

ऐतिहासिक गुरुद्वारा में पूर्णमासी के दिन बाहरी राज्यों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. सोमवार सुबह से ही गुरुद्वारा पांवटा साहिब में श्रद्धालु अपने शीश झुकाते हुए नजर आए.

devotees reached Gurdwara Paonta
पूर्णमासी के दिन पांवटा गुरुद्वारा में श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे
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Published : Mar 9, 2020, 4:29 PM IST

पांवटा साहिबः ऐतिहासिक गुरुद्वारा में पूर्णमासी के दिन बाहरी राज्यों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. सोमवार सुबह से ही गुरुद्वारा पांवटा साहिब में श्रद्धालु अपने शीश झुकाते हुए नजर आए.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित पांवटा साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. यहां सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोबिन्द सिंह जी ने दसवें ग्रंथ लिखा गया था. उन्हीं की याद में यहां गुरुद्वारा बनाया गया है. यहां हजारों पर्यटक हर वर्ष आते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

आज भी यहां गुरु गोबिंद सिंह जी की कलम इत्यादि सामान मौजूद है. जिन्हें दर्शन के लिए म्यूजियम में रखा गया है. सिख समुदाय में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति इस गुरुद्वारे में दर्शन के लिए जाना चाहता है. वहीं, पांवटा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरभजन सिंह ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं का यहां पर आना शुरू हो गया था. गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं के लिए हर तरह का आयोजन यहां पर कमेटी ने प्रबंध किया गया है.

वही, गुरुद्वारा कमेटी के मैनेजर जागीर सिंह ने बताया कि पंजाब हरियाणा दिल्ली अमृतसर इत्यादि राज्यों से पहुंचे संतों को खान-पान व रहन-सहन के लिए हर तरह के इंतजाम गुरुद्वारा में किए गए हैं. ताकि यहां पर हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो.

ये भी पढ़ेंः कोरोना के चलते छोटी काशी में फीका रहा होली का पर्व, सेरी मंच रहा सुनसान

पांवटा साहिबः ऐतिहासिक गुरुद्वारा में पूर्णमासी के दिन बाहरी राज्यों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. सोमवार सुबह से ही गुरुद्वारा पांवटा साहिब में श्रद्धालु अपने शीश झुकाते हुए नजर आए.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित पांवटा साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. यहां सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोबिन्द सिंह जी ने दसवें ग्रंथ लिखा गया था. उन्हीं की याद में यहां गुरुद्वारा बनाया गया है. यहां हजारों पर्यटक हर वर्ष आते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

आज भी यहां गुरु गोबिंद सिंह जी की कलम इत्यादि सामान मौजूद है. जिन्हें दर्शन के लिए म्यूजियम में रखा गया है. सिख समुदाय में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति इस गुरुद्वारे में दर्शन के लिए जाना चाहता है. वहीं, पांवटा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरभजन सिंह ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं का यहां पर आना शुरू हो गया था. गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं के लिए हर तरह का आयोजन यहां पर कमेटी ने प्रबंध किया गया है.

वही, गुरुद्वारा कमेटी के मैनेजर जागीर सिंह ने बताया कि पंजाब हरियाणा दिल्ली अमृतसर इत्यादि राज्यों से पहुंचे संतों को खान-पान व रहन-सहन के लिए हर तरह के इंतजाम गुरुद्वारा में किए गए हैं. ताकि यहां पर हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो.

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