नाहन: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के फेज-2 के अंतर्गत जिला सिरमौर के 14 गांवों को 9 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से आदर्श गांव बनाया जाएगा. इस संदर्भ में नाहन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने की.
योजना के तहत संबंधित गांवों को आदर्श गांव बनाने को लेकर डीसी सिरमौर ने अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना फेज-2 के तहत 14 गांव चयनित किए गए हैं, जिनके कार्य आरंभ हो चुके हैं. ये वो गांव हैं, जहां पर अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों की संख्या ज्यादा है. उन्होंने बताया कि संबंधित 14 गांवों में योजना के तहत 2194 हाउस होल्ड व 12 हजार के आसपास आबादी लाभान्वित होगी.
डीसी ने बताया कि संबंधित गांवों में बुनियादी मूलभूत सुविधाओं के ढांचे को मजबूत करना है, जिस पर कार्य किया जाना है. उन्होंने बताया कि हर गांव में 20 लाख रुपये की राशि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से व्यय की जाएगी.
कुल 9 करोड़ 21 लाख रुपये की राशि इन गांवों पर खर्च की जाएगी. डीसी ने बताया कि संबंधित गांवों को आदर्श गांव बनाने के लिए 2 साल का समय निश्चित किया गया है, लेकिन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित गांवों में जो 180 के आसपास कार्य किए जाने हैं, वह डेढ़ साल के भीतर पूरे किए जाए.
इन आदर्श गांव में होंगे विभिन्न तरह के कार्य
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित 14 गांव में विकास खंड संगडाह के 6 गांव भवाई, चाड़ना, जामू, माईना गढेल, भाटगढ़, चोकर, विकास खंड शिलाई के 2 गांव मानल व अजरोली, विकास खंड राजगढ़ के नई-नेटी व भानत होंगे. इसके अलावा विकास खंड नाहन के गांव नाहन, थाना-कसोगा, बर्मा पापड़ी व विकास खंड पच्छाद का गांव नेरी नावन शमिल है. इन सभी गांवों में विभिन्न तरह के विकास कार्य करवाएं जाएंगे.
डीसी सिरमौर ने बताया कि चयनित किए गए सभी 14 आदर्श गांव में गलियों को पक्का किया जाएगा. ड्रेनेज का निर्माण होगा. सोलर लाइटें स्थापित की जाएगी. पीने के पानी की सुविधा प्रदान करनी है. ड्राप आउट बच्चों को वापस मुख्य धारा में लाना है. यदि किसी को स्कॉलरशिप की जरूरत है, वह मुहैया करवाना है. इसके अलावा विद्यालयों में सैनिटरी नैपकिन, वेंडिंग मशीन व इंसीनरेटर आदि को भी प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा.
डीसी ने कहा कि इन सभी कार्यों के चलते एक आदर्श गांव की जो परिकल्पना है, उसको इस योजना के माध्यम से चरितार्थ किया जाएगा. लिहाजा ये गांव जहां आने वाले दिनों में जिला सिरमौर के लिए आदर्श होंगे, वहीं अपने लिए भी आदर्श होंगे.
कुल मिलाकर चयनित 14 गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत आदर्श गांव बनाने की दिशा में प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि आने वाले डेढ़ साल के भीतर संबंधित गांवों की अलग ही तस्वीर देखने को मिलेगी.