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फिर उपजा गुरुद्वारा श्री टोका साहिब विवाद, कानूनी रूप से व्यवस्था चलाने को लेकर दिया धरना

सिरमौर जिले के कालाअंब के मीरपुर कोटला में स्थित गुरुद्वारा श्री टोका साहिब प्रबंध कमेटी को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. मंगलवार को एक बार फिर एक गुट ने दूसरे गुट पर आरोप लगाते हुए नाहन एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना दिया. वहीं, दूसरे गुट ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.

Gurdwara Sri Toka Sahib
गुरुद्वारा श्री टोका साहिब
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Published : Mar 8, 2022, 4:23 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले के हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर स्थित कालाअंब के मीरपुर कोटला में स्थित गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के प्रबंधन को लेकर काफी समय से चला आ रहा विवाद एक बार फिर सामने आया है. यहां दो गुटों के बीच गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा है. ऐसे में एक बार फिर एक गुट ने दूसरे गुट पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाहन स्थित एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना दिया. अपना रोष व्यक्त करते हुए हिमाचल सरकार से गुरुद्वारा श्री टोका साहिब की व्यवस्था कानूनी रूप से चलाने की मांग की है.

मीडिया से बात करते हुए गुरुद्वारा श्री टोका साहिब प्रबंधन कमेटी के सदस्य जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि 25 जून 2021 को गवर्निंग बॉडी द्वारा महेंद्र सिंह को बर्खास्त कर जुलाई 2021 में सरदार कर्मवीर सिंह को कमेटी का प्रधान चुना गया था, लेकिन आज तक निष्कासित प्रधान ने नवनियुक्त प्रधान को चार्ज नहीं दिया. इसको लेकर को लेकर कई बार प्रशासन व पुलिस के पास शिकायत भी की गई.

उन्होंने महेंद्र सिंह पर गुरुद्वारा साहिब की जमीन पर बड़े स्तर पर खेर के पेड़ों के अवैध कटान, गुरुद्वारा से आगे अवैध रूप से खनन करने, वितीय अनियमितताओं सहित कई गंभीर आरोप लगाए. इस पूरे मामले को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार को शिकायत भेजी जा रही है, जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गुरुद्वारा श्री टोका साहिब की व्यवस्था को कानूनी रूप से चलाने की मांग की गई है.


दूसरी तरफ पूछे जाने पर इस मामले में दूसरे गुट के महेंद्र सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. उन्होंने जरनैल सिंह के गुट पर गुरुद्वारा साहिब की आबोहवा बिगाड़ने सहित धार्मिक संस्थान को राजनीतिक अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि गुरुद्वारा साहिब के विवाद को लेकर अपना स्पष्टीकरण और पक्ष हमेशा प्रशासन के समक्ष भी ही रखा है. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि गुरुद्वारा श्री टोका साहिब का सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार के पास भेजा गया है. लिहाजा जो भी निर्णय होगा, वह स्वीकार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रशासन खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष रुप से चुनाव प्रक्रिया को फिर से संपन्न करवाएं. कुल मिलाकर गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के प्रबंधन को लेकर पिछले काफी समय से दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है और लगातार एक दूसरे की कमेटी को अवैध बताने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें: भूमि अधिकारों पर नाहन में बैठक, शामलात भूमि को लेकर लोगों ने सरकार से उठाई ये मांग

नाहन: सिरमौर जिले के हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर स्थित कालाअंब के मीरपुर कोटला में स्थित गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के प्रबंधन को लेकर काफी समय से चला आ रहा विवाद एक बार फिर सामने आया है. यहां दो गुटों के बीच गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा है. ऐसे में एक बार फिर एक गुट ने दूसरे गुट पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाहन स्थित एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना दिया. अपना रोष व्यक्त करते हुए हिमाचल सरकार से गुरुद्वारा श्री टोका साहिब की व्यवस्था कानूनी रूप से चलाने की मांग की है.

मीडिया से बात करते हुए गुरुद्वारा श्री टोका साहिब प्रबंधन कमेटी के सदस्य जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि 25 जून 2021 को गवर्निंग बॉडी द्वारा महेंद्र सिंह को बर्खास्त कर जुलाई 2021 में सरदार कर्मवीर सिंह को कमेटी का प्रधान चुना गया था, लेकिन आज तक निष्कासित प्रधान ने नवनियुक्त प्रधान को चार्ज नहीं दिया. इसको लेकर को लेकर कई बार प्रशासन व पुलिस के पास शिकायत भी की गई.

उन्होंने महेंद्र सिंह पर गुरुद्वारा साहिब की जमीन पर बड़े स्तर पर खेर के पेड़ों के अवैध कटान, गुरुद्वारा से आगे अवैध रूप से खनन करने, वितीय अनियमितताओं सहित कई गंभीर आरोप लगाए. इस पूरे मामले को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार को शिकायत भेजी जा रही है, जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गुरुद्वारा श्री टोका साहिब की व्यवस्था को कानूनी रूप से चलाने की मांग की गई है.


दूसरी तरफ पूछे जाने पर इस मामले में दूसरे गुट के महेंद्र सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. उन्होंने जरनैल सिंह के गुट पर गुरुद्वारा साहिब की आबोहवा बिगाड़ने सहित धार्मिक संस्थान को राजनीतिक अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि गुरुद्वारा साहिब के विवाद को लेकर अपना स्पष्टीकरण और पक्ष हमेशा प्रशासन के समक्ष भी ही रखा है. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि गुरुद्वारा श्री टोका साहिब का सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार के पास भेजा गया है. लिहाजा जो भी निर्णय होगा, वह स्वीकार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रशासन खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष रुप से चुनाव प्रक्रिया को फिर से संपन्न करवाएं. कुल मिलाकर गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के प्रबंधन को लेकर पिछले काफी समय से दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है और लगातार एक दूसरे की कमेटी को अवैध बताने की कोशिश की जा रही है.

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