नाहनः हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला लहसुन का एक बड़ा उत्पादक जिला माना जाता है. यहां उच्च गुणवत्ता के लहसुन की पैदावार होती है, जोकि बांग्लादेश सहित तमिलनाडु के अलावा देश की कई मंडियों में भेजा जाता है. इस साल जिला में करीब 4,000 हेक्टेयर भूमि में लहसुन की बंपर फसल हुई है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
इस मामले में रेणुका जी के विधायक विनय कुमार ने सरकार से जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है. विधायक विनय कुमार ने कहा कि उन्होंने लहसुन का समर्थन मूल्य देने को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कुछ दिनों पहले पत्र लिखा था और सरकार की तरफ से इसका जवाब आया है कि संबंधित पत्र कार्रवाई के लिए कृषि विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेज दिया गया है.
अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग इस दिशा में कितना काम करता है. विधायक ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस बार किसानों को कोरोना वायरस के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है. लिहाजा सरकार इस दिशा में जल्द से जल्द उचित कदम उठाएं.
पिछले साल की अपेक्षा इस बार आधे भी नहीं मिल रहे दाम
विधायक विनय कुमार ने कहा कि पिछले साल 60 से 65 रुपये किलो लहसुन के दाम किसानों को मिल रहे थे, लेकिन आज की तारीख में लहसुन के दाम 25 से 26 रुपये किलो तक सिमट कर रह गए हैं. इस बार लहसुन की बंपर फसल रेणुका सहित जिला सिरमौर में हुई है, लेकिन किसानों के पास न तो फसल को स्टोर करने के लिए स्थान है और न ही ट्रांसपोर्टेशन का कोई माध्यम है.
ये भी पढ़ें- अब नाहन में भी होंगे कोरोना के टेस्ट, प्रदेश की छठवीं कोविड लैब बनकर तैयार
विधायक ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग रखी है कि सरकार किसानों की फसल के लिए ट्रांसपोर्टेशन का कोई हल निकाले. साउथ की मंडियों में यहां के लहसुन की भारी डिमांड है, लेकिन यहां लहसुन के जो दाम मिल रहे हैं, वह पिछले वर्ष के परीक्षा आधे भी नहीं है. ऐसे में जल्द से जल्द सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करें.
कुल मिलाकर सिरमौर जिला में इस बार लहसुन पर कोरोना वायरस भारी पड़ा है और किसानों को देश की विभिन्न मंडियों तक फसल पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है.
ये भी पढ़ें- COVID-19: हिमाचल में कोरोना के 186 एक्टिव केस, कुल संक्रमितों का आंकड़ा हुआ 447