नाहन: सिरमौर जिले के नाहन विधानसभा क्षेत्र की मात्तर पंचायत में प्रस्तावित आदि बद्री बांध परियोजना का निर्माण प्रस्तावित (Adi Badri Dam project) है. इसी कड़ी में बुधवार को जिला मुख्यालय नाहन में बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि आवंटित की गई. इस दौरान बचत भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने करीब 21 प्रभावित परिवारों को तकरीबन 3 करोड़ रुपए की राशि के चेक वितरित (Adi Badri Dam project affected families) किए.
मीडिया से बात करते हुए विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने बताया कि मात्तर पंचायत में प्रस्तावित आदि बद्री बांध के माध्यम से सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास राष्ट्रीय स्तर से चला हुआ है. इसी कड़ी में लगभग 260 करोड़ की लागत से इस बांध का निर्माण यहां किया जाएगा. इस बांध के निर्माण की धन राशि हरियाणा सरकार द्वारा खर्च की जा रही है, जबकि प्रदेश का बिजली विभाग इस बांध का निर्माण करेगा. उन्होंने बताया कि आदि बद्री बांध परियोजना से प्रभावित होने वाले करीब 21 परिवारों को मुआवजा राशि वितरित की गई.
22 लाख रुपए बीघा के हिसाब से लगभग 3 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि इन परिवारों को आवंटित की गई है, ताकि यह प्रभावित लोग अपने जीवन में समृद्धि की ओर अग्रसर हो (Adi Badri Dam in Himachal) सके. उन्होंने बताया कि मातर पंचायत में सड़कों, पेयजल के निर्माण के लिए 34 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी. यह राशि भी सरकार के पास आ चुकी है. विधायक बिंदल ने कहा कि बांध निर्माण से मात्तर क्षेत्र में पर्यटन का विकास हो सकता है. मत्स्य पालन के तहत एक बहुत बड़ा व्यवसाय बांध से बनने वाला है. उसके लिए भी धन राशि का प्रावधान इस बांध के अंदर रखा गया है.
बांध निर्माण से सरस्वती नदी होगी पुनर्जीवित: दरअसल देश की पुराणिक नदियों में शुमार सरस्वती नदी को पुर्नजीवित करने के लिए केंद्र, हरियाणा व हिमाचल सरकार आदिबद्री में बांध प्रस्तावित (Adi Badri Dam) है. इस बांध का निर्माण नाहन विधानसभा क्षेत्र की मात्तर पंचायत में हरियाणा की सीमा पर होना है. आदि बद्री बांध के निर्माण से हिमाचल व हरियाणा के किसानों को सिंचाई व पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा. इसके साथ ही बरसात के दिनों में आदि बद्री व हरियाणा के यमुनानगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के पानी से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से भी निजात मिलेगी.
88 हेक्टेयर भूमि डूब जाएगी: बता दें कि आदि बद्री में 88 हेक्टेयर भूमि बांध में डूब जाएगी. जिसमें हिमाचल प्रदेश की भूमि 77 हेक्टेयर भूमि शामिल है और हरियाणा की 11 हेक्टेयर भूमि शामिल (Compensation to Adi Badri Dam Project Affected) है. बांध के निर्माण से हिमाचल की 77 और हरियाणा की 11 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाएगी. जिसमें से 75 हेक्टेयर हिमाचल की वन भूमि व 2 हेक्टेयर निजी भूमि इस बांध में आएगी.
33 मीटर ऊंचे आदि बद्री बांध का निर्माण: आदि बद्री स्थान पर बांध का निर्माण कार्य होने से 3 किलोमीटर की झील बनेगी. इस झील का प्रयोग हरियाणा व हिमाचल सरकार संयुक्त रूप से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी करेंगे. भविष्य में यह झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी. आदि बद्री बांध के समीप ही सदियों पुराना माता मंत्रा देवी का मंदिर है, जोकि हरियाणा व हिमाचल के लाखों लोगों की कुलदेवी भी है. अब यह स्थल भी धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित होगा.
सरस्वती नदी का उद्गम स्थल बताया जाता है आदि बद्री क्षेत्र: हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर स्थित आदिबद्री स्थान को सरस्वती नदी का उद्गम स्थान भी बताया जाता है. सरस्वती नदी हिमाचल से होती हुई हरियाणा, राजस्थान व गुजरात की ओर जाती (Revival of Saraswati River) है. सरस्वती नदी हरियाणा से निकलने के बाद विलुप्त हो जाती है, जिसे की देश के अन्य राज्यों में कहीं-कहीं दिखाई देने की बात भी सामने आती है. सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के लिए आदि बद्री बांध का निर्माण विकास में अहम योगदान देगा.
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