नाहन: सिरमौर जिले के संगड़ाह फॉरेस्ट रेंज के अंतर्गत आने वाले थयानबाग के जंगल से 114 देवदार के पेड़ काटने वाले वन माफिया अथवा लोगों का 5 दिन बाद भी पुलिस व वन विभाग पता नहीं लगा पाए. दरअसल 114 पेड़ों की लकड़ी बरामद करने के लिए गठित संयुक्त टीम की छापेमारी के दौरान संबंधित अधिकारियों के अनुसार अब तक बरामद हुए 300 के करीब नग अथवा लॉग्स में से 1 भी पेड़ काटने वाले के पास से नहीं मिला और थ्यानबाग, भवाई व हरिपुरधार के आसपास उक्त नग खेतों या जंगल में फेंके मिले.
अधिकारियों का मानना है कि तलाशी अभियान शुरू होने के बाद से लोग अपने घरों में रखे गए लकड़ी अथवा नग को बाहर फेंक रहे हैं. पुलिस लकड़ी बरामद होने वाली जमीन अथवा खेतों के मालिक का पटवारियों से पता लगाकर इस बारे कार्रवाई करने की बात कह रही है. विभाग द्वारा इस मामले में भवाई बीट वन रक्षक व कार्यवाहक बीओ को हालांकि सस्पेंड किया जा चुका है. मगर वन माफिया अभी तक चंगुल से बाहर है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी वन रक्षक को भी इस मामले में अग्रिम जमानत मिल चुकी है.
बता दें कि हरिपुरधार के आसपास के वन परिक्षेत्र संगड़ाह (Case of cutting of deodar trees in Sirmaur) के हिमालई जंगलों में इससे पहले भी कईं बार बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ काटे जाने के मामले सामने आए हैं. रेंज के कजवा के जंगल में भी गत 20 अप्रैल को देवदार के 31 पेड़ काटने का मामला सामने आया था, जिनमें से 143 नग इसी गांव के मंदिर से बरामद हुए थे. विडंबना यह है कि थयानबाग में 114 पेड़ काटने वाले किसी भी शख्स को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है और वन रक्षक पर एफआईआर के बाद बड़े अधिकारी इस मामले में हुई लापरवाही के जिम्मेदार नही बताए जा रहे हैं.
वहीं, श्री रेणुका जी वन मंडल की डीएफओ उर्वशी ठाकुर ने बताया कि पुलिस व वन विभाग की संयुक्त टीम काटे गए पेड़ों के 300 के करीब नग बरामद कर चुकी है और सोमवार को भी तलाशी अभियान जारी रहा.उधर संगड़ाह के डीएसपी शक्ति सिंह ने कहा कि मामले की तहकीकात जारी है और जिस जगह में लकड़ी बरामद हुई है, उस जमीन के मालिकों का पता लगाने के प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है.
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