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Mango Production In Sirmaur: सिरमौर में ‘आम’ की बंपर फसल, इतने उत्पादन की उम्मीद जता रहा बागवानी विभाग

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Published : Jun 7, 2022, 6:55 PM IST

सिरमौर जिले में 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फलों (Bumper crop of Mango in Sirmaur) का उत्पादन होता है, जिसमें से करीब 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है. इस बार आम की फसल बहुत अच्छी होने की संभावना है. इस बार करीब 4 हजार मीट्रिक टन आम की फसल होने के आसार हैं.

Mango Production In Sirmaur
सिरमौर में आम की फसल

नाहन: देवभूमि हिमाचल फल राज्य के रूप में भी जाना जाता है. समय-समय पर यहां विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है. सिरमौर जिला भी अपने रसीले फलों की उपज के लिए मशहूर है. इन दिनों जिले के गर्म व मैदानी इलाकों में आम की फसल तैयार हो रही है. बागवानी विभाग भी इस बार फलों के राजा माने जाने वाले आम की बंपर फसल की उम्मीद जता रहा है.

दरअसल जिले में 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फलों (Bumper crop of Mango in Sirmaur) का उत्पादन होता है, जिसमें से करीब 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है. इन दिनों जिले के धौलाकुआं, विक्रमबाग, शंभूवाला, नाहन, पांवटा साहिब आदि क्षेत्रों में आम से पेड़ लदे हुए हैं. बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मौसम ने साथ दिया, तो इस वर्ष जिले में आम की बंपर फसल होने की संभावना है, जिससे बागवानों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. यही नहीं, जिले में बागवानी विभाग के 2 फलों के बगीचे भी करीब 6 लाख रूपए में नीलाम हो चुके हैं.

बागवानी विभाग जिला सिरमौर के उपनिदेशक डॉ. सतीश शर्मा

बागवानी विभाग जिला सिरमौर के (Horticulture Department District Sirmaur) उपनिदेशक डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि जिला सिरमौर में (Mango Production In Sirmaur) फल फसल के अंतर्गत 18 हजार हेक्टयर क्षेत्र का है. जिसमें से लगभग 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है. पिछले वर्ष आम की फसल ज्यादा नहीं थी, लेकिन इस बार आम की फसल बहुत अच्छी होने की संभावना है. इस बार करीब 4 हजार मीट्रिक टन आम की फसल होने के आसार हैं. जबकि पिछले साल जिले में 2500 से 2700 मीट्रिक टन ही आम का उत्पादन हो पाया था. उपनिदेशक ने बताया कि जिले में आम की दसहरी, अमरपाली, लंगड़ा आदि मुख्य किस्में होती हैं. साथ ही आचारी आम के तौर पर रामकेला फसल होती है.

उन्होंने बताया कि इस बार बागवानी विभाग के 2 फलों के फार्म शीरु माइला और धौलाकुआं 3-3 लाख रुपए में नीलाम हुए हैं. उपनिदेशक ने बताया कि यदि इसी तरह मौसम ने साथ दिया और तूफान व ओलावृष्टि नहीं हुई, तो आम का उत्पादन करने (Bumper crop of Mango in Sirmaur) वाले किसानों व बागवानों को इस बार फसल का काफी लाभ मिलेगा. जिससे अच्छी आमदनी होने की संभावना है. कुल मिलाकर जिले में गर्मी के दौरान आम व लीची इत्यादि उगाए जाते हैं और इस वर्ष आम की अच्छी फसल से बागवानों को भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है.

नाहन: देवभूमि हिमाचल फल राज्य के रूप में भी जाना जाता है. समय-समय पर यहां विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है. सिरमौर जिला भी अपने रसीले फलों की उपज के लिए मशहूर है. इन दिनों जिले के गर्म व मैदानी इलाकों में आम की फसल तैयार हो रही है. बागवानी विभाग भी इस बार फलों के राजा माने जाने वाले आम की बंपर फसल की उम्मीद जता रहा है.

दरअसल जिले में 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फलों (Bumper crop of Mango in Sirmaur) का उत्पादन होता है, जिसमें से करीब 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है. इन दिनों जिले के धौलाकुआं, विक्रमबाग, शंभूवाला, नाहन, पांवटा साहिब आदि क्षेत्रों में आम से पेड़ लदे हुए हैं. बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मौसम ने साथ दिया, तो इस वर्ष जिले में आम की बंपर फसल होने की संभावना है, जिससे बागवानों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. यही नहीं, जिले में बागवानी विभाग के 2 फलों के बगीचे भी करीब 6 लाख रूपए में नीलाम हो चुके हैं.

बागवानी विभाग जिला सिरमौर के उपनिदेशक डॉ. सतीश शर्मा

बागवानी विभाग जिला सिरमौर के (Horticulture Department District Sirmaur) उपनिदेशक डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि जिला सिरमौर में (Mango Production In Sirmaur) फल फसल के अंतर्गत 18 हजार हेक्टयर क्षेत्र का है. जिसमें से लगभग 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम का उत्पादन होता है. पिछले वर्ष आम की फसल ज्यादा नहीं थी, लेकिन इस बार आम की फसल बहुत अच्छी होने की संभावना है. इस बार करीब 4 हजार मीट्रिक टन आम की फसल होने के आसार हैं. जबकि पिछले साल जिले में 2500 से 2700 मीट्रिक टन ही आम का उत्पादन हो पाया था. उपनिदेशक ने बताया कि जिले में आम की दसहरी, अमरपाली, लंगड़ा आदि मुख्य किस्में होती हैं. साथ ही आचारी आम के तौर पर रामकेला फसल होती है.

उन्होंने बताया कि इस बार बागवानी विभाग के 2 फलों के फार्म शीरु माइला और धौलाकुआं 3-3 लाख रुपए में नीलाम हुए हैं. उपनिदेशक ने बताया कि यदि इसी तरह मौसम ने साथ दिया और तूफान व ओलावृष्टि नहीं हुई, तो आम का उत्पादन करने (Bumper crop of Mango in Sirmaur) वाले किसानों व बागवानों को इस बार फसल का काफी लाभ मिलेगा. जिससे अच्छी आमदनी होने की संभावना है. कुल मिलाकर जिले में गर्मी के दौरान आम व लीची इत्यादि उगाए जाते हैं और इस वर्ष आम की अच्छी फसल से बागवानों को भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है.

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