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सिरमौर में बागवानी पर पड़ी सूखे की मार, फलों की सेहत बिगड़ने से 111 लाख का नुकसान - सिरमौर में सूखा

सिरमौर जिले में सूखे के कारण 3468 ऐसे बागवान हैं, जिन्हें नुकसान झेलना पड़ा है. जिले में इस मर्तबा 1730 मीट्रिक टन फलों के (Loss To horticulture In Sirmaur Due To Drought) नुकसान का अनुमान है, जबकि बागवानी का 1222 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे की चपेट में है, जहां पर फलदार पौधे प्रभावित हुए हैं.

Loss To horticulture In Sirmaur Due To Drought
सिरमौर में बागवानी पर पड़ी सूखे की मार
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Published : Apr 25, 2022, 5:43 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले में कृषि के साथ-साथ बागवानी भी सूखे की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रही है. पिछले करीब 2 महीने से बारिश न होने की वजह से जिले में फलों की सेहत भी बिगड़ी है. लिहाजा जिले में बागवानी को 111 लाख रूपए का नुकसान हुआ है. दरअसल यह आंकड़ा सूखे का है. अंधड़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

इस बार सूखे ने फलों की सेहत पूरी (Loss To horticulture In Sirmaur Due To Drought) तरह बिगाड़ दी है. उद्यान विभाग के जिले में 6 खंड हैं, ऐसा कोई खंड नहीं, जहां फलदार पौधे प्रभावित नहीं हुए. बता दें कि अरसे से जिले में बारिश नहीं हो पाई है. इससे फलदार पौधों पर आए फूल काफी मात्रा में झड़ गए हैं. जो फूल बच गए थे, उनके फल पूरी ग्रोथ नहीं पकड़ रहे. इससे बागवानों को बाजार में फल के मूल्य भी कम मिलने की संभावनाएं बनी हैं.

सिरमौर में बागवानी पर पड़ी सूखे की मार


जिला उद्यान विभाग की कार्यकारी उपनिदेशक डॉ. नीना ठाकुर ने बताया कि इस बार सूखे के कारण जिले में 3468 ऐसे बागवान हैं, जिन्हें नुकसान झेलना पड़ा है. जिले में इस मर्तबा 1730 मीट्रिक टन फलों के नुकसान का अनुमान है, जबकि बागवानी का 1222 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे की चपेट में है, जहां पर फलदार पौधे प्रभावित हुए हैं.


उन्होंने बताया कि फलदार पौधों के लिए आवश्यक (Horticulture damage due to drought) नमी न मिलने से इस बार फलों की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर गहरा असर पड़ा है. कार्यकारी उपनिदेशक के अनुसार जिला सिरमौर के ऊपरी इलाकों में सेब, आडू, नाशपाती, प्लम, खुमानी आदि फलों को नुकसान पहुंचा है, तो निचले यानी गर्म इलाकों में आम, लीची, अनार और स्ट्रॉबेरी भी सूखे से अछूती नहीं रही है. उन्होंने बताया कि फ्लावरिंग के दौरान बारिश न होने की वजह से नमी गायब हो गई. अब फलों का साइज नहीं बन रहा. वहीं, अंधड़ से नुकसान का आंकड़ा एकत्रित किया जा रहा है.

जिले में कहां, कितना नुकसान- उद्यान विभाग के अनुसार जिले में पीच वैली राजगढ़ में आडू सहित सेब व अन्य कई फलों का उत्पादन हो रहा है. यहां 336 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे से प्रभावित होने से बागवानी को 33 लाख का नुकसान हुआ है. इसी तरह शिलाई खंड में 162 हेक्टेयर भूमि पर लगी बागवानी को 10 लाख, पच्छाद में 120 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होने से 22 लाख, नाहन में 153 हेक्टेयर क्षेत्र में 12 लाख, पांवटा साहिब में 144 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 लाख और संगड़ाह में 307 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे की चपेट में आने से 25 लाख का नुकसान हुआ है.

नाहन: सिरमौर जिले में कृषि के साथ-साथ बागवानी भी सूखे की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रही है. पिछले करीब 2 महीने से बारिश न होने की वजह से जिले में फलों की सेहत भी बिगड़ी है. लिहाजा जिले में बागवानी को 111 लाख रूपए का नुकसान हुआ है. दरअसल यह आंकड़ा सूखे का है. अंधड़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

इस बार सूखे ने फलों की सेहत पूरी (Loss To horticulture In Sirmaur Due To Drought) तरह बिगाड़ दी है. उद्यान विभाग के जिले में 6 खंड हैं, ऐसा कोई खंड नहीं, जहां फलदार पौधे प्रभावित नहीं हुए. बता दें कि अरसे से जिले में बारिश नहीं हो पाई है. इससे फलदार पौधों पर आए फूल काफी मात्रा में झड़ गए हैं. जो फूल बच गए थे, उनके फल पूरी ग्रोथ नहीं पकड़ रहे. इससे बागवानों को बाजार में फल के मूल्य भी कम मिलने की संभावनाएं बनी हैं.

सिरमौर में बागवानी पर पड़ी सूखे की मार


जिला उद्यान विभाग की कार्यकारी उपनिदेशक डॉ. नीना ठाकुर ने बताया कि इस बार सूखे के कारण जिले में 3468 ऐसे बागवान हैं, जिन्हें नुकसान झेलना पड़ा है. जिले में इस मर्तबा 1730 मीट्रिक टन फलों के नुकसान का अनुमान है, जबकि बागवानी का 1222 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे की चपेट में है, जहां पर फलदार पौधे प्रभावित हुए हैं.


उन्होंने बताया कि फलदार पौधों के लिए आवश्यक (Horticulture damage due to drought) नमी न मिलने से इस बार फलों की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर गहरा असर पड़ा है. कार्यकारी उपनिदेशक के अनुसार जिला सिरमौर के ऊपरी इलाकों में सेब, आडू, नाशपाती, प्लम, खुमानी आदि फलों को नुकसान पहुंचा है, तो निचले यानी गर्म इलाकों में आम, लीची, अनार और स्ट्रॉबेरी भी सूखे से अछूती नहीं रही है. उन्होंने बताया कि फ्लावरिंग के दौरान बारिश न होने की वजह से नमी गायब हो गई. अब फलों का साइज नहीं बन रहा. वहीं, अंधड़ से नुकसान का आंकड़ा एकत्रित किया जा रहा है.

जिले में कहां, कितना नुकसान- उद्यान विभाग के अनुसार जिले में पीच वैली राजगढ़ में आडू सहित सेब व अन्य कई फलों का उत्पादन हो रहा है. यहां 336 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे से प्रभावित होने से बागवानी को 33 लाख का नुकसान हुआ है. इसी तरह शिलाई खंड में 162 हेक्टेयर भूमि पर लगी बागवानी को 10 लाख, पच्छाद में 120 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित होने से 22 लाख, नाहन में 153 हेक्टेयर क्षेत्र में 12 लाख, पांवटा साहिब में 144 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 लाख और संगड़ाह में 307 हेक्टेयर क्षेत्र सूखे की चपेट में आने से 25 लाख का नुकसान हुआ है.

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