नाहन: बिजली के क्षेत्र में सिरमौर जिले को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए बिजली बोर्ड ने योजना तैयार की है. इसके तहत जहां औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब व पांवटा साहिब में 220 केवी के दो सब स्टेशन स्थापित किए जाएंगे तो वहीं, जिले में 33 केवी के 12 सब स्टेशन भी स्वीकृत किए गए हैं. यही नहीं, बिजली व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए सरकार के माध्यम से बिजली बोर्ड द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं.
इस संबंध में प्रदेश के बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने विस्तार से जानकारी दी. साथ ही उम्मीद जताई कि तैयार की गई योजना के तहत जब सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे, तो बिजली के क्षेत्र में यहां के लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि सिरमौर जिले को बिजली के क्षेत्र में और अधिक सुदृढ़ करने (Electricity system in Sirmaur) के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है.
औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में 220 केवी के सबस्टेशन का कार्य चल रहा है. यह सबस्टेशन काफी समय से लंबित पड़ा था क्योंकि इसके लिए जिस भूमि का अधिग्रहण किया गया था, उसकी किस्म जंगलझाड़ी थी. पिछली सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जिसका परिणाम यह निकला कि हर वर्ष सवा 5 करोड़ की पेनल्टी देते रहे. मगर वर्तमान सरकार में इस सब स्टेशन का एफसीए को केस बनाकर दिल्ली भेजा गया और स्वीकृति मिलने के बाद अब इसका कार्य चल रहा है. इससे जिले को बड़ा लाभ मिलेगा.
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि (Electricity Substation in Sirmaur) जिले के अलग-अलग हिस्सों के लिए 33 केवी के 12 नए सब स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं. जिनमें से कई का कार्य चल रहा है और शेष कार्य भी जल्द शुरू कर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब के गोंदपुर में भी 220 केवी का एक और सब स्टेशन स्वीकृति के लिए विचाराधीन है, जिस पर करीब 105 करोड़ रुपये व्यय किए जाने हैं. जैसे ही यह सब स्टेशन भी स्वीकृत होता है तो इससे भी जिले को बड़ा लाभ मिलने वाला है.
इसी तरह श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के चाड़ना में भी 132 केवी का सब स्टेशन स्वीकृति के लिए विचाराधीन है. जिसकी काफी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं. इसका मामला भी वर्ल्ड बैंक को भेजा गया है. ऊर्जा मंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि बिजली के क्षेत्र में जब यह सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे तो जिले में जहां बिजली व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी तो वहीं, जिले को इससे बड़ा लाभ भी मिलेगा.
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