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KARSOG: सूखे से परेशान ग्रामीण पहुंचे अशणी महादेव के द्वार, बारिश के लिए मांगी दुआ - करसोग में पेयजल संकट

करसोग में लंबे समय से सूखे से परेशान चल रहे ग्रामीणों को अब बारिश के लिए भगवान का ही सहारा है. यहां सोमवार को तीन पंचायतों को लोगों ने अशणी स्थित महादेव (Mahadev temple in Ashani) के मंदिर में सूखा समाप्त करने को बारिश के लिए पुकार की. श्रद्धालुओं ने इस दौरान मंदिर में रुद्राभिषेक कर बारिश की कामना की.

Villagers prayed at Mahadev temple in Ashni for rain in Karsog
करसोग में बारिश को लेकर ग्रामीणों ने अशणी स्थित महादेव मंदिर में की प्रार्थना
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Published : Apr 11, 2022, 7:32 PM IST

करसोग: करसोग में लंबे समय से सूखे से परेशान चल रहे ग्रामीणों को अब बारिश के लिए भगवान का ही सहारा है. यहां सोमवार को तीन पंचायतों को लोगों ने अशणी स्थित महादेव (Mahadev temple in Ashani) के मंदिर में सूखा समाप्त करने को बारिश के लिए पुकार (Villagers prayed for Rain in Karsog) की. श्रद्धालुओं ने इस दौरान मंदिर में रुद्राभिषेक कर बारिश की कामना की. मंदिर में पहले पूजा पाठ किया गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने लाइनों में खड़ होकर मंदिर के समीप तीन नालों के संगम स्थल पर बने चश्में से जल लाकर जलेहरी को भरा.

इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता रहा. मंदिर में बारिश के लिए कन्या पूजन भी किया गया. मान्यता है कि क्षेत्र में सूखा पड़ने पर ग्रामीण अशणी महादेव मंदिर में तीन नालों के संगम स्थल पर चश्मों से जल लाकर शिवलिंग पर डालते है. ऐसे में जलेहरी भरते ही महाकाल बहुत जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है. ग्रामीणों के मुताबिक पहले भी कई बार भोलेनाथ प्रसन्न होकर बारिश के रूप में भक्तों की मनोकामना को पूर्ण कर चुके हैं.

वीडियो.

बता दें कि करसोग में पिछले डेढ़ महीने से बारिश नहीं हुई है. ऐसे में क्षेत्रों में मटर सहित आलू, जौ और गेहूं की फसल खेतों में मुरझा कर बर्बाद होने लगी है. जिससे किसानों के सामने रोटी का भी संकट पैदा हो गया है. किसानों ने बैकों से लोन लेकर हजारों रुपये बीज पर खर्च किए हैं, लेकिन सूखे की वजह से फसलें बर्बाद हो रही है. ऐसे में गरीब किसानों को बीज पर आई लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. यही नहीं क्षेत्र में बहुत से प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत सूखने की कगार पर हैं.

खड्डों और नालों में जल स्तर घट गया है. जिससे लोगों को अप्रैल माह में ही पेयजल संकट (water crisis in karsog) की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में लंबे सूखे से परेशान ग्रामीणों को अब भगवान शिव ही एकमात्र सहारा नजर आ रहे हैं. मंदिर न्यास समिति अशणी के प्रधान चंद्रेश शर्मा का कहना है कि लंबे समय से क्षेत्र में सूखा पड़ा है. जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. इसको देखते हुए मंदिर में सब लोगों ने भगवान शिव का आवाहन कर बारिश की कामना की है. मान्यता है कि मंदिर में जलेहरी भरने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और क्षेत्र में ढाई दिनों के अंदर बारिश होती है.

ये भी पढ़ें: Summer Festival Shimla 2022: शिमला के रिज पर फिर सजेगा मंच, 2 साल बाद होगा समर फेस्टिवल का आयोजन

करसोग: करसोग में लंबे समय से सूखे से परेशान चल रहे ग्रामीणों को अब बारिश के लिए भगवान का ही सहारा है. यहां सोमवार को तीन पंचायतों को लोगों ने अशणी स्थित महादेव (Mahadev temple in Ashani) के मंदिर में सूखा समाप्त करने को बारिश के लिए पुकार (Villagers prayed for Rain in Karsog) की. श्रद्धालुओं ने इस दौरान मंदिर में रुद्राभिषेक कर बारिश की कामना की. मंदिर में पहले पूजा पाठ किया गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने लाइनों में खड़ होकर मंदिर के समीप तीन नालों के संगम स्थल पर बने चश्में से जल लाकर जलेहरी को भरा.

इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता रहा. मंदिर में बारिश के लिए कन्या पूजन भी किया गया. मान्यता है कि क्षेत्र में सूखा पड़ने पर ग्रामीण अशणी महादेव मंदिर में तीन नालों के संगम स्थल पर चश्मों से जल लाकर शिवलिंग पर डालते है. ऐसे में जलेहरी भरते ही महाकाल बहुत जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है. ग्रामीणों के मुताबिक पहले भी कई बार भोलेनाथ प्रसन्न होकर बारिश के रूप में भक्तों की मनोकामना को पूर्ण कर चुके हैं.

वीडियो.

बता दें कि करसोग में पिछले डेढ़ महीने से बारिश नहीं हुई है. ऐसे में क्षेत्रों में मटर सहित आलू, जौ और गेहूं की फसल खेतों में मुरझा कर बर्बाद होने लगी है. जिससे किसानों के सामने रोटी का भी संकट पैदा हो गया है. किसानों ने बैकों से लोन लेकर हजारों रुपये बीज पर खर्च किए हैं, लेकिन सूखे की वजह से फसलें बर्बाद हो रही है. ऐसे में गरीब किसानों को बीज पर आई लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. यही नहीं क्षेत्र में बहुत से प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत सूखने की कगार पर हैं.

खड्डों और नालों में जल स्तर घट गया है. जिससे लोगों को अप्रैल माह में ही पेयजल संकट (water crisis in karsog) की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में लंबे सूखे से परेशान ग्रामीणों को अब भगवान शिव ही एकमात्र सहारा नजर आ रहे हैं. मंदिर न्यास समिति अशणी के प्रधान चंद्रेश शर्मा का कहना है कि लंबे समय से क्षेत्र में सूखा पड़ा है. जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. इसको देखते हुए मंदिर में सब लोगों ने भगवान शिव का आवाहन कर बारिश की कामना की है. मान्यता है कि मंदिर में जलेहरी भरने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और क्षेत्र में ढाई दिनों के अंदर बारिश होती है.

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