मंडीः जिला मंडी के वन मंडल नाचन के अंतर्गत सराज के जंगल में खनोर और मैपल के पेड़ों की तस्करी करने का मामला सामने आया है. रात के अंधेरे में तस्कर लकड़ियों को काटने में जुटे हुए थे. हालांकि स्थानीय लोगों के आने की भनक लगते ही तस्कर रात के अंधरे में मौके से फरार होने में कामयाब रहे.
वहीं, तस्करी के लिए इस्तेमाल होने वाले औजार कटर, आरी, कुल्हाड़ी, पेट्रोल, बैग मौके पर ही छोड़ गए. विभाग ने बरामद असले को जब्तकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार मामला तब उजागर हुआ जब देर रात बखारी के जंगल के बीच तस्कर वारदात को अंजाम दे रहे थे. ग्रामीणों ने आरी की आवाज सुनते ही बीट गार्ड बलबंत सिंह को इसकी सूचना दी.
बीट गार्ड ने सूचना मिलते ही ग्रामीणों के साथ रात को जंगल में दबिश दी. लोगों के आने की भनक लगते ही तस्कर घटनास्थल से फरार हो गए. जंगल में नए तरह के गोरख धंधे के मामले ने वन विभाग को चौंका दिया है. डीएफओ नाचन तीर्थराज धीमान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि बखारी के जंगल में कुछ अज्ञात लोगों ने खनोर और मैपल के पेड़ों को क्षति पहुंचाई है. वन विभाग ने मौके से तीन बड़े बैग, तीन पैट्रोल की बोतलें, कुल्हाड़ी और आरी समेत 12 लकड़ी के पीस बरामद कर अपने कब्जे में ले लिए हैं.
डीएफओ नाचन ने बताया कि वन विभाग की टीम जंगल को छान रही है. इस पर रिपोर्ट के बाद पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा. विभाग मामले की छानबीन में जुट गया है.
गौरतलब है कि भौगोलिक दृष्टि से सराज के जंगल बेशकीमती पेड़ों के लिए विख्यात है. पिछले कुछ सालों में तस्करों की ऐसी नजर पड़ी है कि उन्होंने अब खनोर और मैपल के दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों को निशाना बना कर गोरख धंधे की नई तरकीब खोज ली है. प्रथम दृष्टया मामले में लकड़ी की तस्करी के तार बाहरी राज्यों आसाम, उड़ीसा से जुड़ने की आशंका जताई जा रही है. जहां इन लकड़ियों का मंहगी सामग्रियों में इस्तेमाल होता है.
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