सुक्खू के लिए अब भी वीरभद्र जरूरी, भाजपा के सियासी केंद्र रहे हमीरपुर की कांग्रेसी तिकड़ी पर निगाहें!
कांग्रेस के साथ ही सुक्खू के लिए भी दिवंगत हो चुके कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के समर्थकों का साथ जरूरी है. बेशक कांग्रेस हाईकमान ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए फील्डिंग सेट कर ली है, लेकिन इस नेता इस फील्डिंग में कितने फिट बैठेंगे यह तो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का स्कोर ही तय करेगा. प्रदेश कांग्रेस में हुए बड़े फेरबदल में हमीरपुर जिले पर खासा फोक्स कांग्रेस हाईकमान का रहा है. इस फोक्स के कई मायने हैं. प्रदेश में हमीरपुर को पिछले तीन दशक से भाजपा की मजबूत कड़ी माना जाता रहा है.
Pension Sankalp Rally: पुरानी पेंशन की मांग को लेकर रिकांगपिओ में सरकारी कर्मचारियों का हल्ला बोल
पेंशन कर्मचारी महासंघ जिला किन्नौर द्वारा वीरवार को (Pension Sankalp Rally in Kinnaur) रिकांगपिओ में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विशाल रैली का आयोजन किया. इस रैली में जिले के विभिन्न विभागों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने भाग लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की.
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे राज्य स्वास्थ्य समिति के कर्मचारी जहां अपने नियमितीकरण की राह ताक रहे हैं तो वहीं, नियमितीकरण के लिए जो कमेटी के द्वारा एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसे भी जल्द (NHM worker himachal) से जल्द कैबिनेट में पारित करने की मांग की जा रही है. इसी मांग को लेकर कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कुल्लू में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मिला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर (PM Modi relation with Himachal) कहने से कभी नहीं चूकते. पीएम मोदी देवभूमि की ब्रांडिंग करने में कभी पीछे नहीं रहते. पीएम मोदी ने पहले अमेरिका में हिमाचल के आर्गेनिक शहद और कांगड़ा टी के स्वाद को पहुंचाया, फिर इजरायल में हिमाचल की टोपी के प्रति जिज्ञासा जगाई और अब शिमला से चंबा के मेटल वर्क, कुल्लू की पूलों की ब्रांडिंग (PM Modi Promote himachali product) की है.
सिरमौर जिले के धौलाकुआं में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में स्थापित अति आधुनिक स्वचालित मौसम केंद्र जिले के किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है. किसानों को समय-समय पर मौसम का अपडेट मिल रहा है. हालांकि यह स्वचालित मौसम केंद्र धौला कुआं में अपनी सेवाएं दे रहा है, लेकिन इसकी पल-पल की निगरानी पुणे से की जा रही है. हर 15 मिनट के बाद इससे अपडेट मिलती हैं, जिसे मुख्य कार्यालय प्रेषित किया जाता है. लिहाजा इस केंद्र के बनने से यहां के किसानों को जहां मौसम बारे सटीक पूर्वानुमान मिल रहा है, तो वहीं इसी जानकारी के साथ उन्हें फसल की बिजाई, दवा का छिड़काव इत्यादि के बारे में भी परामर्श दिए जा रहे हैं.
तिब्बती आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा ने उत्तर भारतीय पहाड़ी शहर धर्मशाला में मुख्य बौद्ध मंदिर त्सुगलगखांग में दो दिवसीय प्रवचन शुरू किया. यह तिब्बती युवाओं के लिए एक विशेष शिक्षा है. पढ़ें पूरी खबर...
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में स्टाफ की कमी अब मरीजों पर भारी पड़ने लगी (Kidney transplant in IGMC Shimla) है. स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है और मरीज इलाज करवाने के लिए बाहरी राज्यों का रूख कर रहे हैं. आईजीएमसी में इन दिनों किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो रहा है. डाॅक्टराें की कमी के चलते किडनी ट्रांसप्लांट बंद कर दिए गया है. हालांकि, कुछ मरीजाें ने इसके लिए आवेदन भी किया हुआ है, लेकिन उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए मना कर दिया गया है.
हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) में कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमलावर है. इसकी जांच एसआईटी से जारी रखने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने के एसआईटी के दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला सीबीआई को देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यह मामला सीबीआई को नहीं दिया गया.
अब देश के दूरदराज और गांव-देहात में भी दूरसंचार की बेहतर सुविधा (telecom services in the rural area) देने के साथ-साथ हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने में भी मदद मिलेगी. दरअसलल आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं (IIT Mandi researchers) ने वायरलेस संचार के भावी उपयोगों में स्पेक्ट्रम की कमी दूर करने की तकनीक विकसित करने में सफलता हासिल की है.
क्या ऐसे होगी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई! खंडहर हो चुका भवन, डर के साये में पढ़ाई करने को मजबूर छात्र
हिमाचल प्रदेश में आज भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चे खतरे के साए में पढ़ाई करने को मजबूर है. हिमाचल प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों की वर्षों पुरानी इमारतें छात्रों के लिए डर का माहौल पैदा कर रही हैं. पिछले कई सालों से बच्चे ऐसी ही इमारतों में पढ़ रहे हैं. कई खंडहर भवन तो जुगाड़ के सहारे ही चल रहे हैं, तो कहीं उधार के भवनों में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. बिलासपुर जिले में भी एक ऐसा ही (Bad condition of chilt government school) स्कूल है, जहां बच्चे खतरे के साए में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. पढ़ें पूरी खबर...