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सरकार के खिलाफ गरजे टिप्पर ऑपरेटर्स, विभिन्न मांगों को लेकर सुकेत टिप्पर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक

एम फॉर्म नहीं होने के कारण मंडी जिले के सुंदरनगर में टिप्पर ऑपरेटरों (Tipper Operators in Sundernagar) की परेशानी बढ़ गई है.ऑपरेटरों का कहना है कि एम फॉर्म नहीं होने के कारण सरकारी विभागों को वह सामान की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं और पुलिस भी बिना एम फॉर्म के सड़क पर वाहन चलाने पर मोटी जुर्माना राशि लगा रही है. विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को सुकेत टिप्पर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (Suket Tipper Operator Welfare Association) की बैठक धनोटू ट्रक यूनियन परिसर में आयोजित की गई.

Suket Tipper Operator Welfare Association meeting
सुकेत टिप्पर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक
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Published : Jan 9, 2022, 7:02 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 8:22 PM IST

सुंदरनगर: सुकेत टिप्पर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (Suket Tipper Operator Welfare Association) की बैठक रविवार को धनोटू ट्रक यूनियन परिसर (Dhanotu Truck Union Complex) में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता यूनियन के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र भंडारी ने की. इस मौके पर क्रशर संचालकों द्वारा रेत व बजरी को बिना एम फॉर्म लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया. टिप्पर ऑपरेटरों (Tipper Operators in Sundernagar) ने कहा कि रेत व बजरी की खरीद की राशि का भुगतान करने पर भी उन्हें एम फॉर्म नहीं दिए जा रहे हैं.

ऑपरेटरों का कहना है कि एम फॉर्म नहीं होने के कारण सरकारी विभागों को वह सामान की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं और पुलिस भी बिना एम फॉर्म के सड़क पर वाहन चलाने पर मोटी जुर्माना राशि लगा रही है. जिसके कारण टिप्पर चालकों की कमर टूट गई है. टिप्पर ऑपरेटर (महेश कुमार, बिंदर कुमार, सुंदर लाल, वरुण ठाकुर, मुनी लाल, महेंद्र राणा, कृष्ण चंद, अमर सिंह, दिनेश कुमार, पंकज कुमार व अजय कुमार) का कहना है कि बिना एम फॉर्म एक तरफ जहां वाहनों के चालान हो रहे हैं, वहीं ठेकेदारों को सरकारी विभाग से भुगतान नहीं मिल पा रही.

उन्होंने कहा कि पंचायतों को दिए गए सामान के बिल भी पास नहीं हो पा रहे. ऑपरेटरों ने सरकार से मांग की है कि वह सुनिश्चित करे कि हर क्रशर मालिक रेत-बजरी की खरीद पर एम फॉर्म जारी करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए. ऑपरेटरों ने खनन विभाग (Mining Department in Mandi) पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है, जो प्रदेश सरकार को एम फॉर्म से मिलने वाले राजस्व के हो रहे नुकसान पर भी चुप्पी साधे बैठा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फिर बढ़ रहा कोरोना, 15 जनवरी तक सीएम के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित

इस मौके पर प्रस्ताव पारित कर यह भी मांग की गई कि सरकार खड्डों में वैध खनन के पट्टों को बढ़ाए और जिन लोगों की मलकियत में रेत-बजरी के भंडार है. उन्हें इसे बेचने के लिए लाइसेंस दे. वहीं, इस बात को लेकर रोष भी जताया गया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल (Corona Cases in himachal) के दौरान प्रभावित हुए बस और टैक्सी ऑपरेटरों के तो टोकन टैक्स व गुड्स टैक्स माफ कर दिए हैं, लेकिन इसमें एक बड़ा वर्ग जिसमें ट्रक व टिप्पर ऑपरेटर शामिल हैं, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई. ऐसे में प्रदेश में उनके साथ सरासर नाइंसाफी है. उन्होंने इस वर्ग के भी टैक्स माफ करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: PM Modi Security Breach: CM जयराम और सुरेश कश्यप ने राज्यपाल से की मुलाकात, ज्ञापन सौंपकर की ये मांग

सुंदरनगर: सुकेत टिप्पर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (Suket Tipper Operator Welfare Association) की बैठक रविवार को धनोटू ट्रक यूनियन परिसर (Dhanotu Truck Union Complex) में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता यूनियन के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र भंडारी ने की. इस मौके पर क्रशर संचालकों द्वारा रेत व बजरी को बिना एम फॉर्म लेने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया. टिप्पर ऑपरेटरों (Tipper Operators in Sundernagar) ने कहा कि रेत व बजरी की खरीद की राशि का भुगतान करने पर भी उन्हें एम फॉर्म नहीं दिए जा रहे हैं.

ऑपरेटरों का कहना है कि एम फॉर्म नहीं होने के कारण सरकारी विभागों को वह सामान की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं और पुलिस भी बिना एम फॉर्म के सड़क पर वाहन चलाने पर मोटी जुर्माना राशि लगा रही है. जिसके कारण टिप्पर चालकों की कमर टूट गई है. टिप्पर ऑपरेटर (महेश कुमार, बिंदर कुमार, सुंदर लाल, वरुण ठाकुर, मुनी लाल, महेंद्र राणा, कृष्ण चंद, अमर सिंह, दिनेश कुमार, पंकज कुमार व अजय कुमार) का कहना है कि बिना एम फॉर्म एक तरफ जहां वाहनों के चालान हो रहे हैं, वहीं ठेकेदारों को सरकारी विभाग से भुगतान नहीं मिल पा रही.

उन्होंने कहा कि पंचायतों को दिए गए सामान के बिल भी पास नहीं हो पा रहे. ऑपरेटरों ने सरकार से मांग की है कि वह सुनिश्चित करे कि हर क्रशर मालिक रेत-बजरी की खरीद पर एम फॉर्म जारी करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए. ऑपरेटरों ने खनन विभाग (Mining Department in Mandi) पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है, जो प्रदेश सरकार को एम फॉर्म से मिलने वाले राजस्व के हो रहे नुकसान पर भी चुप्पी साधे बैठा है.

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इस मौके पर प्रस्ताव पारित कर यह भी मांग की गई कि सरकार खड्डों में वैध खनन के पट्टों को बढ़ाए और जिन लोगों की मलकियत में रेत-बजरी के भंडार है. उन्हें इसे बेचने के लिए लाइसेंस दे. वहीं, इस बात को लेकर रोष भी जताया गया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल (Corona Cases in himachal) के दौरान प्रभावित हुए बस और टैक्सी ऑपरेटरों के तो टोकन टैक्स व गुड्स टैक्स माफ कर दिए हैं, लेकिन इसमें एक बड़ा वर्ग जिसमें ट्रक व टिप्पर ऑपरेटर शामिल हैं, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई. ऐसे में प्रदेश में उनके साथ सरासर नाइंसाफी है. उन्होंने इस वर्ग के भी टैक्स माफ करने की मांग की है.

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Last Updated : Jan 9, 2022, 8:22 PM IST
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