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धर्मपुर में पहले दिन कई प्रत्याशियों ने भरा नामांकन, चुनावी प्रचार में जुटे उम्मीदवार

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Published : Dec 31, 2020, 10:56 PM IST

धर्मपुर में नामांकन पत्र भरने के पहले दिन कई प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए और पंचायत चुनावों के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश की. वहीं, एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में यह साफ है कि प्रत्याशी का माता-पिता, दादा-दादी किसी ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया हो या फिर उसकी मिशल बनी हुई है तो वह चुनाव के लिए अधिकृत नहीं होगा.

Dharampur panchayat election
Dharampur panchayat election

धर्मपुर/मंडीः हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है. गुरुवार से नामांकन पत्र की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. पहले दिन पूरे हिमाचल में सैकड़ों उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए. वहीं, धर्मपुर में भी कई प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए और पंचायत चुनावों के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश की.

लेकिन धर्मपुर में कई प्रत्याशी जिन्होंने साल 2002 में शपथ पत्र देकर यह स्वीकार किया था कि उनके पास सरकारी भूमि है और अब यह शपथ पत्र उनके गले की फांस बन सकता है. इस पर एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में यह साफ है कि प्रत्याशी का माता-पिता, दादा-दादी किसी ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया हो या फिर उसकी मिशल बनी हुई है तो वह चुनाव के लिए अधिकृत नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास सरकारी भूमि है और पटवारी ने उसकी मिशल बनाई है लेकिन तब तक वह आयोग्य करार नहीं दिया जाएगा जब तक यह साबित नहीं हो जायेगा कि इस सरकारी भूमि पर इसी व्यक्ति ने कब्जा किया हुआ है.

उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने इसके बारे में शिकायत देनी है तो वह एआरओ के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है और एआरओ उसकी शिकायत को खारिज करता है तो वह उनके पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. ऐसे में कई प्रत्याशियों के नाम धर्मपुर में रद्द हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नए साल पर बेरोजगार युवाओं को तोहफा, पुलिस के 1334 पद भरने को मिली मंजूरी

धर्मपुर/मंडीः हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है. गुरुवार से नामांकन पत्र की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. पहले दिन पूरे हिमाचल में सैकड़ों उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए. वहीं, धर्मपुर में भी कई प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए और पंचायत चुनावों के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश की.

लेकिन धर्मपुर में कई प्रत्याशी जिन्होंने साल 2002 में शपथ पत्र देकर यह स्वीकार किया था कि उनके पास सरकारी भूमि है और अब यह शपथ पत्र उनके गले की फांस बन सकता है. इस पर एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में यह साफ है कि प्रत्याशी का माता-पिता, दादा-दादी किसी ने भी सरकारी भूमि पर कब्जा किया हो या फिर उसकी मिशल बनी हुई है तो वह चुनाव के लिए अधिकृत नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास सरकारी भूमि है और पटवारी ने उसकी मिशल बनाई है लेकिन तब तक वह आयोग्य करार नहीं दिया जाएगा जब तक यह साबित नहीं हो जायेगा कि इस सरकारी भूमि पर इसी व्यक्ति ने कब्जा किया हुआ है.

उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने इसके बारे में शिकायत देनी है तो वह एआरओ के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है और एआरओ उसकी शिकायत को खारिज करता है तो वह उनके पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. ऐसे में कई प्रत्याशियों के नाम धर्मपुर में रद्द हो सकते हैं.

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