ETV Bharat / city

सौतेली मां ने घर से निकाला, जंगल के बीच झोपड़ी में जीने को मजबूर परिवार

पिंगला पंचायत में एक परिवार जंगल के बीचोंबीच बांस के बने झोपड़े में बिना मूलभूत सुविधाओं के जीवन व्यतीत कर रहा है. परिवार को बिजली छोड़कर बाकी कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

shelter in the forest
अपनी दो साल की बेटी के साथ रीना.
author img

By

Published : Aug 25, 2020, 9:38 AM IST

मंडी: जिला मंडी के उपमंडल सरकाघाट की पिंगला पंचायत में एक परिवार जंगल में बिना मूलभूत सुविधाओं के रहने को मजबूर है. यह परिवार जंगल के बीचोंबीच बांस के बने झोपड़े में बिना मूलभूत सुविधाओं के जीवन व्यतीत कर रहा है.

सुरेंद्र कुमार अपनी 2 वर्षीय बेटी और पत्नी के साथ रिस्सा पंचायत के गांव छिंबा बल्ह में धरयाला नामक स्थान पर निवास कर रहा है. यह परिवार गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर है. परिवार को बिजली छोड़कर बाकी कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

इस परिवार की विडंबना यह है कि सुरेंद्र कुमार के पिता ने 2 शादियां की हैं और सुरेंद्र कुमार उसकी पहली पत्नी की संतान है. पिता की भी मृत्यु हो गई है और सौतेली मां ने उसे घर से निकाल दिया है, जिसके चलते वह अपनी 2 वर्ष की बेटी और पत्नी के साथ जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है.

shelter in the forest in Mandi
इस झोपड़ी में रह रहा गरीब परिवार.

पिंगला पंचायत की प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार अपनी नशेड़ी आदतों के कारण कभी-कभी घर भी नहीं आता है और उसकी पत्नी रीना को अकेले ही अपनी 2 वर्षीय बेटी को लेकर रात गुजारनी पड़ती है.

आलम यह है कि आज तक यह पूरा परिवार किसी भी पंचायत में पंजीकृत नहीं हो पाया है. जिस वजह से इन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही. सुरेंद्र भी नश करता है ऐसे में परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है. सुरेंद्र और रीना की तीन बेटियां हैं, इनमें एक बेटी उनके साथ रहती है.

झोपड़ी में न पानी की व्यवस्था न शौचालय

पंचायत प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड नहीं बनाया है और न ही उसका कोई बैंक अकाऊंट है. झोंपड़ी में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय.

इस परिवार को वर्ष 2019 के नवम्बर महीने में बीपीएल परिवारों की सूची में डाल दिया गया है और उसके घर के लिए भी पंचायत द्वारा राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अनुशंसा कर दी गई है.

इस परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड और बैंक खाते खुलवाने का बीड़ा समाजसेवी सुनील कुमार शर्मा ने उठाया और परिवार की मदद करते हुए बैंक खाता खुलवा दिया है. उन्होंने क्षेत्र के लोगों से परिवार की आर्थिक सहायता करने का भी अनुरोध किया है.

क्या कहते हैं बीडीओ ?

खंड विकास अधिकारी गोपालपुर त्रिवेंद्र चनौरिया ने बताया कि सुरेंद्र कुमार को घर बनाने के लिए सरकार से राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें: शिमला में मिलेगा खतरनाक पेड़ों से छुटकारा, जल्द होगी सब कमेटी की बैठक: सुरेश भारद्वाज

मंडी: जिला मंडी के उपमंडल सरकाघाट की पिंगला पंचायत में एक परिवार जंगल में बिना मूलभूत सुविधाओं के रहने को मजबूर है. यह परिवार जंगल के बीचोंबीच बांस के बने झोपड़े में बिना मूलभूत सुविधाओं के जीवन व्यतीत कर रहा है.

सुरेंद्र कुमार अपनी 2 वर्षीय बेटी और पत्नी के साथ रिस्सा पंचायत के गांव छिंबा बल्ह में धरयाला नामक स्थान पर निवास कर रहा है. यह परिवार गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर है. परिवार को बिजली छोड़कर बाकी कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

इस परिवार की विडंबना यह है कि सुरेंद्र कुमार के पिता ने 2 शादियां की हैं और सुरेंद्र कुमार उसकी पहली पत्नी की संतान है. पिता की भी मृत्यु हो गई है और सौतेली मां ने उसे घर से निकाल दिया है, जिसके चलते वह अपनी 2 वर्ष की बेटी और पत्नी के साथ जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है.

shelter in the forest in Mandi
इस झोपड़ी में रह रहा गरीब परिवार.

पिंगला पंचायत की प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार अपनी नशेड़ी आदतों के कारण कभी-कभी घर भी नहीं आता है और उसकी पत्नी रीना को अकेले ही अपनी 2 वर्षीय बेटी को लेकर रात गुजारनी पड़ती है.

आलम यह है कि आज तक यह पूरा परिवार किसी भी पंचायत में पंजीकृत नहीं हो पाया है. जिस वजह से इन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही. सुरेंद्र भी नश करता है ऐसे में परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है. सुरेंद्र और रीना की तीन बेटियां हैं, इनमें एक बेटी उनके साथ रहती है.

झोपड़ी में न पानी की व्यवस्था न शौचालय

पंचायत प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड नहीं बनाया है और न ही उसका कोई बैंक अकाऊंट है. झोंपड़ी में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय.

इस परिवार को वर्ष 2019 के नवम्बर महीने में बीपीएल परिवारों की सूची में डाल दिया गया है और उसके घर के लिए भी पंचायत द्वारा राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अनुशंसा कर दी गई है.

इस परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड और बैंक खाते खुलवाने का बीड़ा समाजसेवी सुनील कुमार शर्मा ने उठाया और परिवार की मदद करते हुए बैंक खाता खुलवा दिया है. उन्होंने क्षेत्र के लोगों से परिवार की आर्थिक सहायता करने का भी अनुरोध किया है.

क्या कहते हैं बीडीओ ?

खंड विकास अधिकारी गोपालपुर त्रिवेंद्र चनौरिया ने बताया कि सुरेंद्र कुमार को घर बनाने के लिए सरकार से राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें: शिमला में मिलेगा खतरनाक पेड़ों से छुटकारा, जल्द होगी सब कमेटी की बैठक: सुरेश भारद्वाज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.