करसोग: करसोग में दूध कारोबार, लोगों की आजीविका का एक बड़ा (Milk production in Karsog) साधन बनता जा रहा. अब तक करीब 2600 परिवार हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के साथ दूध कारोबार से जुड़ चुके हैं. यहां गांव- गांव तक फैले सड़कों के जाल को देखते हुए हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन (HP Milkfed Shimla) भी हर क्षेत्र तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. ताकि ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा दूध खरीदा जा सके, जिससे उन्हें घरद्वार पर रोजगार एक बेहतर अवसर मिले. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के करसोग में स्थित मिल्क चिलिंग सेंटर (Milk Chilling Plant In karsog) ने भनेरा से आगे बगैण तक दूध की गाड़ी के रूट को एक्सटेंड करने की अनुमति दे दी है.
ऐसे में मंगलवार से इस रूट पर पशुपालकों को नियमित तौर से घरद्वार पर दूध बेचने की सुविधा मिलेगी. जिससे बगैण समेत आसपास के गांव के करीब 100 दुग्ध उत्पादकों का कीमती समय भी बचेगा. मिल्क चिलिंग सेंटर करसोग (Milk Chilling Plant In karsog) ने ट्रायल के तौर पर दूध की गाड़ी के रूट को भनेरा से आगे एक्सटेंड किया. इसके साथ ही दूध की गाड़ी को ट्रायल के लिए बगैण भेजा गया. जहां स्थानीय लोगों ने फुल माला पहनाकर दुग्ध उत्पादक सहकारी सभाओं के पदाधिकारियों का जोरदार स्वागत किया.
घरद्वार सुविधा मिलने पर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक हीरालाल, हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष निहाल शर्मा, प्रबंध निदेशक भूपेंद्र अत्री समेत चिलिंग मिल्क प्लांट के इंचार्ज लाल सिंह समेत सभी कर्मचारियों का आभार प्रकट किया है. हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन के मिल्क चिलिंग सेंटर करसोग के इंचार्ज लाल सिंह का कहना है कि पशुपालकों की सुविधा के लिए रूट को बगैण गांव तक एक्सटेंड किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी इस रूट पर भनेरा तक ही गाड़ी भेजी जाती थी, लेकिन सड़क पास होने के बाद रूट को बगैण गांव तक एक्सटेंड करने की अनुमति दी गई है.
ये भी पढ़ें: lampi Virus in Solan: लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए सोलन में 5 टीमें गठित