मंडी: करसोग में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना (Garbage Collection Scheme in Karsog) के तहत घरों से एकत्रित किए जाने वाले कूड़े कचरे को ठिकाने लगाना नगर पंचायत के लिए अब सिर दर्दी बन गया है. यहां उपमंडल के अंतर्गत केलो धार के अंतर्गत बालना में ग्रामीणों के विरोध के बाद नगर पंचायत ने डंपिंग साइट को बंद कर दिया (dumping site construction in Gagaun Nala) था. इसके साथ ही ममेल पंचायत के तहत गगौण नाला में नई डंपिंग साइट चिन्हित की गई, लेकिन यहां भी डंपिंग साइट तैयार करने की भनक लगते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने स्पॉट पर पहुंच कर कटिंग को लेकर लगाई गई जेसीबी मशीन को रोक दिया.
इसके बाद स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान नारायण सिंह वर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने करसोग पहुंचकर तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर डंपिंग साइट को लेकर अपनी असहमति जताई (dumping site in gagaun nalla) है. एसडीएम से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी. यही नहीं स्थानीय जनता ने इस मामले की पुलिस में भी शिकायत की है. जिसमें ग्रामीणों ने रात के समय डंपिंग साइट बनाने को लेकर लगाई गई जेसीबी से अवैध तरीके से सड़क निर्माण का भी आरोप (people against dumping site construction) लगाया है.
ऐसे में डंपिंग साइट को लेकर हो रहे चौतरफा विरोध से नगर पंचायत की मुश्किलें बढ़ गई है. पिछले लंबे समय से उपजे मतभेद को सुलझाने में नगर पंचायत पूरी तरह से नाकाम रही (protest in karsog ) है. इस मौके पर पंचायत समिति के उपाध्यक्ष रतन राणा, पंचायत प्रधान नारायण सिंह, सेवा निवृत्त कैप्टन चेतराम ठाकुर, हरिमन, वार्ड सदस्य सुभद्रा, महिला मंडल शांता देवी, लीला देवी, कमला देवी, मधु देवी, मोहन लाल, रमेश कुमार, परसराम व मंगतराम आदि उपस्थित रहे.
ग्रामीण बोले डंपिंग साइट से होगी बर्बादी: ममेल पंचायत के लोगों का कहना है कि गगौण नाला में डंपिंग साइट बनाने से साथ लगता प्राकृतिक पेयजल स्रोत दूषित हो जाएगा. जिससे करसोग स्कूल, कालेज, काणी-मंदलाह, सानणा, बातालबहली, भडारनु व नैहरा गांव में पानी की सप्लाई की जाती है. इससे हजारों लोग जल जनित रोगों की चपेट में आ जाएंगे. यही नहीं डंपिंग साइट में गंदगी फैलाने से जंगली जानवरों का आतंक भी बढ़ जाएगा. जो लोगों की फसलों को तबाह कर देंगे.
डंपिंग साइट से पेयजल स्रोत हो रहे दूषित: ममेल पंचायत के प्रधान नारायण सिंह का कहना है कि जिस स्थान पर नगर पंचायत डंपिंग साइट बना रही है. वहां प्राकृतिक पेयजल स्रोत है. जिससे हजारों लोगों को पानी की सप्लाई दी जाती (Mamel Panchayat people protest) है. डंपिंग साइट से पेयजल स्रोत दूषित हो जाएगा. उन्होंने कहा कि डंपिंग साइट से जंगली जानवरों का भी आतंक बढ़ जाएगा. जिससे लोगों को अपनी फसलें बचाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए स्थानीय जनता डंपिंग साइट का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि लोगों की बात को सुना गया है. इस मामले को एसडीएम के ध्यान में लाकर ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा.
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